भिवंडी। एम हुसेन । विद्यार्थी भारती नामक संगठन द्वारा समाज में व्याप्त अंधश्रद्धा को दूर करने के लिए 31 जुलाई को गटारी अमावस्या की रात में बापगांव,नांदकर गांव की श्मशान भूमि में ' एक रात भूतों की ' कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
संगठन के जिलाध्यक्ष सर्वेश लवांडे ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि संगठन पूर्व तीन वर्षों से अलग-अलग कार्यक्रम करके समाज में व्याप्त अंध श्रद्धा को दूर करने का प्रयास कर रहा है। समाज का एक बड़ा वर्ग गटारी अमावस्या के दिन शराब एवं मांस आदि की पार्टी में व्यस्त रहकर अंधश्रद्धा को बढ़ावा देता है जिसके चलते भोंदू बाबाओं की संख्या बढ़ गई है। आजकल एक अशिक्षित भोंदू बाबा बड़ी आसानी से सुशिक्षित नवयुवकों का भविष्य बताकर उन्हें लूट रहे हैं, सुशिक्षित नव युवक अपना भविष्य जानने के लिए भोंदू बाबाओं को उसके लिए एक बड़ी रकम देने के लिए आसानी से तैयार हो जाता है। सामने से बिल्ली ने रास्ता काट दिया,घर से निकलते समय किसी ने छींक दिया एवं शनिवार को नाख़ून नहीं काटना चाहिए जैसी अंधश्रद्धा की छोटी-बड़ी घटनाएं तो आपके परिवारों में प्रायः होती रहती हैं। संगठन की राज्य विद्यापीठ अध्यक्ष पूजा मुधाने ने लोगों से अनुरोध किया है कि अंधश्रद्धा को समाप्त करने के लिए शुरुआत स्वंय से करना होगा।
संगठन के सिद्धार्थ कांबले ने बताया कि अमावस्या की रात में श्मशान में मत जाओ कहकर अंधश्रद्धा फैलाई जाती है। जिसके लिए अमावस्या की रात में श्मशान भूमि में जाकर वहां पूरी रात बिताने एवं भूतों से मुलाकत करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें बच्चों द्वारा भूत-भूत मैं तुमसे मिलने आया हूँ गाना गाकर उन्हें बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बहुत सारे छात्र डरते हुए आते हैं लेकिन अंधश्रद्धा का पोल खुल जाने के कारण निर्भिक होकर जाते हैं। उन्होंने बताया कि अंधश्रद्धा के निर्मूलन के लिए यह कार्यक्रम निःशुल्क किया गया है।
संगठन के जिलाध्यक्ष सर्वेश लवांडे ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि संगठन पूर्व तीन वर्षों से अलग-अलग कार्यक्रम करके समाज में व्याप्त अंध श्रद्धा को दूर करने का प्रयास कर रहा है। समाज का एक बड़ा वर्ग गटारी अमावस्या के दिन शराब एवं मांस आदि की पार्टी में व्यस्त रहकर अंधश्रद्धा को बढ़ावा देता है जिसके चलते भोंदू बाबाओं की संख्या बढ़ गई है। आजकल एक अशिक्षित भोंदू बाबा बड़ी आसानी से सुशिक्षित नवयुवकों का भविष्य बताकर उन्हें लूट रहे हैं, सुशिक्षित नव युवक अपना भविष्य जानने के लिए भोंदू बाबाओं को उसके लिए एक बड़ी रकम देने के लिए आसानी से तैयार हो जाता है। सामने से बिल्ली ने रास्ता काट दिया,घर से निकलते समय किसी ने छींक दिया एवं शनिवार को नाख़ून नहीं काटना चाहिए जैसी अंधश्रद्धा की छोटी-बड़ी घटनाएं तो आपके परिवारों में प्रायः होती रहती हैं। संगठन की राज्य विद्यापीठ अध्यक्ष पूजा मुधाने ने लोगों से अनुरोध किया है कि अंधश्रद्धा को समाप्त करने के लिए शुरुआत स्वंय से करना होगा।
संगठन के सिद्धार्थ कांबले ने बताया कि अमावस्या की रात में श्मशान में मत जाओ कहकर अंधश्रद्धा फैलाई जाती है। जिसके लिए अमावस्या की रात में श्मशान भूमि में जाकर वहां पूरी रात बिताने एवं भूतों से मुलाकत करने के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें बच्चों द्वारा भूत-भूत मैं तुमसे मिलने आया हूँ गाना गाकर उन्हें बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बहुत सारे छात्र डरते हुए आते हैं लेकिन अंधश्रद्धा का पोल खुल जाने के कारण निर्भिक होकर जाते हैं। उन्होंने बताया कि अंधश्रद्धा के निर्मूलन के लिए यह कार्यक्रम निःशुल्क किया गया है।
Post a Comment
Blogger Facebook