भिवंडी ।एम हुसेन। तालुका के कुछ सरकारी राशन दुकानदार आदिवासी,गरीब अंत्योदय,प्राधान्य कुटुंब कार्ड धारकों को निर्धारित प्रमाण की अपेक्षा कम अनाज दे रहे थे। कोरोना वायरस जैसी महामारी के संकट के समय में भी राशन दुकानदार गरीबों के मुंह का निवाला छीनने का काम
कर रहे थे ,जिसकारण श्रमजीवी संघटना व आपूर्ति अधिकाऱी ने अनाज का घोटाला करने वाले दुकान की जांच करके अनाज का घोटाला करने वाले दुकानदार के विरुद्ध गणेशपूरी पुलिस स्टेशन ने दो अलग-अलग मामला दर्ज कर लिया है जिसकारण भ्रष्ट राशन यंत्रणा में हड़कंप मचा हुआ है।
पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार भिवंडी तालुका के चाणे एवं पालखणे इन दो गांव के दुकानदारों ने आदिवासियों के अनाज का घोटाला किया था जो आपूर्ति विभाग द्वारा की जांच में निष्पन्न हुआ है, जिसकारण दोनों दुकांदारों के विरुद्ध अत्यावश्यक सेवा अधिनियम अंतर्गत फौजदारी का मामला दर्ज कर लिया है जिसमें मौजे धोंडावडवली स्थित निवासी राशनिंग दुकानदार धनंजय चंद्रकांत भोईर यह अपनी दुकान से आदिवासी लाभार्थी सविता सखाराम सावरा, भरत लक्ष्मण वाघे, राजू सख्या सावरा , आशा एकनाथ वाघे , सुनिता सरेश वाघे, लक्ष्मी लक्ष्मण वाघे ( सभी निवासी . लोहारपाडा - पालखणे ) को शासन से मंजुर चावल,गेहूं ,शक्कर को कम मात्रा में दे रहा था इस प्रकार की शिकायत संघटना के समक्ष की गई थी ।इस बाबत संघटना के कातकरी घटक जिला प्रमुख जयेंद्र गावीत ने आपूर्ति अधिकाऱियों को साथ लेकर प्रत्यक्ष रूप से दुकान का निरीक्षण किया और कार्ड धारकों से संवाद साधा तो दुकानदार द्वारा अनाज कम दिया जा रहा है ऐसा उजागर होते ही पंचनामा करके मामला दर्ज कर लिया ।आपूर्ति अधिकारियों ने निरीक्षण किया तब भी कम अनाज दिये जाने की पुष्टि हुई है, २५ किलो चावल मिलना चाहिए इसकी अपेक्षा २० किलो तथा १० किलो गेहूं की अपेक्षा ५ किलो दिये गये परंतु दुकानदार के पास शासन द्वारा दिये गये पॉस मशिन में अधिकाऱियों ने ऑनलाईन अनाज की जांच की थी । राशनिंग कार्ड पर शासन के नियमानुसार २५ किलो चावल व १० किलो गेहूं व १ किलो शक्कर दिया जाना चाहिए ।इसी प्रकार एक और प्रकरण चाणे स्थित राशन दुकानदार सुदाम लहू पाटील द्वारा भी किया गया है।इसने भी १५ किलो की अपेक्षा १० किलो चावल व १० किलो गेहूं की अपेक्षा ५ किलो गेहूं देकर घोटाला किया है ।
कर रहे थे ,जिसकारण श्रमजीवी संघटना व आपूर्ति अधिकाऱी ने अनाज का घोटाला करने वाले दुकान की जांच करके अनाज का घोटाला करने वाले दुकानदार के विरुद्ध गणेशपूरी पुलिस स्टेशन ने दो अलग-अलग मामला दर्ज कर लिया है जिसकारण भ्रष्ट राशन यंत्रणा में हड़कंप मचा हुआ है।
पुलिस द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार भिवंडी तालुका के चाणे एवं पालखणे इन दो गांव के दुकानदारों ने आदिवासियों के अनाज का घोटाला किया था जो आपूर्ति विभाग द्वारा की जांच में निष्पन्न हुआ है, जिसकारण दोनों दुकांदारों के विरुद्ध अत्यावश्यक सेवा अधिनियम अंतर्गत फौजदारी का मामला दर्ज कर लिया है जिसमें मौजे धोंडावडवली स्थित निवासी राशनिंग दुकानदार धनंजय चंद्रकांत भोईर यह अपनी दुकान से आदिवासी लाभार्थी सविता सखाराम सावरा, भरत लक्ष्मण वाघे, राजू सख्या सावरा , आशा एकनाथ वाघे , सुनिता सरेश वाघे, लक्ष्मी लक्ष्मण वाघे ( सभी निवासी . लोहारपाडा - पालखणे ) को शासन से मंजुर चावल,गेहूं ,शक्कर को कम मात्रा में दे रहा था इस प्रकार की शिकायत संघटना के समक्ष की गई थी ।इस बाबत संघटना के कातकरी घटक जिला प्रमुख जयेंद्र गावीत ने आपूर्ति अधिकाऱियों को साथ लेकर प्रत्यक्ष रूप से दुकान का निरीक्षण किया और कार्ड धारकों से संवाद साधा तो दुकानदार द्वारा अनाज कम दिया जा रहा है ऐसा उजागर होते ही पंचनामा करके मामला दर्ज कर लिया ।आपूर्ति अधिकारियों ने निरीक्षण किया तब भी कम अनाज दिये जाने की पुष्टि हुई है, २५ किलो चावल मिलना चाहिए इसकी अपेक्षा २० किलो तथा १० किलो गेहूं की अपेक्षा ५ किलो दिये गये परंतु दुकानदार के पास शासन द्वारा दिये गये पॉस मशिन में अधिकाऱियों ने ऑनलाईन अनाज की जांच की थी । राशनिंग कार्ड पर शासन के नियमानुसार २५ किलो चावल व १० किलो गेहूं व १ किलो शक्कर दिया जाना चाहिए ।इसी प्रकार एक और प्रकरण चाणे स्थित राशन दुकानदार सुदाम लहू पाटील द्वारा भी किया गया है।इसने भी १५ किलो की अपेक्षा १० किलो चावल व १० किलो गेहूं की अपेक्षा ५ किलो गेहूं देकर घोटाला किया है ।
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