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मिहीपुरवा/बहराइच

 दरगाह हजरत सैय्यद हाशिम अली शाह उर्फ लक्कड़ शाह रहमतुल्लाह अलैह इंतेजामियाँ कमेटी के सेक्रेट्री एवं मदरसा गौसिया मिहीपुरवा के प्रिंसीपल इसरार अहमद इदरीसी ने मुल्क में फैली कोरोना वबा के चलते केन्द्र एवं राज्य की तरफ से जारी गाइडलाइन के मुताबिक मुसलमानो से शबे बरात की सभी रसूमात अपने-अपने घरो पर करने और इबादत व रोज़ा रखने की दरख्वास्त की है।
सेक्रेट्री इसरार अहमद इदरीसी ने कहा है कि शाबान का महीना बहुत ही मुबारक महीना है। यह महीना अल्लाह के महबूब सरकारे दो आलम हुज़ूर सल्लल्लाहो अलैह वसल्लम का महीना है। जिसकी फ़ज़ीलतें बड़ी अहम हैं। इस माह की 15 वीं रात को अल्लाह ने लैलतुल मुबारका (मुबारक रात) कहा है। लैलतुल कद्र के बाद शाबान की 15वीं रात से अफ़ज़ल कोई रात नही है। इस रात अल्लाह तआला आसमाने दुनिया पर नुज़ूल अता फरमाता है और अपने तमाम बन्दों को बख्श देता है। इस रात खैर और बरकत के दरवाजे खोल दिये जाते है और हक़ तआला रिज़्क़ मांगने वाले को रिज़्क़ और मगफिरत चाहने वालो की मगफिरत अता कर देता है। इस रात में जागना, दिन को रोज़ा रखना, अस्तग़फ़ार करना, दुआ मांगना, कब्रिस्तानों को जाना बुजुर्गाने दीन की मज़ारों की ज़ियारत करना और फातिहा पढ़ने का बहुत सवाब है। चूंकि इस वक्त आलमी पैमाने पर फैली वबा की वजह से मुल्क हिन्दुस्तान में लॉक डाउन चल रहा है और इस सिलसिले में हूकूमत की जानिब से भी तमाम गाइड़लाइन जारी की गई है इसलिये उस पर अमल करना बहुत ही जरूरी है जिससे इंसानी जानों का तहफ़्फ़ुज़ हो सके और इस मूजी बीमारी पर काबू पाया जा सके | *इस लाइलाज बीमारी के चलते मस्ज़िद, दरगाह, मजारात, कब्रिस्तान आदि पर ना जाकर घरों पर ही सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखते हुए कसरत से कुरआन पाक की तिलावत करें तसबीहात, नफिल नमाज़ें पढ़ें और रोज़ा रखकर अपने-अपने मरहूमीन बुजुर्गों और बुजुर्गाने दीन के लिए ईशाले शवाब करें । साथ ही घर के सभी अफ़राद अल्लाह के हूजुर हाथ फैलाकर हर नमाज़ में इस वबा के खात्मे और पूरे आलम ए इंसान के तहफ़्फ़ुज़ की दुआ करें और अपने जरूरत मन्द पड़ोसी की धर्म और जाति का फर्क किये बगैर आपसे जो मदद हो सके जरूर करें ।

*इसरार अहमद इदरीसी*
*प्राचार्य, मदरसा गौसिया मिहीपुरवा*
*सेक्रेट्री दरगाह हजरत सैयद हाशिम अली शाह उर्फ लक्कड़ शाह रह० अलैह वक्फ न०- 108 मुर्तिहा, बहराइच*

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