शिक्षा की गुणवत्ता के साथ बाल अधिकार सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता- बीयसए
प्रतापगढ़! स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखते हुए बाल अधिकार सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है, जिसके लिए सबको मिलजुल सहयोग करना चाहिए. उक्त बातें आज तरुण चेतना द्वारा बेसिक शिक्षा सभागार में आयोजित शिक्षा संवाद कार्यशाला में बेसिक शिक्षा अधिकारी अशोक सिंह ने की. उन्होंने कहा कि अभिभावकगण व स्वैच्छिक संस्थाएं दोनों मिलकर आगामी शिक्षण सत्र में ऐसी पहल करे ताकि कोई बच्चा स्कूल जाने से वंचित ना रह जाये, इसमें जिले का सीसीआरडी० नेटवर्क बेहतर रोल अदा कर सकता है.
कार्यक्रम की शुरुआत में आयोजक संस्था तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने शिक्षा संवाद के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आगामी 01 जुलाई से शिक्षण सत्र शुरू हो रहा है, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के साथ साथ बाल अधिकार भी कैसे सुनिश्चित रहे, इसी विषय पर यह कार्यशाला आयोजित की गयी है. श्री अंसारी ने बताया कि फिया व यूनिसेफ के मार्गदर्शन में जिले की सामान विचाधारा वाली स्वैच्छिक संस्थाओं व समाज सेवियों का एक सीसीआरडी० फोरम है, जिसे सक्रिय करके पूरे जिले में बाल अधिकार हनन रोकने का प्रयास किया जा रहा है. इस काम के लिए चाइल्ड लाइन 1098 का भी सहयोग लिया जा रहा है.
इस अवसर पर सीसीआरडी० फोरम की सदस्य सोनिया गुप्ता ने कहा कि विभाग ने भले ही अभी तक यसयमसी० सदस्यों को प्रशिक्षण नहीं दिया परन्तु हम लोगों ने अपने अपने कार्यक्षेत्र के यसयमसी० सदस्यों का प्रशिक्षण मार्च माह में ही कर लिया. इतना ही नहीं, फोरम के सदस्यों ने बाल क्लब के माध्यम से अपने सेवित स्कूलों में बाल अधिकारों के हनन को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत सदस्य सीता राम वर्मा ने कहा कि जन पहल चौपाल आदि गतिविधियों के जरिये बेसिक शिक्षा के स्कूलों में तो स्थिति काफी ठीक हुई है, मगर ज्यादातर आंगनवाडी केन्द्रों पर विभागीय आदेश के बावजूद बाल अधिकार से सम्बंधित महीने में एक दिन ईसीसी० दिवस तक नहीं मनाया जा रहा है. यूनिसेफ के सहयोग से हम लोगों द्वारा हाल ही में किये गए एक अध्यययन के मुताबिक ज्यादातर कार्यकत्रियों को इसके बारे में जानकारी तक भी नहीं है.
कार्यशाला में जिला समन्वयक, प्रशिक्षण श्रीकृष्ण विश्वकर्मा ने बताया कि यसयमसी० सदस्यों को प्रशिक्षण देने का आदेश बहुत पहले ही निर्गत किया जा चूका है परन्तु हमारे शिक्षकों के चुनाव में व्यस्तता के कारण कुछ स्कूलों में यह प्रशिक्षण अभी नहीं हो पाया है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने तरुण चेतना के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि तम्बाकू मुक्त विद्यालय व बाल अधिकार के क्षेत्र में तरुण चेतना के प्रयासों को हमारा शिक्षा विभाग पूरा सहयोग देगा. इस अवसर पर जिला समन्वयक शंकर सुवन ने कहा कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता में है. इस साल ज्यादातर स्कूलों में बाउंड्री वाल बन जायेंगे.
इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के पूर्व सदस्य डा० विजय कुमार सिंह ने बाल अधिकार व समाज की जिम्मेदारियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. श्री सिंह ने कहा कि बाल अधिकारों का हनन रोकना किसी एक विभाग की नहीं, बल्कि हम सब की जिम्मेदारी है. इसके लिए हम सबको मिलजुल कर प्रयास करना होगा. श्री सिंह ने कहा कि बाल अधिकारों का हनन रोकने के लिए ब्लाक व ग्राम पंचायत स्तर पर जल्द ही समितियां बनायीं जाएँगी जिसमें सीसीआरडी० फोरम व चाइल्ड लाइन का पूरा सहयोग लिया जायेगा. इस शिक्षा संवाद कार्यशाला में चाइल्ड लाइन 1098 के काउंसलर मो० समीम ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार व चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउंडेशन के सहयोग से प्रतापगढ़ में चाइल्ड लाइन 1098 की शुरुआत हो चुकी है, जिस पर कोई भी व्यक्ति किसी भी फोन से निःशुल्क काल कर सकता है. हमारी चाइल्ड लाइन टीम के साथी जल्द से जल्द बच्चे की मदद के लिए अवश्य पहुंचेगे. पैरा लीगल वालंटियर श्री समीम ने आगे बताया कि चाइल्ड लाइन 1098 की यह सेवा 24 x 7 के आधार पर काम करती है, जिसके माध्यम से हर तरह के जरूरतमंद बच्चों की मदद करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.
कार्यशाला का संचालन फसल परियोजना के समन्यवक श्याम शंकर शुक्ल ने किया. इस शिक्षा संवाद कार्यशाला में सहा० बेसिक शिक्षा अधिकारी सुधीर श्रीवास्तव सहित नारी संघ की अध्यक्ष ढूनगा देवी व चाइल्ड लाइन के केंद्र समन्यवक महेंद्र कुमार, सरोज सिंह, निशा परवीन, दिपांशी व शिवकुमारी तिवारी ने भी अपने विचार रखे.
प्रतापगढ़! स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखते हुए बाल अधिकार सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है, जिसके लिए सबको मिलजुल सहयोग करना चाहिए. उक्त बातें आज तरुण चेतना द्वारा बेसिक शिक्षा सभागार में आयोजित शिक्षा संवाद कार्यशाला में बेसिक शिक्षा अधिकारी अशोक सिंह ने की. उन्होंने कहा कि अभिभावकगण व स्वैच्छिक संस्थाएं दोनों मिलकर आगामी शिक्षण सत्र में ऐसी पहल करे ताकि कोई बच्चा स्कूल जाने से वंचित ना रह जाये, इसमें जिले का सीसीआरडी० नेटवर्क बेहतर रोल अदा कर सकता है.
कार्यक्रम की शुरुआत में आयोजक संस्था तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने शिक्षा संवाद के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आगामी 01 जुलाई से शिक्षण सत्र शुरू हो रहा है, जिसमें शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के साथ साथ बाल अधिकार भी कैसे सुनिश्चित रहे, इसी विषय पर यह कार्यशाला आयोजित की गयी है. श्री अंसारी ने बताया कि फिया व यूनिसेफ के मार्गदर्शन में जिले की सामान विचाधारा वाली स्वैच्छिक संस्थाओं व समाज सेवियों का एक सीसीआरडी० फोरम है, जिसे सक्रिय करके पूरे जिले में बाल अधिकार हनन रोकने का प्रयास किया जा रहा है. इस काम के लिए चाइल्ड लाइन 1098 का भी सहयोग लिया जा रहा है.
