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दुर्गा पूजा, जिसे दशहरा या विजयादशमी भी कहते हैं, सबसे प्रमुख हिन्दू त्योहारों में से एक है। यह समान उत्साह के साथ भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है। दशहरा के साथ छुट्टियों का मौसम आरम्भ होता है, जिसका सीधा अर्थ होता है, परिवार के लिए अधिक समय और भरपूर खुशियाँ मनाना। साल का वह समय एक बार फिर आ गया है और आपको देश भर में उत्सव का आनंद उठाने से चूकना नहीं चाहिए। बस, दशहरा के उत्सव के लिए प्रसिद्ध भारत के शहरों के लिए एक त्वरित छुट्टियों का कार्यक्रम बनाएं और भारत में विभिन्न समुदाय के लोग दशहरा कैसे मनाते हैं, इसका प्रत्यक्ष अनुभव हासिल करें।

1.       कुल्लू
कुल्लू में दशहरा का एक अलग अंदाज होता है। यहाँ इसका आरम्भ उस दिन से होता है, जब देश के बाकी हिस्सों में समापन होता है। आस-पास के गावों से लगभग 200 देवी-प्रतिमाएं  भगवान रघुनाथ के मंदिर में लाई जातीं हैं और एक केन्द्रीय स्थल – ढालपुर मैदान तक उनकी यात्रा निकाली जाती है। अंतिम दिन लंका दहन होता है, जब प्रतीक-स्वरुप सूखी घास और पत्तियों में आग लगाई जाती है। इस अवसर पर कुल्लू के राजा के नेतृत्व में निकलने वाली भव्य यात्रा का आनंद उठाएं और असाधारण आकार की विशाल बांसुरी का दर्शन करें। यहाँ आयोजित स्थानीय मेले की दुकानों से चाहें तो असली हस्तशिल्प के सामान खरीद सकते हैं। इस अवसर पर आयोजित स्थानीय नृत्य और संगीत से आप सम्मोहित हुए बिना नहीं रह सकेंगे।
कुल्लू के लिए ट्रेवलयारी (Travelyaari) पर 2 रात और 3 दिन की यात्रा की बुकिंग करायें, जिसका शुरुआती किराया 10,999 रुपये प्रति व्यक्ति है।
लिंक : http://www।travelyaari।com/tour/manali-kullu-tosh-kasol-4311

2.       मैसूर
कर्नाटक में राजकीय उत्सव की संज्ञा से विभूषित, दशहरा की परम्परा चार सौ वर्षों से भी अधिक पुरानी है। इस दस-दिवसीय महोत्सव की अगुआई मैसूर का राज परिवार करता है। मैसूर का राजमहल हज़ारों तरह की रोशनी से दस रातों तक जगमगाता रहता है। राजमहल के सामने हर शाम नृत्य, संगीत और कर्नाटक की संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम किये जाते हैं। यहाँ हाथियों का जुलूस निकलता है जो राजमहल से आरम्भ होकर दशहरा मैदान तक जाता है। जुलूस के आगे-आगे चलने वाले अलंकृत और सजे-धजे शाही हाथियों को करीब से देखने का आनंद उठाएं।
दशहरा मेला में घूमने के लिए कुछ समय ज़रूर निकालें। यह मेला 1880 से हर साल आयोजित होता है। मेले में आपको स्थानीय भोजन, खरीदारी और तरह-तरह के झूलों एवं सवारियों के साथ असली ‘मेला’ का आनंद मिलेगा।
मैसूर के लिए ट्रैवकर्ट (Travkart) पर 4 रात और 5 दिन के यात्रा की बुकिंग करायें, जिसका शुरुआती किराया 8,550 रुपये प्रति व्यक्ति है।
लिंक : https://www।travkart।com/

3.       अहमदाबाद 
यहाँ गुजरात के चटपटे-स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद उठाते हुए गरबा और डांडिया पर झूमने का लुत्फ़ उठाएं। धडकनें रोकने वाली थाप की तेज आवाज के साथ डांडिया का नौ दिनों तक चलने वाला यह उत्सव अत्यंत मनोहारी होता है – और अगर आप अकेले हैं, तो यह अवसर जोड़ी बनाने के लिए भी उपयुक्त हो सकता है! पारंपरिक गुजराती परिधान ज़रूर लें, और पूरी रात नृत्य में सम्मिलित हो जाएँ!
अगर आप मनपसंद भीड़ में शामिल होना चाहते हों तो गरबा पार्टी का आमंत्रण प्राप्त कर लें।
अहमदाबाद के लिए 3 रात और 4 दिन के भ्रमण के लिए ट्रेवलट्रैंगल (TravelTraingle) पर बुकिंग करायें।
लिंक :  http://traveltriangle।com/

4.       बरारा 
चंडीगढ़ के निकट बरारा में दशहरा के लिए रावण की सबसे ऊंची मूर्ति बनायी जाती है। पिछली बार अधिकतम ऊंचाई 200 फीट थी और हर साल इसे बढ़ाया जाता है। रंग-बिरंगी सजावटों और सामानों से भरे बाज़ार, थिरकने को बाध्य करने वाले संगीत एवं नृत्य से यहाँ के उत्सवी वातावरण में चार चाँद लग जाते हैं।
अपनी यात्रा के लिए क्लियरट्रिप लोकल (Cleartrip Local) के माध्यम से बुकिंग करायें।

लिंक : https://www।cleartrip।com/offers/india/local/
कुछ और शहरों में एक है, मादिकेरी जहां एक साथ ठंढी कॉफ़ी की धरती कूर्ग का भ्रमण करने के लिए दशहरा एक उपयुक्त अवसर है। वाराणसी एक और जगह है, जहां शहर से 15 किलोमीटर दूर रामनगर में सबसे प्रसिद्ध रामलीला की प्राचीन परम्परा है, जिसकी शुरुआत काशी के राजा ने की थी।

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