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मुंबई। मनपा(बीएमसी) से संबंधित विविध नागरी सेवा सुविधा के कामों के लिए निजी वाहनों की सेवा ली जाती है। वाहनों में प्रमुख रूप से जलापूर्ति करने वाले टैंकर,डंपिंग ग्राउंड तक कचरा पहुंचाने वाले कॉम्पॅक्टर्स, इमारतों से निकलने वाली डेब्रिज,नालों से निकलने वाले कीचड़ आदि ढोने वाले ट्रक का समावेश है। सेवा कार्य में लगे इन वाहनों का मार्ग निश्चित होता है।वाहन पर चौबीसों घंटे नजर रखने के  लिए मनपा ने अपने खुद के वाहनों सहित निजी संस्थाओं से लिए जाने वाले वाहनों में भी वैहिकिल ट्रैकिंग मॉनिटरिंग सिस्टम (वीटीएमएस) अनिवार्य किया गया है। मनपा क्षेत्र में कुछ स्थानों पर विशेष कारणों की वजह से अधिक पानी की जरुरत होती है वहां टैंकर से जलापूर्ति की जाती है।जलापूर्ति के लिए मनपा के पास 28 टैंकर हैं। इन सभी टैंकरों में वीटीएमएस लगाये गए हैं। इसके अलावा जल अभियंता विभाग से संबंधित 324 अन्य वाहन हैं जिनमें जल्द ही  उपकरण लगाये जाएंगे। इसी तरह मनपा क्षेत्र में इमारतों के पुनर्विकास,जर्जर इमारतों को ढहाने की वजह से भारी मात्रा में डेब्रिज तैयार होती है।डेब्रिज ढोने के लिए शहर में लगभग 4 हजार वाहनों का उपयोग किया जाता है।आरोप लगते रहे हैं कि डेब्रिज को निर्धारित स्थान पर डंप करने की बजाय सड़कों के किनारे या खाड़ी में डंप कर दिया जाता है।इस पर अंकुश लगाने के लिए डेब्रिज ढोने वाले सभी वाहनों में वीटीएमएस अनिवार्य किया गया है।
मनपा क्षेत्र से हर रोज निकलने वाला कचरा डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाने के लिए लगभग 2 हजार 628 वाहन हैं, जबकि नालों से निकलने वाले सील्ट को ढोने के लिए 771 वाहन कार्यरत हैं।यही नहीं मलनिःसारण परिचालन विभाग से संबंधित कामों के लिए अलग -अलग तरह के लगभग 60 वाहन कार्यरत हैं। इस हिसाब से हर रोज लगभग 3 हजार 459 वाहन अलग -अलग मार्गों से निर्धारित स्थानों पर जाते हैं।सभी वाहनों पर नज़र रखने एवं सटीक जानकारी के लिए वीटीएमएस उपकरण लगाया जाना है। मुंबई में जलापूर्ति करने वाले 28 टैंकर्स, जलअभियंता विभाग के अधीन 324 वाहन, डेब्रिज ढोने वाले लगभग 4 हजार वाहनों, घनकचरा ढोने वाले लगभग 2 हजार 628 वाहन, सहित अन्य विभागों से संबंधित कुल 7 हजार 811 वाहनों में वीटीएमएस उपकरण लगाया जाना है ।इसके लिए मनपा में एक स्वतंत्र नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जा रहा है।जो हर दिन 24 घंटे कार्यरत रहेगा।इस कक्ष में कर्मचारी तीन शिफ्ट में काम करेंगे।सभी वाहनों की जानकारी नियंत्रण कक्ष में उपलब्ध रहेगी।इससे पारदर्शिता आएगी।

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