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ग्रामीणों से भरी नाव गंगा में पलटी 1 डूबा, 9 बचायेगे
-शव की तलाश में जुटे गोताखोर, मची रही अफरा तफरी


मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। नये साल का दावत खाकर लौट रहे ग्रामीणों से भरी नाव गंगा नदी में पलट गई। परिणामस्वरूप नाव पर सवार दर्जन भर लोग डूबने लगे। जिन्हें आसपास मौजूद लोगों की तत्परता से तो किसी प्रकार बचा लिया गया, लेकिन एक ग्रामीण गंगा की धारा में समा गया जिसके शव की तलाश की जा रही है। यह नाव हादसा चुनार कोतवाली क्षेत्र के समसपुर गांव के समीप गंगा नदी में हुई। बताते है कि तकरीबन दर्जन भर लोग सोमवार को नये साल का जश्न मनाने के लिए समसपुर में गंगा उस पार गए हुए थे। जहां लिट्टी चोखा का दावत खाने के बाद सभी देर शाम अपने घर को वापस आ रहे थे। बताते है कि नाव जैसे ही गंगा नदी में बढ़ी थी वैसे ही नाव अनियंत्रित होने लगी और जब तक लोग संभल पाते नाव देखते ही देखते पलट गई। जिससे उस पर सवार तकरीबन दस लोग डूबने लगे। जिनकी चीख पुकार सुनकर घाट के आसपास मौजूद लोग और मछुआरे तत्परता बरत मौके पर पहुंच गए और किसी प्रकार 9 लोगों को तो बचा लिया लेकिन एक व्याक्ति का कोई पता नहीं चल सका। बताते  है कि उक्त दावत में दो दर्जन लोग भाग लिये थे जिनमें से कुछ तो पहले ही वापस आ गये थे। बचे दस लोग नाव पर सवार होकर आ रहे थे कि तभी यह हादसा हो गया। घटना के काफी देर बाद जब खोजबीन प्रारंभ हुई तो पता चला कि दावत खाने वालों में कमलेश यादव 45 निवासी नेवढ़ियां थाना पड़री भी शामिल था जिसका कोई आता पता नहीं था। जानकारी होने पर मौके पर थानाध्यक्ष पड़री दल बल के साथ मौके पर पहुंचकर गोताखोरों की मदद से कमलेश के शव की तलाश में जुटे थे। जिसकी लाश का दूसरे दिन भी कोई अता पता नहीं चल पाया था। जिससे कमलेश के परिवार में कोहराम मचा हुआ है वहीं मौके पर आसपास के ग्रामीणों सहित काफी संख्या में भीड़ जमी रही है। बताते चले कि जिले में यह कोई पहला नाव हादसा नहीं है, बावजूद जर्जर और क्षमता से अधिक सवारी बिठाकर नाव संचालन पर रोक नहीं लग पा रहा है। हादसा होने के बाद प्रशासन द्वारा दावे तो तमाम किये जाते है, लेकिन कुछ दिनों के बाद मामला दब कर रह जाता है जिससे इन पर कोई नियंत्रण नहीं लग पा रहा है। गौर करे तो चुनार, पड़री और जिगना थाना क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में नाव हादसा हो चुका है, बावजूद इसके इससे सबक नहीं लिया जा रहा है और ना ही कोई दण्नात्मक कदम उठाया जा रहा है। जिसका नतीजा यह है कि कई जिंदगियां देखते ही देखते गंगा की धारा में असमय ही समा जा रही हैं।



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