भिवंडी । एम हुसेन । महिलाओं सहित नागरिकों में गर्भपात नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण अनेकोबार गलती से गर्भपात पद्धती का प्रयोग करने से महिलाओं के आरोग्य को धोखा होने की संभावना है परिणाम स्वरुप महिलाओं के जीवन को भी धोखा निर्माण हो सकता है ।इसलिए महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात के नियमों की जानकारी होना समय की जरूरत है इस प्रकार का मनोगत प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ कल्याणी केलकर ने भिवंडी के फॅमिली प्लॅनिंग एसोशिएशन ऑफ इंडिया ( कुटुंब नियोजन संस्था)द्वारा आयोजित किए गए सुरक्षित गर्भपात दिन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किया है । उक्त अवसर पर कुटुंब नियोजन संस्था कार्यक्रम अधिकारी सुनंदा गवली सहित संस्था की अन्य सदस्या भी उपस्थित थीं ।इस अवसर पर संस्था द्वारा आयोजित होने वाले उपक्रम के संदर्भ में कार्यक्रम अधिकारी सुनंदा गवली ने जानकारी दी ।
गौरतलब है कि २८ सितम्बर से यह दिवस सर्वत्र सुरक्षित गर्भपात दिन के रूप में मनाया जा रहा है जिसमें गर्भपात बाबत महिलाओं को जनजागरुति न होने के कारण गर्भपात विषयी महिलाओं सहित नागरिकों में अज्ञानता व्यापात है। विशेष रूप से गर्भपात को भारत में अधिकृत मान्यता है इस संदर्भ में नियमों की जानकारी प्रत्येक महिला को होना जरूरी है। गर्भपात हेतु पूर्व सन १९७१ में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नंन्सी एक्ट (एमटीपी)के नियम निर्मित किया गया है ,इस नियम के अनुसार महिला स्वच्छेन नियमानुसार मार्ग का प्रयोग कर स्वेच्छेन सुरक्षित गर्भपात कर सकती हैं। असुरक्षित गर्भपात के कारण महिलाओं के आरोग्य को धोखा होने की संभावना होती है। जिसकारण लगभग महिलाओं में ८ प्रतिशत मृत्यु का प्रमाण है, असुरक्षित गर्भपात के कारण होनी सनसनीखेज जानकारी देखील डॉ केलकर ने इस अवसर पर दी है । इसलिए महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात के नियम बाबत जानकारी लेना जरूरी है इस प्रकार का आवाहन इन्होनें किया है।
महिलाओं को सक्षमीकरण के लिए एफपीए संस्था द्वारा देश के १७ राज्यों में काम शुरु है ,इसी क्रम में भिवंडी में पूर्व सन १९९६ -- ९७ से एफपीए संस्था कार्यरत है।इस संस्था के माध्यम से महिला प्रजजन आरोग्य व कुटुंब कल्याण सुविधा तथा आयसीटीसी व एचआयवी समुपदेशन तथा जांच भी इस संस्था द्वारा कराया जाता है । इसलिए महिलाओं के गर्भाशय तथा स्तन कॅन्सर संदर्भ की बीमारियों के बाबत जानकारी व जनजागृति सहित महिलाओं के आरोग्य के संदर्भ में सभी समस्याओं का निवारण भी एफपीए संस्था द्वाराकराया जाता है इस प्रकार की जानकारी इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी सुनंदा गवली ने दी ।
गौरतलब है कि २८ सितम्बर से यह दिवस सर्वत्र सुरक्षित गर्भपात दिन के रूप में मनाया जा रहा है जिसमें गर्भपात बाबत महिलाओं को जनजागरुति न होने के कारण गर्भपात विषयी महिलाओं सहित नागरिकों में अज्ञानता व्यापात है। विशेष रूप से गर्भपात को भारत में अधिकृत मान्यता है इस संदर्भ में नियमों की जानकारी प्रत्येक महिला को होना जरूरी है। गर्भपात हेतु पूर्व सन १९७१ में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नंन्सी एक्ट (एमटीपी)के नियम निर्मित किया गया है ,इस नियम के अनुसार महिला स्वच्छेन नियमानुसार मार्ग का प्रयोग कर स्वेच्छेन सुरक्षित गर्भपात कर सकती हैं। असुरक्षित गर्भपात के कारण महिलाओं के आरोग्य को धोखा होने की संभावना होती है। जिसकारण लगभग महिलाओं में ८ प्रतिशत मृत्यु का प्रमाण है, असुरक्षित गर्भपात के कारण होनी सनसनीखेज जानकारी देखील डॉ केलकर ने इस अवसर पर दी है । इसलिए महिलाओं को सुरक्षित गर्भपात के नियम बाबत जानकारी लेना जरूरी है इस प्रकार का आवाहन इन्होनें किया है।
महिलाओं को सक्षमीकरण के लिए एफपीए संस्था द्वारा देश के १७ राज्यों में काम शुरु है ,इसी क्रम में भिवंडी में पूर्व सन १९९६ -- ९७ से एफपीए संस्था कार्यरत है।इस संस्था के माध्यम से महिला प्रजजन आरोग्य व कुटुंब कल्याण सुविधा तथा आयसीटीसी व एचआयवी समुपदेशन तथा जांच भी इस संस्था द्वारा कराया जाता है । इसलिए महिलाओं के गर्भाशय तथा स्तन कॅन्सर संदर्भ की बीमारियों के बाबत जानकारी व जनजागृति सहित महिलाओं के आरोग्य के संदर्भ में सभी समस्याओं का निवारण भी एफपीए संस्था द्वाराकराया जाता है इस प्रकार की जानकारी इस अवसर पर कार्यक्रम अधिकारी सुनंदा गवली ने दी ।
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