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मुंबई । हिन्दुस्तान की आवाज । मोहम्मद मुकीम शेख 

भारतीय संविधान के जनक भारत रत्न डॉ बाबा साहेब आम्बेडकर अपने जीवन काल में तीन अत्यंत महत्वपूर्ण बात सार्वजनिक सभाओं में बार बार कहा करते थे।पहले सीखो और संगठित रहो फिर संघर्ष करो।उनके जीवन के इस मूल मंत्र का आज मैं सांताक्रूज़ के सीता सिंधु समाज भवन में साक्षात दर्शन कर रहा हूँ।


इस कहार परिवार समिति पंजीकृत मुंबई द्वारा आयोजित परिचय स्नेह सम्मेलन महोत्सव में।अभी हमने इसी समाज के इतिहासकार वक्ता सुरेन्द्र गौड़ का विचार और गांव में महिलाओं द्वारा गाये जाने वाला बहुत ही लोकप्रिय पचरा गीत  बहुत ध्यान पूर्वक सुना।यह समाज शिक्षा में भी आगे है।इस समाज का संगठन तो मेरी आखों के सामने है।जितनी सख्या पुरुषों की है उससे जरा भी कम संख्या महिलाओं की नहीं है।मुंबई जैसे महानगर में यह समाज एक लम्बे समय से संघर्ष कर रहा है।मैं चाहता हूँ कि कहार समाज के साथ गौड़ खरवार धिवर बीन केवट मल्लाह जैसी और भी कई जातिओं का 21 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल हमारे साथ आये मैं उनको अपने संघर्ष नायक और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले)के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री रामदास आठवले से मिलवा कर आप सब की समस्याओं के समाधान के लिए पूरी तरह से कोशिश करूंगा।आगे अपने भाषण में उन्होंने कहार समाज के लोगों को इस बात का भरोसा दिलाया कि आगामी मुंबई मनपा चुनाव में कहार समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कहार जैसे सामाजिक व्यक्ति को हम नगर सेवक बनाने का काम करेगें।उन्होंने दहेज प्रथा को जड़ से मिटाने के लिये लडकियों को शिक्षा दिलाने की अपील कहार समाज से की।

इस मौके पर आरपीआई आठवले महाराष्ट्र उपाध्यक्ष विलास तायडे अखिल कश्यप सामाजिक विकास संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर गौंड गुलाबचंद धीवर इतिहासकार सुरेन्द्र गौंड राजकुमार धीवर कृपाशंकर गौंड शिवशंकर कश्यप उत्तम गौंड राजेश धीवर हीरालाल गौंड सुरेश धीवर बबिता गौंड किरण गौंड शेषनारायण गौंड महेंद्र खरवार रामआसरे गौंड रमेश रैकवार राजकुमार कहार रामव्यास गौंड दिलीप गौंड रामजी धुरिया कमलेश गौंड राहुल गौंड मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार कपिलदेव खरवार के अलावा कहार समाज के सैकडों महिला पुरुष उपस्थित थे।अभिनेता गायक धर्मेन्द्र खरवार और गायक रामदुलार पाल और उनकी टीम ने देर रात तक देवी गीत और भोजपुरी लोकगीत प्रस्तुत कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।

कार्यक्रम के समापन पर संजय कहार ने कृष्णमिलन शुक्ला सहित सभी अतिथियों को शाल और गुलदस्ता देकर उनका सम्मान किया।

फोटो कपिलदेव खरवार

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