- चढ़ाई चादर मांगी मन्नतें
मीरजापुर ( आशीष तिवारी ) कंतित उर्स के दूसरे दिन मंगलवार को बाबा का मजार जयरीनों से भरा रहा। सुबह से लेकर पूरी रात चादरपोशी करने वालों का तांता लगा रहा। कंतित से लेकर ओझला पुल तक सड़क पर पांव रखने की जगह न बची। सुबह ग्यारह बजे के बाद जैसे ही धूप तेज हुआ कि मेला क्षेत्र के अलावा खुले स्थान से भीड़ में नरमी आ गयी। पुनः जैैसे ही धूप ढला कि एक बारगी ओझला पुल से विंध्याचल तक सडको पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब ही उमड़ पड़ा। कंतित मजार पर तैनात सुरक्षाकर्मी आने व जाने वाले प्रत्येक जायरीनों पर अपनी नजरें गड़ाये रहे। बाबा के मजार पर चादर चढ़ाने के बाद आने वाले जायरीन मेला क्षेत्र का भ्रमण करते हुए एक से बढ़कर एक झूले का जहां आनन्द उठा रहे थे वहीं मेले में मौजूद कई दुकानों तक पहुंच अपनी सामथ्र्य अनुसार खरीददारी करते दिखे। मेले में बच्चों के लिए आये एक से बढ़कर एक झूले उनके आकर्षण का केन्द्र बनी रही।
मीरजापुर ( आशीष तिवारी ) कंतित उर्स के दूसरे दिन मंगलवार को बाबा का मजार जयरीनों से भरा रहा। सुबह से लेकर पूरी रात चादरपोशी करने वालों का तांता लगा रहा। कंतित से लेकर ओझला पुल तक सड़क पर पांव रखने की जगह न बची। सुबह ग्यारह बजे के बाद जैसे ही धूप तेज हुआ कि मेला क्षेत्र के अलावा खुले स्थान से भीड़ में नरमी आ गयी। पुनः जैैसे ही धूप ढला कि एक बारगी ओझला पुल से विंध्याचल तक सडको पर श्रद्धालुओं का जन सैलाब ही उमड़ पड़ा। कंतित मजार पर तैनात सुरक्षाकर्मी आने व जाने वाले प्रत्येक जायरीनों पर अपनी नजरें गड़ाये रहे। बाबा के मजार पर चादर चढ़ाने के बाद आने वाले जायरीन मेला क्षेत्र का भ्रमण करते हुए एक से बढ़कर एक झूले का जहां आनन्द उठा रहे थे वहीं मेले में मौजूद कई दुकानों तक पहुंच अपनी सामथ्र्य अनुसार खरीददारी करते दिखे। मेले में बच्चों के लिए आये एक से बढ़कर एक झूले उनके आकर्षण का केन्द्र बनी रही।
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