संवाददाता, भिवंडी। भिवंडी के शिवाजी चौक से खाड़ीपार तक जाने वाला खाड़ी में बना हुआ वर्षों पुराना पुल ध्वस्त करके एमएमआरडीए द्वारा नए पुल का निर्माण किया जा रहा है। स्थानीय नागरिकों के आवागमन के लिए किसी प्रकार के कोई वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था किए बिना ही अचानक पुराना पुल तोड़ दिया गया है।उक्त पुराने पुल को तोड़ दिए जाने से हजारों की संख्या में प्रतिदिन इस पुल से गुजरने वाले नागरिकों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है ।
बतादें कि लगभग 25 वर्ष पूर्व जिला परिषद द्वारा शिवाजी चौक से खाड़ीपार स्थित एकता चौक तक खाड़ी पर पुल का निर्माण किया गया था। पुल जर्जर होने के कारण राज्य सरकार द्वारा एमएमआरडीए को नया पुल बनाने की मंजूरी दी गई थी।जिसके अनुसार एमएमआरडीए ने नए पुल का निर्माण करने के लिए पुराने पुल को तोड़कर नये पुल का निर्माण तो शुरू कर दिया है लेकिन नए पुल का निर्माण काफी धीमीगति से चल रहा है।इसलिए स्थानीय नागरिकों ने एमएमआरडीए द्वारा बिना वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था किए बिना ही पुल ध्वस्त करने से नाराजगी व्यक्ति कर रहे हैं ।
उक्त संदर्भ में खाड़ीपार निवासी समाजसेवक डॉ. इनतेखाब अंसारी ने बताया कि कोई भी पुल ध्वस्त करने से पहले उसके बगल में लोगों के आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था किया जाता है । लेकिन खाड़ीपार पुल ध्वस्त करने से पहले एमएमआरडीए द्वारा इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है । जिसके कारण खाड़ीपार,कांबा एवं पारोल आदि सहित ग्रामीण क्षेत्रों से आने-जाने वाले हजारों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो एक गंभीर समस्या है ।डॉ. इंतेखाब ने बताया कि पुल ध्वस्त होने के कारण खाड़ीपार से प्रतिदिन आवागमन करने वाले हजारों लोगो को बंदर मोहल्ला से होकर खाड़ीपार जाने के लिए लंबी और परेशानी के साथ यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बंदर मोहल्ला पुल की चौड़ाई कम होने और रास्ता तंग होने के कारण लोगों को जहां भारी परेशानी हो रही है वहीं यातायात बाधित होने से लोगों का घंटों समय भी बर्बाद हो रहा है। इसी के साथ ही खाड़ीपार क्षेत्र में हजारों की संख्या में पावरलूम, गोदाम आदि और निवास भी है। जिसके कारण प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ऑटो रिक्शा, मालवाहक टेंपो एवं ट्रक आदि भी गुजरते हैं जो पुल तोड़ दिए जाने से भिवंडी शहर के अंदर रसूलाबाद जाने के लिए मजबूर हैं।जिसके कारण यातायात बाधित की स्थिति दिनो-दिन गंभीर होती जा रही है।
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बतादें कि लगभग 25 वर्ष पूर्व जिला परिषद द्वारा शिवाजी चौक से खाड़ीपार स्थित एकता चौक तक खाड़ी पर पुल का निर्माण किया गया था। पुल जर्जर होने के कारण राज्य सरकार द्वारा एमएमआरडीए को नया पुल बनाने की मंजूरी दी गई थी।जिसके अनुसार एमएमआरडीए ने नए पुल का निर्माण करने के लिए पुराने पुल को तोड़कर नये पुल का निर्माण तो शुरू कर दिया है लेकिन नए पुल का निर्माण काफी धीमीगति से चल रहा है।इसलिए स्थानीय नागरिकों ने एमएमआरडीए द्वारा बिना वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था किए बिना ही पुल ध्वस्त करने से नाराजगी व्यक्ति कर रहे हैं ।
उक्त संदर्भ में खाड़ीपार निवासी समाजसेवक डॉ. इनतेखाब अंसारी ने बताया कि कोई भी पुल ध्वस्त करने से पहले उसके बगल में लोगों के आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था किया जाता है । लेकिन खाड़ीपार पुल ध्वस्त करने से पहले एमएमआरडीए द्वारा इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है । जिसके कारण खाड़ीपार,कांबा एवं पारोल आदि सहित ग्रामीण क्षेत्रों से आने-जाने वाले हजारों लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है जो एक गंभीर समस्या है ।डॉ. इंतेखाब ने बताया कि पुल ध्वस्त होने के कारण खाड़ीपार से प्रतिदिन आवागमन करने वाले हजारों लोगो को बंदर मोहल्ला से होकर खाड़ीपार जाने के लिए लंबी और परेशानी के साथ यात्रा करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। बंदर मोहल्ला पुल की चौड़ाई कम होने और रास्ता तंग होने के कारण लोगों को जहां भारी परेशानी हो रही है वहीं यातायात बाधित होने से लोगों का घंटों समय भी बर्बाद हो रहा है। इसी के साथ ही खाड़ीपार क्षेत्र में हजारों की संख्या में पावरलूम, गोदाम आदि और निवास भी है। जिसके कारण प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में ऑटो रिक्शा, मालवाहक टेंपो एवं ट्रक आदि भी गुजरते हैं जो पुल तोड़ दिए जाने से भिवंडी शहर के अंदर रसूलाबाद जाने के लिए मजबूर हैं।जिसके कारण यातायात बाधित की स्थिति दिनो-दिन गंभीर होती जा रही है।
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