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-मामले ने पकड़ा तूल, मुख्यमन्त्री के दरबार तक पहुंची षिकायत 
-एक एसडीएम समेत तीन अफसरों पर कार्रवाई तय
-टोल  प्लाजा कर्मियों से मारपीट करते पंकजलाल, कक्ष में टूटे सामान को दिखाता कर्मी व पीड़ित टोल प्लाजा कर्मी

कन्नौज,हिन्दुस्तान की आवाज़, शिवेन्द्र सिंघ

कन्नौज। बीती 25 फरवरी को लखनऊ से लौट रहे सहायक आयुक्त जीएसटी पंकज लाल और फगुहा भट्टा स्थित टोल प्लाजा के कर्मचारियों के बीच मारपीट का मुद्दा अब सीधे मुख्यमन्त्री के दरबार में पहुंच गया है। शासन के बेहद भरोसेमन्द सूत्रों के मुताबिक यूपीडा के प्रबन्ध निदेषक और राज्य के अपर मुख्य सचिव अवनीष अवस्थी ने स्वयं इस घटना का संज्ञान लिया। उन्हीं के निर्देष पर घटना के समय टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज भी लखनऊ तलब की गई और एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मण्डल मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ से मिला। जानकारों का दावा है कि मुख्यमन्त्री ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आदेष दिया है और घटना में शामिल किसी भी सरकारी अधिकारी को नही बख्शने के निर्देष दिए हैं।
सूत्रों ने तो यह भी दावा किया कि चूंकि दो दिन बाद होली है, इसलिए घटना में शामिल प्रषासनिक अधिकारियों को होली के बाद दण्डित किया जाना निर्णायक तौर पर तय हो चुका है।
प्राप्त घटनाक्रम के मुताबिक 25 फरवरी की रात साढे 11 बजे लखनऊ से लौट रहे एक निजी वाहन में सवार सहायक आयुक्त जीएसटी पंकजलाल को जब टोल प्लाजा कर्मी ने टोल टैक्स के लिए रोका तो श्री लाल ने उसे प्रषासनिक अरदब में लेना चाहा। कर्मचारी द्वारा बार-बार प्रषासनिक अधिकारी कहे जाने पर जब परिचय पत्र मांगा गया तो श्री लाल बेहद उत्तेजित हो उठे और कार से उतर कर अभद्र शब्द का प्रयोग करते हुए कर्मचारी सतेन्द्र कुमार पुत्र महबूब निवासी मझगंवा जिला अम्बेदकर नगर को बुरी तरह पीटने लगे। कुछ कर्मचारी और श्री लाल के साथ कार में सवार जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी पवन कुमार सिंह बीच-बचाव करने की मुद्रा में कार की ओर बड़े तो पंकजलाल और उत्तेजित हो उठे। इसी बीच उन्होने अपने को घिरता देख उप जिलाधिकारी तिर्वा डा. अरुण कुमार सिंह को फोन करके मौके पर बुलाया। आनन-फानन भारी भरकम फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी तिर्वा ने टोल प्लाजा के सभी कर्मचारियों को पुलिस हिरासत में लेने के निर्देष दे दिए।
सीसीटीवी कैमरे की फुुटेज बताती है कि एसडीएम की मौजूदगी में भी पंकजलाल ने टोल कर्मियों से मारपीट की। इसके बाद सभी कर्मचारियों को पुलिस हिरासत में तिर्वा कोतवाली ले जाया गया। आरोप है कि यहां पुलिस ने सभी कर्मचारियों की जमकर पिटाई की। इसी बीच किसी ने घटना की जानकारी लखनऊ स्थित यूपीडा के आलाधिकारियों को दी तो जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार को रात 1.30 बजे जगाकर घटना के बारे मंे ब्यौरा तलब किया गया। जिलाधिकारी के मुताबिक उन्हें तब तक घटना के बारे में कोई जानकारी नही थी। उन्होने लखनऊ से फोन आने के बाद उप जिलाधिकारी तिर्वा डा. अरुण कुमार सिंह और पंकजलाल से फोन पर बात की, साथ ही कर्मचारियों को पुलिस हिरासत से तत्काल छोडे़ जाने का आदेष दे दिया। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि उन्होने पूरी घटना की जांच के आदेष दे दिए हैं, लेकिन यह नही बताया कि जांच अधिकारी कौन होगा।
घटना मंे चूंकि एक उप जिलाधिकारी की भूमिका भी है, इसलिए जाहिर है कि यह जांच अपर जिलाधिकारी ही करेंगे। इसी बीच टोल प्लाजा कर्मियों ने इस सारे घटनाक्रम से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया तो दो बड़े अफसरों ने कन्नौज आकर जिलाधिकारी से बात की, लेकिन पूरे प्रकरण में वे जिलाधिकारी की भूमिका से सन्तुष्ट नही दिखे तो उन्होने सारे मामले पर एक रिपोर्ट तैयार कर यूपीडा के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेषक अवनीष अवस्थी को सौंप दी।
बताया जाता है कि 6 फरवरी को भी श्री लाल और टोल प्लाजा कर्मियों के बीच गरमागरम बहस हुई थी और मारपीट की नौबत आ गई थी, लेकिन उस दिन बात कहासुनी तक ही सीमित रही, उस दिन श्री लाल चूंकि बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी पर थे, इसलिए बात ने तूल नही पकड़ा।


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