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 भिवंडी में बडी तेजी से  दिनों-दिन बढ़ते जा रही है  कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या ,इसे गंभीरता से लेते हुये विधायक रईस कासम  शेख के अहतेसाब सामाजिक संस्था के माध्यम से वन रूपी क्लीनिक एवं मनपा के संयुक्त तत्वाधान में एक लाख लोगों की जांच करके उनका निःशुल्क  उपचार  किया जायेगा। संस्था के माध्यम से भिवंडी में पहली बार कोविड मरीजों का ऑनस्पॉट जांच किया जायेगा। कोविड मरीजों के  उपचार  के लिये संस्था द्वारा 200 बेड का कोविड हॉस्पिटल बनाये जाने की भी योजना है। यह टीम भिवंडी के हॉटस्पॉट एरिया में घर-घर जाकर कोविड एवं नॉन कोविड सभी मरीजों की जांच करेगी और उनके  उपचार  की समुचित व्यवस्था करेगी। मनपा आयुक्त द्वारा घर-घर जाकर जांच करने के लिये वन रूपी क्लीनिक को अनुमति दे दी गई है। 
   कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण भिवंडी कोरोना का केंद्र बन गया है, भिवंडी की जनसंख्या के  अनुसार कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये मनपा प्रशासन द्वारा उपाय योजना में लापरवाही करने के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में बड़ी तेजी से वृद्धि होती गई। आईजीएम अस्पताल में बेड्स की काफी कमी होने के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों को  उपचार  के लिये भर्ती करने के बजाय ठाणे एवं मुंबई भेज दिया जा रहा था।एक तरफ शहर में कोविड मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही थी, तो वहीं दूसरी तरफ नॉन कोविड मरीजों को निजी अस्पतालों में भर्ती नहीं किया जा रहा था। नॉन कोविड मरीजों को  उपचार  के लिये अपने ही शहर में दर-दर भटकना पड़ रहा था जो बडे दुख की बात थी ।
 इस संदर्भ में  विधायक रईस शेख द्वारा लगातार पत्र व्यवहार किया गया था जिसके  चलते कोरोना की महामारी से लड़ने के लिये शहर में क्वारंटीन सेंटर,डीसीएचसी,आवश्यकतानुसार नया डीसीसी बनाया गया है। इसी के साथ नॉन कोविड मरीजों के लिये स्वतंत्र अस्पताल एवं कोविड मरीजों के लिये आईजीएम उपजिला अस्पताल में ऑक्सीजन बेड,वेंटीलेटर एवं चिकित्सा सुविधा के लिये चिकित्साधिकारी एवं कर्मचारी उपलब्ध कराया गया है।
विधायक रईस शेख ने बताया कि नागरिकों में कोरोना संक्रमण के बारे में जानकारी के अभाव एवं उसके भय के कारण शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है यह अज्ञानता का परिणाम है ।कोरोना संक्रमण को लेकर लोगों को जागरूक नहीं किया गया, जिसके कारण उनमें कोरोना को लेकर काफी अज्ञानता व्याप्त है । इससे पहले कोरोना का लक्षण दिखाई देने पर संदेहास्पद मरीज स्वंय जाकर कोरोना की जांच कराते थे । लेकिन अब कोरोना के संक्रमण को यदि जल्द से जल्द रोकना है तो हमें पहले ही कोरोना की जांच कराकर उसका  उपचार  कराना आवश्यक है। जिसके लिये सरकार द्वारा नागरिकों के घर-घर जाकर जांच करने व कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार  किया जाना चाहिये ।  

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