Ads (728x90)

-विंध्यक्षेत्रवासियों में हो रही है उनकी मुक्तकंड से सराहना 
मीरजापुर,हिन्दुस्तान की आवाज, संतोष देव गिरी

मीरजापुर। विंध्याचल की वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था से आम जनमानस त्रस्त है। नवरात्र के 20 दिन पहले से ही प्रशासनिक महकमा व्यवस्था को दुरूस्त करने में जुटा रहा है, लेकिन विंध्यक्षेत्र में व्याप्त अव्यवस्था आज भी जनमानस को कचोट रहा है। बताते चले कि क्षेत्र में अव्यवस्थाओं के साथ-साथ प्रशासन का कहीं न कहीं जनमानस के साथ सौतेलापन जैसा व्यवहार भी खल जा रहा है। जबकि नगर विधायक की जनता के प्रति जवाब देही और उनकी सक्रियता सभी के बीच सराही जा रही है। बताते चले कि पिछले दिनों जब विंध्याचल में अतिक्रमण हटाओ अभियान पुलिस प्रशासन के द्वारा हो रहा था, ऐसी स्थिति में नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा आम जनमानस के बीच खड़े हो जाते है। परिणाम निकलता है की आम जनता की भावनाओं के साथ खेलने वाले थाना अध्यक्ष विंध्याचल को हस्तांतरित करा दिया जाता है। ऐसे समय में जब 24 घंटे मेला शुरू होने वाला हो नवरात्रि के पहले दिन तीर्थ पुरोहितों और सुरक्षाकर्मियों के बीच विंध्यवासिनी मंदिर पर तीखी झड़प हो जाती है, सूचना पाते ही विधायक विंध्यवासिनी मंदिर पर पहुंच जाते है और बीच-बचाव का रास्ता निकालते है। मामला शांत हो जाता है इसी बीच राष्ट्रीय चैनलों पर यह खबर प्रसारित करा दी जाती है कि भाजपा विधायक की मंदिर पर दबंगई क्या यह उचित था। नवरात्र के पहले से लेकर आज तक नगर विधायक छोटी या बड़ी हर मामले में अपनी उपस्थिति जता रहे है। ऐसे में विधायक को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया जाता है। गंगा घाटों पर समस्या समाधान करने के लिए विधायक का पहुंच जाना, अतिक्रमण मामले पर प्रशासनिक अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाना और अंकुश लगाने की चेतावनी विंध्यवासिनी मंदिर पर सर्व समाज के बीच अधिकारियों के साथ बैठक में हर क्षण समाज के कंधे में कंधा मिलाकर चलने का वचन देना और उसका निर्वाही करते नजर आ रहे है। प्रशासनिक भवन में जिला प्रशासन के साथ मिल बैठकर एक सकारात्मक पहल कर मामले को पटरी पर लाकर सही दिशा देने का काम हुआ, जबकि सूत्र बताते हैं की जिला प्रशासन की मनसा और कार्यशैली से यह प्रतीत होता था की विंध्यवासिनी मंदिर पर पुलिस प्रशासन वह दर्शनार्थी ही रहेंगे, तीसरा कोई नहीं रहेगा। यह योजना थी और निश्चित तौर पर बड़े विवाद का जन्म होना स्वाभाविक था। वही नगर विधायक सारे विवादों को समाप्त करने व सबका साथ सबका विकास के प्रति मन बनाए रखने की रणनीति मामले को अच्छी व्यवस्था में परिवर्तित करा दिया। यकीनन सत्ता पक्ष के विधायक की क्या हैसियत होती है इसका अंदाजा सहज में लगाया जा सकता है। नगर विधायक अधिकारियों के साथ स्थानीय के साथ तालमेल बैठाने की पहल आज भी करते नजर आए अपनी जनप्रतिनिधि पर विश्वास और आस्था का प्रश्न है। पहले वह समाज से हैं, बाद में विधायक आपके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की पहल आज तक किसी जनप्रतिनिधि नहीं किया था, लेकिन मेले का भ्रमण मेला शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो जाए सबसे अधिक फिक्र किसी को है वह नगर विधायक है। यह प्रशंसा नहीं है यह अथार्थ है और सबके सामने है व्यवस्था बनाने में बहुत समय लगता है बिगाड़ने में एक पल भी नहीं लगता, जिस मनोभाव से प्रशासनिक अधिकारी कार्य करना चाहते थे व्यवस्था के नाम पर अव्यवस्था फैलाकर यहां की समाज को बदनाम करने की साजिश को अगर किसी ने असफल किया है तो वह है नगर विधायक। हम इन्हें विधायक के रुप में देख रहे है, शायद अगले नवरात्र में मंत्री के रूप में देखें यही प्रशासनिक अधिकारी मंत्री से नहीं आप से राय मशविरा लेंगे।
---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- Disclaimer हमे आप के इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करे और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य मे कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह ईमेल hindustankiaawaz.in@gmail.com भेज कर सूचित करे । साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दे । जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।

Post a Comment

Blogger