संवाददाता, भिवंडी ।विकल्प समायोजन के अंंतर्गत जनवरी महीने में ही पालघर से स्थानांतरित होकर ठाणे जिला परिषद आए 13 शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा न तो स्कूल दिया गया है और न ही उन्हें वेतन का भुगतान किया जा रहा है। छह महीने से वेतन न मिलने के कारण उन शिक्षकों के समक्ष भुखमरी की समस्या उतपन्न हो गई है।
शिक्षकों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार कोकण आयुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद पालघर के सामंजस्य से 13 शिक्षक जनवरी 2019 में पालघर जिला परिषद के शिक्षा विभाग से कार्यमुक्त होकर ठाणे जिला परिषद शिक्षा विभाग में हाजिर हुए थे। छह महीना पहले जिला परिषद शिक्षा विभाग में हाजिर होने वाले 13 शिक्षकों को अभी तक स्थायी रूप से किसी स्कूल में भेजा नही गया है। शिक्षा विभाग द्वारा अस्थायी रूप से स्कूल में भेजने के कारण उन शिक्षकों को वेतन भी नहीं मिल रहा है, वेतन न मिलने के कारण उन शिक्षकों की आर्थिक स्थिति दिनों-दिन दयनीय होती जा रही है, आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण वेतन पर आधारित रहने वाले शिक्षकों के बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है और उनका घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। कई शिक्षकों ने बैंक एवं पतपेढ़ी से कर्ज भी लिया है जिसकी किश्त का भुगतान भी नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षकों की आर्थिक स्थिति का असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। एक शिक्षक ने बताया कि उनकी मां कैंसर की बीमारी से जूझ रही है। लेकिन उनके पास अपनी मां के कैंसर के उपचार के लिए भी पैसा नहीं है।मित्र व रिश्तेदारों से उधार लेकर उपचार करवा रहे थे लेकिन छह महीने से वेतन न मिलने के कारण अब उन्हें अपनी मां के उपचार के लिए भी कोई उधार देने वाला नहीं है। मां के कैंसर का उपचार न हो पाने के तनाव में उनकी हालत भी खराब होती जा रही है। शिक्षकों ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को 25 जून को पत्र लिखकर स्थायी रूप से स्कूल एवं उन्हें नियमित वेतन देने का अनुरोध किया है।
स्थायी रूप से स्कूल न दिए जाने के बारे में शिक्षकों ने बताया कि जिला परिषद द्वारा उनके मामले में कोर्ट केस का कारण बताया जा रहा है। लेकिन पालघर के जिन शिक्षकों की बदली ठाणे जिला में की गई है उनके मामले में कोर्ट में केस विचाराधीन है। कोर्ट के उक्त केस से इन शिक्षकों का कोई लेना देना नहीं है, इसके बावजूद कोर्ट केस के बहाने उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक),जिला परिषद ठाणे संगीता भागवत ने बताया कि
बदली हुए शिक्षकों का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण उन्हें कोई स्कूल नहीं दिया गया है। न्यायालय का निर्णय आने के बाद उन्हें जरूर स्कूल दिया जाएगा।
उक्त संदर्भ में सुभाष पवार - उपाध्यक्ष एवं सभापति शिक्षण विभाग,जिला परिषद ठाणे ने बताया कि
पालघर से बदली होकर आए शिक्षकों के मामले में न्यायालय ने अभी तक कोई निर्णय नहीं दिया है। इन सभी शिक्षकों को जल्दी ही स्कूल और वेतन देने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
शिक्षकों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार कोकण आयुक्त और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद पालघर के सामंजस्य से 13 शिक्षक जनवरी 2019 में पालघर जिला परिषद के शिक्षा विभाग से कार्यमुक्त होकर ठाणे जिला परिषद शिक्षा विभाग में हाजिर हुए थे। छह महीना पहले जिला परिषद शिक्षा विभाग में हाजिर होने वाले 13 शिक्षकों को अभी तक स्थायी रूप से किसी स्कूल में भेजा नही गया है। शिक्षा विभाग द्वारा अस्थायी रूप से स्कूल में भेजने के कारण उन शिक्षकों को वेतन भी नहीं मिल रहा है, वेतन न मिलने के कारण उन शिक्षकों की आर्थिक स्थिति दिनों-दिन दयनीय होती जा रही है, आर्थिक स्थिति दयनीय होने के कारण वेतन पर आधारित रहने वाले शिक्षकों के बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है और उनका घर खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। कई शिक्षकों ने बैंक एवं पतपेढ़ी से कर्ज भी लिया है जिसकी किश्त का भुगतान भी नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षकों की आर्थिक स्थिति का असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ रहा है। एक शिक्षक ने बताया कि उनकी मां कैंसर की बीमारी से जूझ रही है। लेकिन उनके पास अपनी मां के कैंसर के उपचार के लिए भी पैसा नहीं है।मित्र व रिश्तेदारों से उधार लेकर उपचार करवा रहे थे लेकिन छह महीने से वेतन न मिलने के कारण अब उन्हें अपनी मां के उपचार के लिए भी कोई उधार देने वाला नहीं है। मां के कैंसर का उपचार न हो पाने के तनाव में उनकी हालत भी खराब होती जा रही है। शिक्षकों ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को 25 जून को पत्र लिखकर स्थायी रूप से स्कूल एवं उन्हें नियमित वेतन देने का अनुरोध किया है।
स्थायी रूप से स्कूल न दिए जाने के बारे में शिक्षकों ने बताया कि जिला परिषद द्वारा उनके मामले में कोर्ट केस का कारण बताया जा रहा है। लेकिन पालघर के जिन शिक्षकों की बदली ठाणे जिला में की गई है उनके मामले में कोर्ट में केस विचाराधीन है। कोर्ट के उक्त केस से इन शिक्षकों का कोई लेना देना नहीं है, इसके बावजूद कोर्ट केस के बहाने उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है।
शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक),जिला परिषद ठाणे संगीता भागवत ने बताया कि
बदली हुए शिक्षकों का मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण उन्हें कोई स्कूल नहीं दिया गया है। न्यायालय का निर्णय आने के बाद उन्हें जरूर स्कूल दिया जाएगा।
उक्त संदर्भ में सुभाष पवार - उपाध्यक्ष एवं सभापति शिक्षण विभाग,जिला परिषद ठाणे ने बताया कि
पालघर से बदली होकर आए शिक्षकों के मामले में न्यायालय ने अभी तक कोई निर्णय नहीं दिया है। इन सभी शिक्षकों को जल्दी ही स्कूल और वेतन देने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
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