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बहराइच हिंदुस्तान की आवाज आर के वर्मा

31 जनवरी को सम्पूर्ण भारत में चंद्रग्रहण के दौरान सभी मंदिर सुबह  7-30 सूतक लगने के कारण बन्द हो जायेगे और पूरे दिन बन्द ही रहेगे lचन्द ग्रहण के कारण आप भी ध्यान रखे, जिनके घर में मंदिर में कोई भी भगवान् विराजमान हैं वो अपने मन्दिर के उस दिन पट बंद ही रखे..
साल का सबसे पहला ग्रहण चंद्रग्रहण  31 जनवरी को लगने वाला है। यह संपूर्ण भारत में दिखाई देगा। शाम को 5 बजकर 18 मिनट पर प्रारंभ होने वाला यह ग्रहण रात्रि 8 बजकर 42 मिनट पर समाप्त होगा। इस तरह ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 24 मिनट होगी।
इलाहाबाद (शाम 5.40), अमृतसर (शाम 5.58), बैंगलुरू (शाम 6.16), भोपाल (शाम 6.02), चंडीगढ़ (शाम 5.52), चेन्नई (शाम 6.04), कटक (शाम 5.32), देहरादून (शाम 5.47), दिल्ली (शाम 5.54), गया (शाम 5.27), हरिद्वार (शाम 5.48), मुज़फ़्फ़नगर ( शाम5.56 ) जालंधर (शाम 5.56), कोलकत्ता (शाम 5.17), लखनऊ (शाम 5.41), मुजफ्फरपुर (शाम 5.23), नागपुर (शाम 5.58), नासिक (शाम 6.22), पटना (शाम 5.26), पुणे (शाम 6.23), राँची (शाम 5.28), उदयपुर (शाम 6.15), उज्जैन (शाम 6.09), वड़ोदरा (शाम 6.21), कानपुर (शाम 5.44)
(इन दिये गये स्थानों के अतिरिक्तवाले अधिकांश स्थानों में पुण्यकाल का समय लगभग शाम 5.17 से रात्रि 8.42 के बीच समझें ।)
ग्रहण के समय पालनीय
(1) ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते । जबकि पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए ।
(2) सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना । यदि गंगा-जल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना फलदायी होता है ।
(3) ग्रहण-काल जप, दीक्षा, मंत्र-साधना (विभिन्न देवों के निमित्त) के लिए उत्तम काल है ।
(4) ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।

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