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भिवंडी। एम हुसेन। राज्यभर में लोग भीषण गर्मी व कडक धूप में काम करने के लिए घर से बाहर निकलकर नागरििकों को प्रवास करना पडता है, कडक धूप के कारण नागरिकों को एक गिलास पीने के पानी के लिए तरसना पडता है इस प्रकार के दृश्य को एक रिक्शा चालक ने देखा। रिक्शा चालक इतना प्रभावित हुआ कि इसने प्रवासियों तथा धूप मेंं खडे लोगों को पानी पिलाने की योजना बनाई और सेवा करना शुुरू कर दिया। जो समाजसेवकों व आम नागरिकों को आगे बढकर उक्त प्रकार की सेवा करने के लिए आदर्श निर्माण किया है।प्राप्त जानकारी के अनुसार सुनील नरहरी चव्हाण (47) नामक रिक्षाचालक पत्नी सुचिता,लडकी श्रद्धा,गायत्री व लडका भावेश आदि सपरिवार भिवंडी तालुका के कांबे ग्रामपंचायत क्षेत्र के तेली चाल में रहते हैं .जो पूर्व 15 वर्षों से रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं । रिक्शा चालक सुनील चव्हाण हनुमान जयंती के दिन भिवंडी रोड रेल्वे स्थानक के बाहर प्रवासियों को भाडे पर लेकर जाने के लिए खडे थे। वह समय दोपहर का था उसी समय कडक धूप के कारण लगभग तीन नागरिक चक्कर खाकर रास्ते पर गिर पड़े .यह दृश्य देखकर सुनील बहुत दुखी हुआ और सेवा इच्छा भी जगी वह अंजूरफाटा से महावीर चौक तक स्वयं जानकारी लेने के लिए कि पीने का पानी कहां है व हॉटेल है क्या ? परंतु उस रास्ते पर कहीं भी पीने के पानी की व्यवस्था उपलब्ध नहीं। जिसकारण यह इतना प्रभावित हुए कि उसी दिन 20 लिटर ठंडे पानी का बाटल (जार) खरीद कर रिक्शा में रखने की शुरुआत की .देखते ही देखते सुनील का 20 लिटर ठंडा पानी का बाटल घंटे भर में खत्म हो गया .इसलिए सुनील ने दिन भर में 80 लिटर पीने का ठंडा पानी खरीदकर कडक धूप में प्यास से परेशान नागरिकों की प्यास बुझाकर पुण्य का काम करना शुरु किया है जो आज भी जारी है .उक्त पुण्य कार्य के लिए सुनील रिक्शा चलाकर अपनी गाढी कमाई से दिनभर में लगभग 100 से 125 रुपये खर्च कर अपने आपको भाग्यशाली मानते हैं .सुनील सुबह दो बाटल ऐवं दोपहर को दो बाटल इस प्रकार दिनभर में चार बाटल रिक्शा मीटर के बाजू में बांधकर रखते हैं और नागरिकों की प्यास बुझाकर सेवा कर रहे हैं उक्त संदर्भ में इन्होने बताया कि मानव सेवा ही ईश्वर सेवा इसी को ध्यान में रखते हुए बरसात शुरू होने से पूर्व तक हमारी सेवा जारी रहेगी। गौरतलब है कि भीषण गर्मी के मौसम में भिवंडी शहर में पानी की किल्लत बनी हुई है .परंतु मनपा प्रशासन इस गंभीर समस्या बाबत दुर्लक्ष करते हुए शहर में एक भी स्थान पर सार्वजनिक पीने के पानी की व्यवस्था प्रशासन ने शुरू नहीं की। वहीं सुनील चव्हाण जैसे सर्वसामान्य रिक्शा चालक ने मानव सेवा की दृष्टी से उक्त प्रकार की सराहनीय सेवा में जुट गए हैं। शहर में धनपशुओ के रूप में पहचाने जाने वाले शेठ तथा मनपा प्रशासन ने यदि एक रिक्शा चालक को आदर्श मानकर पीने के पानी के लिए उक्त प्रकार से सेवा करना शुरू कर दिया तो निश्चित रूप से नागरिकों व प्रवासियों को पीने के पानी के लिए तरसना नहीं पडेगा इस प्रकार की सेवा वर्तमान समय की आवश्यकता बनी हुई है ।





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  1. दिन में तारे दिखाई देते नहीं

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