इस अवसर पर सीसीआरडी० फोरम की सदस्य सोनिया गुप्ता ने कहा कि विभाग ने भले ही अभी तक यसयमसी० सदस्यों को प्रशिक्षण नहीं दिया परन्तु हम लोगों ने अपने अपने कार्यक्षेत्र के यसयमसी० सदस्यों का प्रशिक्षण मार्च माह में ही कर लिया. इतना ही नहीं, फोरम के सदस्यों ने बाल क्लब के माध्यम से अपने सेवित स्कूलों में बाल अधिकारों के हनन को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत सदस्य सीता राम वर्मा ने कहा कि जन पहल चौपाल आदि गतिविधियों के जरिये बेसिक शिक्षा के स्कूलों में तो स्थिति काफी ठीक हुई है, मगर ज्यादातर आंगनवाडी केन्द्रों पर विभागीय आदेश के बावजूद बाल अधिकार से सम्बंधित महीने में एक दिन ईसीसी० दिवस तक नहीं मनाया जा रहा है. यूनिसेफ के सहयोग से हम लोगों द्वारा हाल ही में किये गए एक अध्यययन के मुताबिक ज्यादातर कार्यकत्रियों को इसके बारे में जानकारी तक भी नहीं है.
कार्यशाला में जिला समन्वयक, प्रशिक्षण श्रीकृष्ण विश्वकर्मा ने बताया कि यसयमसी० सदस्यों को प्रशिक्षण देने का आदेश बहुत पहले ही निर्गत किया जा चूका है परन्तु हमारे शिक्षकों के चुनाव में व्यस्तता के कारण कुछ स्कूलों में यह प्रशिक्षण अभी नहीं हो पाया है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा. उन्होंने तरुण चेतना के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि तम्बाकू मुक्त विद्यालय व बाल अधिकार के क्षेत्र में तरुण चेतना के प्रयासों को हमारा शिक्षा विभाग पूरा सहयोग देगा. इस अवसर पर जिला समन्वयक शंकर सुवन ने कहा कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता में है. इस साल ज्यादातर स्कूलों में बाउंड्री वाल बन जायेंगे.
इस अवसर पर बाल कल्याण समिति के पूर्व सदस्य डा० विजय कुमार सिंह ने बाल अधिकार व समाज की जिम्मेदारियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. श्री सिंह ने कहा कि बाल अधिकारों का हनन रोकना किसी एक विभाग की नहीं, बल्कि हम सब की जिम्मेदारी है. इसके लिए हम सबको मिलजुल कर प्रयास करना होगा. श्री सिंह ने कहा कि बाल अधिकारों का हनन रोकने के लिए ब्लाक व ग्राम पंचायत स्तर पर जल्द ही समितियां बनायीं जाएँगी जिसमें सीसीआरडी० फोरम व चाइल्ड लाइन का पूरा सहयोग लिया जायेगा. इस शिक्षा संवाद कार्यशाला में चाइल्ड लाइन 1098 के काउंसलर मो० समीम ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार व चाइल्ड लाइन इण्डिया फाउंडेशन के सहयोग से प्रतापगढ़ में चाइल्ड लाइन 1098 की शुरुआत हो चुकी है, जिस पर कोई भी व्यक्ति किसी भी फोन से निःशुल्क काल कर सकता है. हमारी चाइल्ड लाइन टीम के साथी जल्द से जल्द बच्चे की मदद के लिए अवश्य पहुंचेगे. पैरा लीगल वालंटियर श्री समीम ने आगे बताया कि चाइल्ड लाइन 1098 की यह सेवा 24 x 7 के आधार पर काम करती है, जिसके माध्यम से हर तरह के जरूरतमंद बच्चों की मदद करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.
कार्यशाला का संचालन फसल परियोजना के समन्यवक श्याम शंकर शुक्ल ने किया. इस शिक्षा संवाद कार्यशाला में सहा० बेसिक शिक्षा अधिकारी सुधीर श्रीवास्तव सहित नारी संघ की अध्यक्ष ढूनगा देवी व चाइल्ड लाइन के केंद्र समन्यवक महेंद्र कुमार, सरोज सिंह, निशा परवीन, दिपांशी व शिवकुमारी तिवारी ने भी अपने विचार रखे.
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