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मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। लालगंज थाना क्षेत्र के सहरसा गांव में सोमवार को अपरान्ह तीन बजे गांव स्थित वोरवेल में दलित परिवार की दो वर्षीय मासूम बालिका गिर गई यह खबर आग की तरह पूरे जिले में पहुंच गई, लेकिन वाह रे जिले के आलाधिकारी इस मासूम की जिंदगी को बचाने के बजाय सूबे के मंत्रियों के साथ पेयजल की बैठक करते रहे। जिसका परिणाम यह रहा कि त्वरित ढंग से राहत कार्य प्रारंभ न होने से उक्त मासूम की मौत हो गई। इसे प्रषासनिक उदासीनता की कहीं जायेगी कि उस मासूम की जिंदगी से ज्यादा जरूरी मंत्री की मीटिंग को समझा गया जिसकी वजह से पांच घण्टे बाद पटेहरा सीएचसी से पहंुची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पाइप डालकर आक्सीजन देने की कवायद तो षुरू किया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। जिससे ग्रामीणों में खासा आक्रोष है। ग्रामीणों का कहना रहा कि यदि यही घटना अगर किसी बड़े तपके के साथ हुआ होता तो प्रदेश स्तर के अधिकारियों की कुर्सी हिल जाती लेकिन एक गरीब मासूम की बेटी के लिए प्रदेष क्या जिले के अधिकारियों के कांन पर जूं तक नहीं रेंगा उनके लिए मासूम की जान से ज्यादा अहमियत मंत्रियों की बैठक महत्वपूर्ण रही है। इस बात को लेकर ग्रामीणों में खासा रोष देखा जा रहा है। मंगलवार को पोस्टमार्टम हाउस पर जुटे ग्रामीणों में इस बात को लेकर जहां तरह-तरह की चर्चा रही है वहीं लोगों में प्रषासनीय उदासीनता और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के प्रति भी गहरा आक्रोष रहा है।


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