भिवंडी। एम हुसेन ।भिवंडी के शिवसेना नेता तथा जिला परिषद के निर्माण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सभापति सुरेश म्हात्रे उर्फ़ बाल्या मामा को भाजपा-शिवसेना महागठबंधन के उम्मीदवार सांसद कपिल पाटील का विरोध करना काफी महंगा साबित हो रहा है। शिवसेना ने उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए शिवसेना के संपर्क प्रमुख सहित जिला परिषद के निर्माण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सभापति पद से त्यागपत्र ले लिया है।
बतादें कि शिवसेना नेता जिला परिषद के निर्माण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सभापति सुरेश म्हात्रे उर्फ़ बाल्या मामा ने शिवसेना में रहते हुए भिवंडी लोकसभा से कांग्रेस से टिकट की मांग किया था। कांग्रेस द्वारा शिवसेना नेता सुरेश म्हात्रे को टिकट न दिए जाने के कारण भिवंडी मनपा में कांग्रेस के लगभग 42 नगरसेवक लामबंद होकर सामूहिक त्यागपत्र तक दे दिये थे।इसके बाद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शोएब गुड्डू द्वारा नाराज नगरसेवकों को किसी प्रकार से राजी कर लिया गया था लेकिन नगरसेवकों व अन्य पदाधिकारियों के अंदरूनी विरोध का खामियाजा कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश टावरे को हार का सामना करके भुगतना पड़ा।
कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद शिवसेना नेता सुरेश म्हात्रे ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था लेकिन शिवसेना नेताओं के दबाव में उन्हें नामांकन पत्र भी वापस लेना पड़ा था। हालांकि नामांकन पत्र वापस लेने के बाद शिवसेना नेता सुरेश म्हात्रे ने कहा था कि उन्होंने नानांकन पत्र वापस जरूर ले लिया है लेकिन भाजपा उम्मीदवार सांसद कपिल पाटील का विरोध जारी रहेगा, जिसके कारण लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार सांसद कपिल पाटील का किसी प्रकार का सहयोग करने के बजाय उनका विरोध जारी रखा। जिसके लिए सुरेश म्हात्रे ने शिवसेना के व्हीप का भी ध्यान न रखते हुए सांसद कपिल पाटील का विरोध करते रहे। शिवसेना में रहते हुए महागठबंधन के उम्मीदवार का विरोध करना शिवसेना बर्दाश्त नहीं कर सकी। जिसके कारण चुनाव के दौरान ही सुरेश म्हात्रे से शिवसेना संपर्क प्रमुख का पद ले लिया था और मतगणना के बाद उनसे जिला परिषद के निर्माण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सभापति का पद भी ले लिया है। जिला परिषद की पिछले दिनों हुई सर्वसाधारण सभा में उन्होंने निर्माण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सभापति के पद से त्यागपत्र दे दिया है। उक्त जानकारी देते हुए शिवसेना के वरिष्ठ नेता ने बताया कि शिवसेना ने सुरेश म्हात्रे को पहले ही त्यागपत्र देने का आदेश दे दिया था जिसका पालन करते हुए उन्होंने त्यागपत्र दे दिया है। लेकिन वह शिवसेना में बने रहेंगे।
बतादें कि शिवसेना नेता जिला परिषद के निर्माण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सभापति सुरेश म्हात्रे उर्फ़ बाल्या मामा ने शिवसेना में रहते हुए भिवंडी लोकसभा से कांग्रेस से टिकट की मांग किया था। कांग्रेस द्वारा शिवसेना नेता सुरेश म्हात्रे को टिकट न दिए जाने के कारण भिवंडी मनपा में कांग्रेस के लगभग 42 नगरसेवक लामबंद होकर सामूहिक त्यागपत्र तक दे दिये थे।इसके बाद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष शोएब गुड्डू द्वारा नाराज नगरसेवकों को किसी प्रकार से राजी कर लिया गया था लेकिन नगरसेवकों व अन्य पदाधिकारियों के अंदरूनी विरोध का खामियाजा कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश टावरे को हार का सामना करके भुगतना पड़ा।
कांग्रेस से टिकट न मिलने के बाद शिवसेना नेता सुरेश म्हात्रे ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल कर दिया था लेकिन शिवसेना नेताओं के दबाव में उन्हें नामांकन पत्र भी वापस लेना पड़ा था। हालांकि नामांकन पत्र वापस लेने के बाद शिवसेना नेता सुरेश म्हात्रे ने कहा था कि उन्होंने नानांकन पत्र वापस जरूर ले लिया है लेकिन भाजपा उम्मीदवार सांसद कपिल पाटील का विरोध जारी रहेगा, जिसके कारण लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा उम्मीदवार सांसद कपिल पाटील का किसी प्रकार का सहयोग करने के बजाय उनका विरोध जारी रखा। जिसके लिए सुरेश म्हात्रे ने शिवसेना के व्हीप का भी ध्यान न रखते हुए सांसद कपिल पाटील का विरोध करते रहे। शिवसेना में रहते हुए महागठबंधन के उम्मीदवार का विरोध करना शिवसेना बर्दाश्त नहीं कर सकी। जिसके कारण चुनाव के दौरान ही सुरेश म्हात्रे से शिवसेना संपर्क प्रमुख का पद ले लिया था और मतगणना के बाद उनसे जिला परिषद के निर्माण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सभापति का पद भी ले लिया है। जिला परिषद की पिछले दिनों हुई सर्वसाधारण सभा में उन्होंने निर्माण विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के सभापति के पद से त्यागपत्र दे दिया है। उक्त जानकारी देते हुए शिवसेना के वरिष्ठ नेता ने बताया कि शिवसेना ने सुरेश म्हात्रे को पहले ही त्यागपत्र देने का आदेश दे दिया था जिसका पालन करते हुए उन्होंने त्यागपत्र दे दिया है। लेकिन वह शिवसेना में बने रहेंगे।
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