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शिव कुमार राय/जे.टी.न्यूज

पटना:महाभारत काल में युधिष्ठर ने एक द्रौपदी का चिर हरण किया था।बिहार में सुशासन का दावा करनेवाली नीतीश सरकार मे हर दिन महिलाओं का चिर हरण हो रहा है।इस बाबत सरकार की कार्रवाई फिसड्डी है तो समाज मूकदर्शक बैठा हुआ है।महिला संगठन खामोश हैं ,तो मानवाधिकार संगठन अपने कर्तव्य से दूर हैं।आखिर कब तक होता रहेगा बिहार में महिलाओं का चिर हरण। विगत दो-तीन वर्षों से सुबे में महिलाओं को निर्वस्त्र कर पीटे जाने  व प्रताड़ित किए जाने की घटनाओं में बेहद इजाफा हुआ है। बीते साल कम-से-कम दर्जनभर से अधिक घटनाएं घटी, महिलाओं पर इस तरह का अमानवीय जुल्म इसलिए ढाया जाता है कि वह अपने शौहर को दारु के लिए पैसे नहीं देती। शहर के दोस्तों के साथ हमबिस्तर होने से इंकार करती, उन पर डायन होने का आरोप लगता, महिलाओं की आबरू को तार-तार करने वालों में उनके पति परिजन और समाज के सफेदपोश व्यक्ति होते हैं ।इस तरह की घटनाएं बिहार के लिए कोई नई बात नहीं है ।एक पुरानी घटना को देखें तो वर्ष 2011 में हथुआ के विधायक रामसेवक सिंह समेत उनके तीन अंगरक्षक और उनके वाहन चालक की इसलिए गिरफ्तारी हुई थी कि उन लोगों ने एक मुखिया के 2 समर्थकों को नंगा कर बेरहमी से पीटा था।
                     बेगूसराय के कोरिया गांव स्थित एक निजी स्कूल में महज ड्रेस के पैसे नहीं देने पर दो मासूम बच्चियों को न केवल पिटाई की गई बल्कि दोनों को निर्वस्त्र अवस्था में प्रबंधन ने घर भी भेज दिया। यह वाक्या बेहद शर्मनाक थी बच्चों की पिटाई और उसे निर्वस्त्र करने वाला और कोई नहीं बल्कि स्कूल की शिक्षिका अंजना कुमार थी। इस काम को राह देने में स्कूल के दबंग संचालक मुकेश कुमार का सहयोग रहा ।पुलिस ने मामला दर्ज होने पर दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई ।मधुबनी के बिटुहर ( हरलाखी )गांव की २३ वर्षीय बहू मिंटी कुमारी को उसके पति कृष्ण कुमार साह सहित उनके परिवार के कई महिला पुरुष सदस्यों ने दहेज के लिए नग्न कर किरोसिन तेल छिड़ककर जलाने का प्रयास किया ।आरोपियों ने मिंटी की जमकर पिटाई करते हुए उसे पूरी तरह नग्न कर दिया था ।एक अन्य घटना इसी हरलाखी थाना के सोनाई गांव मे घटी। वहां भी एक 30 वर्षीय महादलित महिला के साथ कतिपय लोगों ने मनगढ़त बात का बहाना बनाकर उसे निर्वस्त्र कर जमकर पिटाई की। मुजफ्फरपुर में पत्नी ने पति के दोस्तों के साथ हमबिस्तर होने से इनकार किया तो उसके पति ने उसे नंगा कर धुनाई की घटना में पति के दोस्तों ने भी साथ दिया। यह खबर भले ही अखबारों की सुर्खियां नहीं बन पाई ।लेकिन इस अमानवीय घटना से सरकारी कानून व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी ।घटना बंदरा ब्लॉक के मुन्नी बेंगरी गांव में घटी थी। घटना का दुखद पहलू यह रहा कि गांव के पंचायत में पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधियों ने शराबी पति का साथ देते हुए महिला का बाल काटकर नंगे बदन गांव में घुमाने का आदेश दिया। इतना ही नहीं महिला को चरित्रहीन बता कर उसे प्रताड़ित किया जाता रहा। पीड़ित महिला का माने तो उसका शराबी पति पैसा कमा कर देने को कहता था ,पैसे के लिए पति अपने चार -चार दोस्तों को साथ हर रात हम बिस्तर होने का दबाव देता था ।जब इन बातों का विरोध किया तो मेरे साथ पति और समाज ने जो जुल्म ढाया वह सबके सामने है। अगस्त 2016 में घटी इस लोक हर्षित घटना को याद कर गांव की महिलाएं आज भी सिहर उठती है।
[ कब तक होता रहेगा महिलाओं
 पर अत्याचार
शिवकुमार राय/ जे.टी. न्यूज़
