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उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवतन के साथ खनिज विभाग में गुण्ड़ा कर वसूली का तरीका बदलाकमिश्नर नें कार्यवाही का भरोसा दिलते हुए, डीएम महोबा को पत्र लिखा 
बांदा,(सन्तोष कुशवाहा) उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवतन के साथ खनिज विभाग में गुण्ड़ा कर वसूली का बुन्देलखण्ड़ में तरीका बदला, इसके पहले सिन्ड़ीकेट के नाम से वसूली होती थी, अब राॅयल्टी का मूल्य बढ़ा कर खनिज अधिकारी और क्रेशर मालिक अबैध वसूली कर रहे हैं। परेशान ठेकेदारों नें आयुक्त चित्रकूटधाम मण्ड़ल बांदा को ज्ञापन दे कर अबैध राॅयल्टी को रोकने की मांग उठाई है।
ठेकेदार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अभिमन्यु सिंह, मुमताज अली, नरेन्द्र सिंह, विद्यासागर तिवारी, सुेरश गुप्ता, संजय त्रिवेदी, राजेश यादव, लल्ू साहू, शाहिद अली, लक्ष्मी गुप्ता, र्मिल तिवारी, केडी सिंह, राजकरन सिंह, मनोज त्रिपाठी, राजेश शुक्ला, प्रदीप सिंह, अजय पाल सिंह व राकेश तिवारी आदि नें आयुक्त से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 15 सालों से सिंडीकेट के नाम खनिज संम्पदा पर गुण्ड़ा टैक्स की वसूली होती रही बालू खदान, पत्थर खदान और क्रेशर से ग्रिट व डस्ट आदि खरीदे जाने पर एमएम-11 अधिक दामों में दी जाती थी। इसके अतिरिक्त प्रति ट्रक 5 से 10 हजार रुपया गुण्ड़ा टैक्स वसूला जाता रहा है। इस रकम का बटवारा प्रदेश की राजधानी से लेकर पांचम तल तक होता था। इसमें सिंडभ्केट का परसेटज भी निर्धारित था। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के उपरान्त सिंडीकेट के गुर्गे यहां से नवदो ग्यारह हो गये। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमत्री की कुर्सी में आशाीन होते ही भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने की घोषणा करते ही भ्रष्ट अफसरशाहियों ने अपने हांथ खींच लिए और खनिज अधिकारियों नें गुण्ड़ा टैक्स का तरीका बदलकर एमएम-11 में तब्दील कर दिया। जिसमें क्रेशर मालिक और खनिज अधिकारियों की संठगंाठ है।
महोबा के क्रेशर मालिक और खनिज अधिकारियों की संठ गंाठ से परेशान ठेकेदारों नें चित्रकूट के एक कार्यक्रम में सामिल होनें आयी खनिज राज्य मंत्री को प्रार्थना पत्र दे कर अपनी समस्या से अवगत करा चुके हैं। ठेकेदारों ने आयुक्त चित्रकूटधाम मण्ड़ल बांदा को दिये गये ज्ञापन में कहा है कि खनिज विभाग द्वारा खान क्षेत्र का निर्धारित क्षेत्रफल में एक तय अवधि के लिए पट्टा दिया जाता है। पट्टाधारक को निर्धारित दर पर खनन परिवहन के लिए एमएम-11 जारी किया जाता है। लेकिन पट्टाधारकों द्वारा क्रेशर मालिकों द्वारा खरीदे गये खनिज पर कोई भी ण्मण्म-11 नहीं दिया जाता रहा। अबैध तरीके के क्रेशर मालिकों को माल बेंचा जा रहा है। मण्डल में स्थापित क्रेशर मशीनों के मालिकों द्वारा खनिज विभाग से खनिज भण्डारन के लिए किसी भी तरह का लाइसेंस नहींलिया जाता है। खनन क्षेत्र से क्रेशर तक माल परिवहन के लिए एमएम-11 दिया जाता है। जिससे बोल्ड़र के परिवहन और कितनी मात्रा में भण्ड़ारण किया गया है, इस तरह से राजस्व की चोरी की जा रही है।
खनिज अधिकारी द्वारा दी गई सूचना से स्पष्ट होता है कि खनन क्षेत्र से क्रेशर तक परिवहन के लिए वैध एमएम-11 का प्रयोग किया जाना चाहिए। क्रेशर द्वारा तैयार उपखनिजों के परिवहन के लिए क्रेशर मालिकों को खनिज विभाग द्वारा फार्म-सी जारी किया जायेगा। स्पष्ट करना है कि क्रेशर मालिकों द्वारा पट्टाधारकों ये जितनी भी मात्रा में एमएम-11 खनिज विभाग में जमा की जायेगी। उतनी ही मात्रा में फार्म-सी क्रेशर मािलकों को जारी किया जायेगा और उसी फार्म-सी से उपखनिजों का परिवहन किया जायेगा। मौजूदा समय में पट्टाधारकों द्वारा एमएम-11 निर्धारित धनराशि से दुगने धनराशि में दिया जाता है। इस सम्बंध में जब खनिज अधिककारी से शिकायत की जाती है तो उन्होनें गोलमटोल बात कह कर माले को टाल जाते हैं।
सभी विभागों के ठेकेदारों द्वारा प्रयुक्त एमएम-11 देयक के साथ प्रस्तुत करने पर सत्यापन कराया जाता है, लेकिन खनिज विभाग के सत्यापन में छह से अधिक मांह का समय लग जाता है। जिसे कारण देयक से काटी गई धनराशि का भुगतान समय से नहीं होता। ठेकेदारों ने अवैध तरीके से वसूली जा रही राॅयल्टी को रोकनें मांग की है। विभिन्न विभागों में सामाग्री की आपूर्ति करनें में ठेकेदारों को नुकसान उठाना पड़रहा है।
आयुक्त नें ठेकेदारों की समस्या को गम्भीरता से लेते हुए डीएम महोबा सहित मण्डल के सभी जिलाधिकारियों को शिकायती पत्र भेजते हुए ठेकेदारों को कार्यवाही का भरोसा दिलाया।


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