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भिवंडी के निजी अस्पताल मनमानी करते हुए  राज्य सरकार एवं मनपा के आदेशों को भी नहीं मानते ।जबकि  स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ साथ मनपा आयुक्त डॉ. पंकज अशिया द्वारा नॉन कोविड मरीजों के  उपचार  के लिये निजी अस्पतालों एवं दवाखाना चलाने वाले डॉक्टरों को सख्त आदेश दिया गया था।इसके बावजूद निजी अस्पतालों द्वारा कोविड जांच के बहाने उनका  उपचार  नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण नॉन कोविड मरीजों को घंटो शहर के निजी अस्पतालों का चक्कर लगाने के बाद ठाणे एवं मुंबई के अस्पतालों में  उपचार  के लिये जाना पड़ रहा है जो एक गंभीर समस्या बनते  जा रहा है । कोरोना संक्रमण के भय से भिवंडी के निजी अस्पतालों में जहां नॉन कोविड मरीजों का भी उपचार  नहीं किया जा रहा है। वहीं मनपा प्रशासन द्वारा घोषित कोविड 19 अस्पतालों में बड़े पैमाने पर घोर लापरवाही की जा रही है। नॉन कोविड मरीजों का  उपचार  न करने वाले निजी अस्पतालों एवं कोविड अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग को लेकर नगरसेवक फराज बहाउद्दीन बाबा के नेतृत्व में कांग्रेसी नगरसेवकों ने सबसे पहले मनपा मुख्यालय के अंदर प्रवेश द्वार पर धरना दिया, उसके बाद कांग्रेसी नगरसेवक मनपा आयुक्त के कार्यालय के सामने जाकर बैठ गये और नारेबाजी करने लगे।हालांकि नगरसेवक फराज बाबा ने सोशल मीडिया पर रविवार को ही एक वीडियो जारी करके मनपा मुख्यालय में आंदोलन करने की चेतावनी दी थी।जिसे गंभीरता पूर्वक संज्ञान लेते हुये  मनपा आयुक्त डॉ. पंकज अशिया ने कांग्रेस के शिष्टमंडल को निजी अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है ।
    नगरसेवक फराज बाबा ने बताया कि शहर के निजी अस्पतालों द्वारा नॉन कोविड मरीजों का  उपचार  नहीं किया जा रहा है। निजी अस्पतालों में  उपचार  के लिये जाने वाले नॉन कोविड के मरीजों को कोविड की जांच कराने के बहाने वापस कर दिया जाता है। मरीजों द्वारा कोविड की जांच कराने के बाद भी उनका  उपचार  नहीं किया जाता है। नगरसेवक फराज बहाउद्दीन बाबा ने बताया कि पीरानी पाड़ा की गर्भवती महिला खुशनुमा खान (34) शहर के एक निजी अस्पताल में  उपचार  करा रही थी,लेकिन कोरोना के भय के कारण उस निजी अस्पताल द्वारा पहले उनसे कोरोना की जांच कराने के लिये कहा गया। जिसके बाद उस महिला ने रईस स्कूल स्थित कोविड केयर सेंटर में दो बार एंटीजेन टेस्ट कराया, दोनों बार वह निगेटिव पाई गई। इसके बाद भी उस अस्पताल में भर्ती नहीं लिया गया । उन्होंने बताया कि शहर के दर्जनों अस्पतालों का चक्कर लगाने के बाद भी जब उसकी कहीं भर्ती नहीं ली गई तो सलाहुद्दीन अय्यूबी  स्कूल में उसे ऑक्सीजन दिया गया और रात लगभग 11.30 बजे उसे चेंबूर के साई अस्पताल में भर्ती कराया गया ।नगरसेवक फराज बाबा ने बताया कि इसी  प्रकार  शहर के अन्य निजी अस्पतालों द्वारा भी नॉन कोविड मरीजों की भर्ती नहीं ली जा रही है । वहीं दूसरी तरफ भर्ती लेने के बाद उनसे कई गुना अधिक बिल लिया जा रहा है जो बहुत ही दुखदायक है । उन्होंने शहर के कई अस्पतालों का बिल भी बताया,निजी अस्पतालों के विरुद्ध इस प्रकार की दर्जनों शिकायतें शहर में रोजाना प्राप्त हो रही हैं। लेकिन मनपा प्रशासन द्वारा किसी भी अस्पताल के विरुद्ध अभी तक कार्रवाई नहीं की गई है।उन्होंने कहा कि मनपा द्वारा कोरोना मरीजों के  उपचार  के लिये निश्चित किये गये अस्पतालों में मनमानी तरीके से अनाप-शनाप बिल वसूल किया  जा रहा है। नगरसेवक फराज बाबा ने मनपा प्रशासन पर आरोप लगाते हुये कहा कि यदि जल्द शहर की स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो भिवंडी में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों पर अंकुश नहीं लगाया जा सकेगा और शहर कब्रिस्तान बन जायेगा। इस एक दिवसीय  धरने में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शोएब गुड्डू  ,स्थायी समिति के सभापति मो.हलीम अंसारी,नगरसेवक प्रशांत लाड,अरुण राउत,सिद्देश्वर कामूर्ति,शाफ मोमिन,वसीम अंसारी,अशरफ खान मुन्ना,डॉ.जुबेर अंसारी एवं कांग्रेस के प्रवक्ता इकबाल सिद्दीकी सहित अन्य लोग  उपस्थित  थे।         
       गौरतलब है कि   कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के भय के कारण शहर के निजी अस्पतालों में नॉन कोविड मरीजों की भर्ती नहीं की जा रही है। शहर के निजी अस्पतालों द्वारा नॉन कोविड मरीजों का  उपचार  न किये जाने के कारण कोविड मरीजों से कहीं अधिक मौत नॉन कोविड मरीजों की हो रही है ।भिवंडी दौरे पर आये स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने शहर में हो रही नॉन कोविड मरीजों की मौत को गंभीरता से लेते हुये ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश मनपा आयुक्त को दिया था। स्वास्थ्य मंत्री के आदेश के बाद मनपा आयुक्त ने भी निजी अस्पतालों को सख्त आदेश देते हुये भर्ती न लेने वाले अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आदेश दिया था।मनपा आयुक्त ने फोन नंबर के साथ मनपा टोलफ्री नंबर जारी करते हुये नागरिकों से भर्ती न लेने वाले निजी अस्पतालों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराने का अनुरोध किया था। रविवार को भिवंडी दौरे पर आये पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने भी निजी अस्पतालों को काफी गंभीरता से लिया था। इसके बावजूद भी मनपा द्वारा किसी निजी अस्पताल के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की गई है जो बड़े  आश्चर्य की बात है। 

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