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-मुख्य राजस्व अधिकारी सहित सभी उप
जिलाधिकारियों ने भी अलग-अलग अस्पतालों का किया निरीक्षण
-दो चिकित्सक मिले अनुपस्थित, तो दो चिकित्सालय मिले बंद, डीएम ने दिए नुपस्थित चिकित्सकों के वेतन रोकने का निर्देष

मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। जिलाधिकारी अनुराग पटेल के निर्देष पर षुक्रवार को जिले के आयुर्वेदिक अस्पतालों का सघन निरीक्षण किया गया। इस दौरान दो अस्पताल बंद पाये गए तो वहीं दो चिकित्सक अनुपस्थित मिले। जिनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने उनका वेतन रोके जाने का निर्देष दिया है। जिलाधिकारी ने पड़री विकास खंड अन्र्तगत पैड़ापुर में 10.10 मिनट पर तथा भरपुरा में 10.45 पर वहां के आयुर्वेदिक चिकित्सालयों का निरीक्षण किया। इस दौरान पैडापुर अस्पताल में मरीज के लिए बिछाये गए बेड का गंदा व काफी फटा हुआ चादर देख जिलाधिकारी भड़क उठे। बेड और उस पर बिछे हुए चादर की दषा देख जिलाधिकारी कें तेवर कडे होने के साथ वह बदहाली को देख बिफर पड़े और मौके पर मौजूद चिकित्सक डाक्टर मनोज सिंह को कड़ी फटकार लगाते हुए तत्काल दुसरा बेड और चादर लगाने का निर्देष दिया। अस्पताल के एक कमरे में भारी संख्या में कबाड़ रखे होने के साथ वहीं पर फार्मासिस्ट द्वारा अस्पताल की दवाइयों को रखा गया हुआ जिन पर धूल की परत जमी हुई थी। जिसे देख जिलाधिकारी ने फामासिस्ट नरेन्द्र पांडेय को फटकार लगाते हुए उन्हें साफ करने का निर्देष दिया। उन्होंने बेकार पड़े सामानों को 15 दिनों के अंदर नियमानुसार हटाने का निर्देष दिया। निरीक्षण के दौरान एक दस साल का बच्चा अस्पताल में दवा लेने आया हुआ था जिससे रूबरू होते हुए जिलाधिकारी ने बच्चें से जाना कि वह दवा किस बीमारी के लिए ले जा रहा है। इस दौरान जिलाधिकारी ने मौके पर मौजूद ग्रामीणों से भी अस्पताल की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसके बाद डीएम ने भरपुरा आयुर्वेदिक अस्पताल का निरीक्षण किया जहां उन्हें बताया गया कि यहां कि चिकित्सक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मौके पर फार्मासिस्ट उपस्थित मिले जिन्होंने जिलाधिकारी को दवाओं के उपलब्धता के बारे में बताया। निरीक्षण कि दौरान यहां भी कुर्सी, बेड इत्यादि टूटे होने के साथ एक कमरे में पड़े मिले जिसे जिलाधिकारी ने 15 दिनों के निलाम कराने का निर्देष देते हुए साफ-सफाई पर जोर दिया। निरीक्षण के दोेनों अस्पतालों मंे सादा आंवला चूर्ण, गोदवंती वन, त्रिफला, आदि दवाओं के स्टाक रजिस्टर का मिलान कराया। उन्होंने निर्देषित किया कि एक सप्ताह के अंदर अस्पतालों की व्यवस्था सही कर ले पुनः निरीक्षण में गड़बड़ी पाये जाने पर दंडनात्मक कार्रवाई की जायेगी। इसी क्रम में जिलाधिकारी के निर्देष पर मुख्य राजस्व अधिकारी के द्वारा नेवढ़ियां, नगर, लाइन का पोखरा, लोहंदी तथा विंध्याचल के आयुर्वेदिक अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। जिसमें सभी कर्मचारी व चिकित्सक उपस्थित पाये गए तथा विंध्याचल में डाक्टर रविन्द्र अवकाष पर बताये गए। अपर जिलाधिकारी राजित राम प्रजापति द्वारा बिरौरा का निरीक्षण किया गया जहां पता चला कि चिकित्सक सोनभद्र गए हुए हैं। उपजिलाधिकारी सदर अरविंद कुमार चैहान द्वारा भैंसा तिवारीपुर, जमुआं बाजार का निरीक्षण किया गया। जहां पर सभी डाक्टर व कर्मचारी उपस्थित पाये गए। इसी प्रकार उपजिलाधिकारी चुनार के द्वारा जमालपुर, रामपुर, भाईपुर कलां तथा भूईली का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान भूईली में चिकित्सक अनुपस्थित पाये गए। उपजिलाधिकारी लालगंज के निरीक्षण में सुबह 9.30 मिनट पर ड्रमंडगंज का आयुर्वेदिक अस्पताल बंद पाया गया तथा बरौधा में सभी उपस्थित पाये गए। उपजिलाधिकारी मड़िहान पथरौर अस्पताल का निरीक्षण किया गया तो अस्पताल बंद पाया गया तथा जमुई में चिकित्सक अनुपस्थित पाये गए जब कि भांवा अस्पताल खुला हुआ मिला। जिलाधिकारी अनुराग पटेल ने अनुपस्थित भुईली तथा जमुई के अनुपस्थित चिकित्सकों  का एक दिन का वेतन रोकने का निर्देष देते हुए मुख्य दोनों बंद अस्पतालों के सभी कर्मचारियों का वेतन रोकते हुए जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी से स्पष्टीकरण की मांग कि है। उन्होंने सभी चिकित्सकों को निर्देषित करते हुए कहा कि अस्पतालों में समय से उपस्थित होकर मरीजों को सुविधा प्रदान करें अन्यथा आगे के निरीक्षण में अनुपस्थित पाये जाने पर निलंबन की कार्रवाई की जायेगी।



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