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उन्नाव हिन्दुस्तान की आवाज श्रीराम मौर्या सोनू

किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। प्रदूषण नियन्त्रण विभाग की सख्ती के चलते कुछ फैक्ट्रियां अपना गन्दा पानी नाले में गिराने की बजाय उसे टैंकरों में भरकर आस पास के खेतों में चोरी छिपे फिकवा रही हैं। ठोस अवशिष्ट टैक्टरों के जरिए खेतों में फेंका जा रहा है । इससे कृषि भूमि प्रदूषित हो रही है।
गंदगी फेंके जाने से किसानों की फसलों में हो रहे नुकसान से उनमें आक्रोष बढ़ता जा रहा है। किसानों का कहना
है कि फैक्ट्रियों की इस करतूत से खेतों की पैदावार पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। ग्रामीण सुरजा, मुन्नी, दाताराम ,कामता , बृजेश, लालता ने कहा कि आज के दौर में जब खेती के जरिए जीविका चलाना मुश्किल है । ऐसे में निजी फैक्ट्रियों द्वारा खेतों में फेंका जा रहा रसायन युक्त विषैला गन्दा पानी एवं कचरा किसानों के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। इससे खेतों की मिट्टी दूषित हो रही है । फसलों की पैदावार भी प्रभावित हो रही है । खेतों में डाली गयी गन्दी से पैदा होनी वाली दुर्गन्ध के चलते कृषि कार्य करने में भी भारी असुविधा होती है । लोगों के मुताबिक फसल तैयार होने तक आवारा जानवर से फसलों को बचाए रखने की कठिन चुनौती किसानों के सामने रहती है । इसके बाद खेत खाली होने के पर फैक्ट्रियों द्वारा फेंकी जाने वाली गन्दगी से उसे सुरक्षित रखने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। कई बार सम्बंधित विभाग से शिकायत भी की गयी लेकिन इस पर लगाम नही लग पायी।

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