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बांदा,(सन्तोष कुशवाहा) पाकिस्तान सीमा के कारगिल बटालियन धना चैकी में तैनात यूनिट नम्बर 255 के जवान रामबहोरी मिश्रा निवासी गिल्ला का पुरवा अंश महुटा जिला बांदा, उत्तर प्रदेश का उनके पैतृक गांव में सांसद, विधायक और आलाअफसरानों की मौजूदगी में मंगलवार को नम आंखों से अन्तिम विदाई दी गयी।

मंगलवार को उत्तर प्रदेश के बांदा जिला के महुटा गांव के मजरा गिल्ला  का पुरवा निवासी रामबहोरी मिश्रा 38 पाकिस्तान सीमा के कारगिल बटालियन धना चैकी में तैनात यूनिट नम्बर 255 में सैनिक था। गांव में सैनकि की मौत की खबर से समूचे क्षेत्र में हर किसी का गला रुंधा था। हर किसी के आंख से आंसू बह रहे थे। शहीद का शव ले कर आये रेजीमेंट के नायब सूबेदार नीरज कुमार सेना के जावानों के साथ सोमवार की रात 3 बजे शहीद के पैतृक गांव पहंुचे। श्री नीरज कुमार ने बताया कि डियूटी के दौरान जवान रामबहोरी मिश्रा के सीने में दर्द उठनें के बाद हृदय गति रुक जाने से मृत्यु हो गई थी। उच्चाधिकारियों के आदेश पर जवान के पार्थिव शारीर को निजी वाहन से हवाई मार्ग से लखनऊ और लखनऊ से सोमवार को तकरीबन 3 बजे रात को उनके पैतृक गांव लाया गया था।
मंगलवार को दिन में 1ः35 बजे शहीद सैनिक रामबहोरी मिश्रा को पूरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार झांसी से आये 158 मीडियम रेजीमेंट, एसपी कारगिल नें गार्ड आॅफ आॅनर देते हुए सलामी दी। इस मौके पर बांदा चित्रकूट के सांसद भैरो प्रसाद मिश्रा, नरैनी विधायक राजकरण कबीर, ए0के0 श्रीवास्तव उपजिलाधिकारी अतर्रा, जितेन्द्र सिंह परिहार पुलिस उपाधीक्षक अतर्रा, भगवती प्रसाद थानाध्यक्ष अतर्रा, संजय श्रीवास ग्राम प्रधान महुटा सहित समूचे गांव के लोग और मीड़िया कर्मियों नें जवान को अंतिम संस्कार के वक्त अश्रुपूरित नेत्रों से अंतिम विदाई दी और शोकाकुल परिवार को ढाढस बंधाया।
शहीद रामबहोरी के नाम पर सड़क और गांव के गेट का निर्माण होगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में जवान के अंतिम संस्कार कराने की मांग में अडे़ शहीद के परिजन और विधवा पत्नी श्रीमती कंचन को संासद और विधायक नें शहीद के पैतृक घर तक जाने की सडक और गेट बनावाने का आश्वासन दे कर अंतिम संस्कार के लिए राजी किया।
शहीद रामबहोरी मिश्रा के परिजन और उसकी पत्नी प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को बुलाने की जिद पर अडे थे। सभी को सुबह से संासद भैरो प्रसाद मिश्रा ओर विधायक राजकरण कबी डटे रहे। करबन 11 बजे काफी मसक्त के बाद शहीद की विधवा ओर उसके बच्चों को मनाने में संासद श्री मिश्रा कामयाब हुए जब शहीद के घर मजरा गिल्ला के पुरवा अंश महुटा को जोडनें वाली 2 किलोमीटर लम्बी सड़क जिला पंचायत से बनवाने, एक बडे गेट का निर्माण कराने, एक हैण्ड पम्प और शहीद स्मारक का चबूतरा और टीन सेड़ बनवाने के साथ ही बच्चों का दाखिला केन्द्रीय विद्यालय में कराने के आश्वशन पर परिजनों ने अपनी जिद छोड ़कर शहीद के अंतिम संस्कार के लिए राजी होनें पर प्रशासन की मौजूदगी में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया गया।
   

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