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मुंबई ।संवाददाता


मुंबई, २० हजार चौ. मी. से अधिक आकार की जमीन पर गृहसंकुल, उसी तरह प्रत्येक दिन १०० किलो से अधिक कचरा निर्माण होने वाली सोसायटी और होटलों को कचरा वर्गीकरण उसी तरह गिले कचरे पर प्रक्रिया करकर उससे खाद निर्माण करना अनिवार्य किया गया है. लेकिन नोटिस भेजने के बावजूद भी अनेक सोसायटी उसकी तरफ नजरंदाज कर रही है. अब पालिका उपायुक्त कम से कम 10 सोसायटी से मुलाकात कर उन्हें कचरा वर्गीकरण के बारे में प्रेरित करे. जिसकी निगरानी अतिरिक्त आयुक्त करेगे. उसके बावजूद भी यदि सोसायटी ने नजरंदाज किया तो उस सोसायटी के अध्यक्ष और पदाधिकारियो के उपर महापालिका अधिनियम के अनुसार 'एमआरटीपी ऍक्ट' और प्रदूषण विषयक कायदा; इस तरह तीनो नियम के प्रावधान के तहत कार्यवाही शुरू करे, यह आदेश महापालिका आयुक्त ने गुरुवार की बैठक के समय दिया .

कचरा वर्गीकरण किये जाने का आदेश मुंबई की बड़ी सोसायटीयो को दिया है. इस बारे में पिछले अनेक महिनो से जनजागरण भी किया गया. इसके लिए अनेक बार नोटिस भेजा गया. समयावधि में बडोतरी दिया, उसके बावजूद अधिकतर सोसायटियों से अपेक्षित सहकार्य नही मिल रहा है. इस बारे में सभी परिमंडळीय उपायुक्त उनके कार्यक्षेत्र में कम से कम १० सोसायटियों को प्रत्येक सप्ताह मुलाकात कर उनसे वार्तालाप कर उन्हें सोसायटी का कचरा का व्यवस्थापन करने के लिए प्रेरित करना है. उपायुक्त के इस कार्यवाही की निगरानी (संनियंत्रण) संबंधित अतिरिक्त महापालिका आयुक्त करने वाले है. यह नया निर्णय़ पुनरावलोकन बैठक में लिया गया है. इसके अनुसार सभी तरह का प्रयास करने के बावजूद भी सोसायटियों द्वारा अपेक्षित कार्यवाही नही करने पर, उस सोसायटी के अध्यक्ष और पदाधिकारियो के ऊपर बृहन्मुंबई महापालिका अधिनियम सहित 'एमआरटीपी ऍक्ट' और प्रदूषण विषयक कायदा; इस तरह तीनो नियम के अनुसार कार्यवाही किया जाये, यह आदेश भी महापालिका आयुक्त ने पुनरावलोकन बैठक में दिया है.

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