- विश्व स्तर के विशेषज्ञ होंगे शामिल
- विविध परिसंवाद से होगी आपत्ति व्यवस्थापन पर चर्चा
- विश्व के 50 देशो के एक हजार से अधिक प्रतिनिधि लेंगे भाग
- विविध विषयों पर स्टॉल भी लगेंगे
मुंबई, दि. 28 : महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुंबई के आयआयटी पवई में दि. 29 जनवरी से 1 फरवरी 2019 तक चौथे ‘विश्वआपत्ति व्यवस्थापन परिषद’ का आयोजन किया गया है। इस परिषद में विश्व के तकरीबन 50 देशों के 1 हजार से अधिक विशेषज्ञउपस्थित रहेंगे, यह जानकारी मदद एवं पुनर्वसन मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने आज दी।
यह परिषद आपत्ति व्यवस्थापन परिषद की जानकारी देने के संदर्भ में आयोजित पत्रकार परिषद में मदद एवं पुनर्वसन विभाग केअपर मुख्य सचिव मेधा गाडगील, आपत्ति व्यवस्थापन संचालक दौलत देसाई उपस्थित थे। इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (आयआयटी) मुंबई, टाटा समाज विज्ञान संस्था और आपत्ति व्यवस्थापन का पुढाकार और कन्व्हर्जन्स सोसायटी (डीएमआयसीएस)सहयोग से होगी।
विश्व परिषद का उद्घाटन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों 29 जनवरी को सुबह 11 बजे पवई स्थित आयआयटी के परिसर मेंहोगा। इस परिषद का घोषवाक्य Building the Future We Want: Bridging Gaps between promises and Action है।
श्री. पाटिल ने जानकारी देते हुये बताया कि परिषद के आयोजन में भारत सरकार, राष्ट्रीय आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपत्ति प्रशिक्षण संस्था, विविध राज्य आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण, संयुक्त राष्ट्र संगठन के अंतर्गत यूएनडीपी, युनिसेफ, युनिस्केप, यूएनएसडीआर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) आदि संस्थाओं के साथ निजी क्षेत्र कीएफआयसीसीआय और सीआयआय इन संस्थाओं समेत विविध विश्वविद्यालय, प्रोद्योगिकी संस्थाएं शामिल हो रही है।
उन्होंने बताया कि परिषद को बड़े पैमाने पर प्रतिसाद मिला है और एक हजार से अधिक सदस्यों ने पंजीयन किया है। इस परिषदमें रिसर्च प्रबंध पढ़ने के लिए तकरीबन पाँच सौं से अधिक रिसर्चरों (संशोधकांनी) ने अपना प्रबंध परिषद के दौरान मंजूरी के लिए भेजा है। इसमें सौं से अधिक प्रबंध यह विदेश के तकरीबन 50 देशों के रिसर्चरों ने प्रस्तुत किया है।
इसमें से 25 से अधिक प्रतिनिधियों ने प्रत्यक्ष परिषद में भाग लेने के लिए पंजीयन किया है। इन देशों मेंबांगलादेश, अमेरिका, जपान, जर्मनी, ब्रिटन, नेपाल, नेदरलँड, स्पेन, कॉस्टारीका, ब्राझील, थायलंड, आइसलॅन्ड, साऊथ आफ्रिका, फिलिपाइन्स, श्रीलंका आदि शामिल है। यह जानकारी श्रीमती गाडगील और श्री. देसाई ने दी।
इस परिषद में आपत्ति व्यवस्थापन इस विषय के 40 विश्व स्तर के व्याख्यात्याओं को आंमत्रित किया है। यह व्याख्याते इस परिषद के दौरान विविध विषयों पर विशेष सत्र में अपना व्याख्यान देंगे। इस परिषद में पाँच विशेष सत्र का भी आयोजन किया गया है। इसमें “महापौर और शहर का आपत्ति व्यवस्थापन”, “युवा और आपत्ति व्यवस्थापन”, “रिसर्चर एवं नाविनतम उत्पादन केघटक”, “आपत्ति व्यवस्थापन एवं प्रोद्योगिकी का उपयोग” और “प्रसार माध्यम एवं आपत्ति व्यवस्थापन” इस विविध विषयों परचर्चासत्र आयोजित किया गया है। इसमें प्रमुखता से युनिसेफ, सेव द चिल्ड्रन, अखिल भारतीय स्थानीय स्वराज्य संस्था (All India Institute of Local Self Governance) यह संस्थाएं भाग ले रही है।
उन्होंने बताया कि इस परिषद के दौरान आपत्ति व्यवस्थापन के विविध बिन्दुओं पर आधारित 70 से अधिक स्टॉल का प्रदर्शनभी होगा। इस प्रदर्शन में विविध सरकारी, असरकारी एवं निजी संस्था और कंपनियां शामिल होगी। इसमें आपत्ति व्यवस्थापन के संदर्भमें कार्यरत संस्थाओं की ओर से उनके नवीनतम उत्पादनों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। परिषद का समापन दि. 1 फरवरी को श्याम 4बजे होगा। इस परिषद में राज्य के विविध जिले के आपत्ति व्यवस्थापन से संबंधित प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।