पटना: सुपौल जिले के बैधनाथपुर गांव में चंद्र देवी  नामक एक महिला को डायन बताकर पहले पिटाई की गई ,फिर उसे नग्न कर मैला खिलाया गया फिर उसे एक झाड़ी में फेंक दिया गया। जहानाबाद जिले के निजामुद्दीन पुर गांव की एक महिला और उसके बेटे -बेटियों की कुछ लोगों ने घर में घुसकर मारा- पीटा। पिटाई के क्रम में महिला निर्वस्त्र हो गई। पिटाई करने वाले लोगों का आरोप था कि महिला ने दो युवकों की हत्या करवाई है ।यह घटना सैकड़ों लोगों और दर्जनों पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में हुई ।तमाशा बीन पुलिसकर्मियों के सामने बर्बरता भी हदें पार होती रही लेकिन पुलिस ने ना तो अपना कर्तव्य निभाया और ना तो एक स्त्री और उसके दो नाबालिग बच्चों पर होने वाले और अमानवीय प्रहार को रोक पाई। इस घटना ने तब राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर दिया था। पूरे राज्य में घटना को लेकर धरना प्रदर्शन होते रहे।यहां तक कि विधानमंडल के दोनों सदनों में आवाज गूंजती रही। सुरक्षा पुलिस को देना है और न्याय देना न्यायालय का काम है।वैसी स्थिति में आखिरकार आमजन क्यों कानून अपने हाथ में लेकर महिलाओं पर अत्याचार करने से बाज नहीं आते ।परिवार और समाज में स्त्रियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर से सुबे की राजनीति में बहस का विषय बन चला है। महिला  असुरक्षा से जुड़े सवाल और सरोकार गंभीर तो है ही काफी व्यापक भी हैं।
   .             एक और राज्य सरकार आधी आबादी को मान- सम्मान और अधिकार दिलाने की बात कहती रही ।एक ओर आधी आबादी पर अत्याचार और रुकने का सिलसिला खत्म होता नजर नहीं आता ।गोपालगंज जिले के धवई टोला परसौनी माधोपुर वैसे कलंकित गांव है जहां के दबंग किस्म के लोगों ने महिलाओं को अर्धनग्न कर बेरहमी से पिटाई की घटना को अंजाम दिया है। सीतामढ़ी जिला के कन्हौली थाना क्षेत्र के एक गांव में स्कूल जा रही एक छात्रा से छेड़खानी की गई। घटना का विरोध करने पर तकरीबन आधे दर्जन लोगों ने घर में घुसकर छात्रा की बहन को अर्धनग्न कर न केवल पिटाई किया बल्कि उसके साथ अश्लील हरकत भी की गई। पुत्री को बचाने आई उसकी मां और अन्य परिजनों पर घातक हथियारों से प्रहार किया गया जिसमें 4 महिलाएं घायल हो गई ।मधुबनी के सिरवारा गांव में संदेह के कारण एक 40 वर्षीय महिला को नग्न कर पीटा गया पीड़ित महिला पर एक अन्य महिला को भगाने का संदेह किया गया था। ग्रामीण बताते हैं कि घर से कहीं अन्यत्र जाने वाली महिला अपनी मर्जी से गई थी जो चार दिनों बाद स्वतः घर लौट आई ।संदेह के आधार पर उक्त महिला को शारीरिक प्रताड़ना देते हुए निर्वस्त्र कर गांव में कतिपय लोगों ने घुमाया।
                   बिहार में बढ रहे महिला अपराधों को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी खासे चिंतित हैं। वह राज्य में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर गौर करने की बात कही है ।राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुषमा साहू इस बावत गृह मंत्री से मिलकर स्थिति से अवगत कराई थी। भागलपुर जिले के फतेहपुर की राधा देवी, बेतिया की पन्ना देवी ये ऐसी दो महिलाएं हैं जिनके साथ स्थानीय अपराधियों ने निर्वस्त्र कर जबरदस्त पिटाई की। राज्य महिला आयोग का गठन प्रताड़ित महिलाओं के दर्द की सुनवाई के लिए किया गया था ।लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पीड़ित महिला आयोग के कार्य शैली से निराश है यहां उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
                 बहर हाल ,राज्य सरकार के दावे भले ही पक्षधर हो। इतना तय है कि सुबे के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं पर तरह-तरह का लांछन लगाकर उन्हें प्रताड़ित करने की घटनाओं में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है।

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