- विविध परिसंवाद से होगी आपत्ति व्यवस्थापन पर चर्चा
- विश्व के 50 देशो के एक हजार से अधिक प्रतिनिधि लेंगे भाग
- विविध विषयों पर स्टॉल भी लगेंगे
मुंबई, दि. 28 : महाराष्ट्र सरकार की ओर से मुंबई के आयआयटी पवई में दि. 29 जनवरी से 1 फरवरी 2019 तक चौथे ‘विश्वआपत्ति व्यवस्थापन परिषद’ का आयोजन किया गया है। इस परिषद में विश्व के तकरीबन 50 देशों के 1 हजार से अधिक विशेषज्ञउपस्थित रहेंगे, यह जानकारी मदद एवं पुनर्वसन मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने आज दी।
यह परिषद आपत्ति व्यवस्थापन परिषद की जानकारी देने के संदर्भ में आयोजित पत्रकार परिषद में मदद एवं पुनर्वसन विभाग केअपर मुख्य सचिव मेधा गाडगील, आपत्ति व्यवस्थापन संचालक दौलत देसाई उपस्थित थे। इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी (आयआयटी) मुंबई, टाटा समाज विज्ञान संस्था और आपत्ति व्यवस्थापन का पुढाकार और कन्व्हर्जन्स सोसायटी (डीएमआयसीएस)सहयोग से होगी।
विश्व परिषद का उद्घाटन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों 29 जनवरी को सुबह 11 बजे पवई स्थित आयआयटी के परिसर मेंहोगा। इस परिषद का घोषवाक्य Building the Future We Want: Bridging Gaps between promises and Action है।
श्री. पाटिल ने जानकारी देते हुये बताया कि परिषद के आयोजन में भारत सरकार, राष्ट्रीय आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपत्ति प्रशिक्षण संस्था, विविध राज्य आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण, संयुक्त राष्ट्र संगठन के अंतर्गत यूएनडीपी, युनिसेफ, युनिस्केप, यूएनएसडीआर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) आदि संस्थाओं के साथ निजी क्षेत्र कीएफआयसीसीआय और सीआयआय इन संस्थाओं समेत विविध विश्वविद्यालय, प्रोद्योगिकी संस्थाएं शामिल हो रही है।
उन्होंने बताया कि परिषद को बड़े पैमाने पर प्रतिसाद मिला है और एक हजार से अधिक सदस्यों ने पंजीयन किया है। इस परिषदमें रिसर्च प्रबंध पढ़ने के लिए तकरीबन पाँच सौं से अधिक रिसर्चरों (संशोधकांनी) ने अपना प्रबंध परिषद के दौरान मंजूरी के लिए भेजा है। इसमें सौं से अधिक प्रबंध यह विदेश के तकरीबन 50 देशों के रिसर्चरों ने प्रस्तुत किया है।
इसमें से 25 से अधिक प्रतिनिधियों ने प्रत्यक्ष परिषद में भाग लेने के लिए पंजीयन किया है। इन देशों मेंबांगलादेश, अमेरिका, जपान, जर्मनी, ब्रिटन, नेपाल, नेदरलँड, स्पेन, कॉस्टारीका, ब्राझील, थायलंड, आइसलॅन्ड, साऊथ आफ्रिका, फिलिपाइन्स, श्रीलंका आदि शामिल है। यह जानकारी श्रीमती गाडगील और श्री. देसाई ने दी।
इस परिषद में आपत्ति व्यवस्थापन इस विषय के 40 विश्व स्तर के व्याख्यात्याओं को आंमत्रित किया है। यह व्याख्याते इस परिषद के दौरान विविध विषयों पर विशेष सत्र में अपना व्याख्यान देंगे। इस परिषद में पाँच विशेष सत्र का भी आयोजन किया गया है। इसमें “महापौर और शहर का आपत्ति व्यवस्थापन”, “युवा और आपत्ति व्यवस्थापन”, “रिसर्चर एवं नाविनतम उत्पादन केघटक”, “आपत्ति व्यवस्थापन एवं प्रोद्योगिकी का उपयोग” और “प्रसार माध्यम एवं आपत्ति व्यवस्थापन” इस विविध विषयों परचर्चासत्र आयोजित किया गया है। इसमें प्रमुखता से युनिसेफ, सेव द चिल्ड्रन, अखिल भारतीय स्थानीय स्वराज्य संस्था (All India Institute of Local Self Governance) यह संस्थाएं भाग ले रही है।
उन्होंने बताया कि इस परिषद के दौरान आपत्ति व्यवस्थापन के विविध बिन्दुओं पर आधारित 70 से अधिक स्टॉल का प्रदर्शनभी होगा। इस प्रदर्शन में विविध सरकारी, असरकारी एवं निजी संस्था और कंपनियां शामिल होगी। इसमें आपत्ति व्यवस्थापन के संदर्भमें कार्यरत संस्थाओं की ओर से उनके नवीनतम उत्पादनों का भी प्रदर्शन किया जाएगा। परिषद का समापन दि. 1 फरवरी को श्याम 4बजे होगा। इस परिषद में राज्य के विविध जिले के आपत्ति व्यवस्थापन से संबंधित प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे।
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