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एमएचसी संजीत, हेड कांस्टेबल अनिल सस्पेंड1
हाई कोर्ट की अवमानना व वारंट ऑफिसर से बदसलूकी करना पड़ा भारी
 धर्मवीर शर्मा   
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पानीपत के डीएसपी मुख्यालय जगदीप सिंह दूहन, एमएचसी संजीत, हेड कांस्टेबल अनिल मलिक व सीआइए-3 इंचार्ज छबील सिंह पर हाईकोर्ट की अवमानना के तहत मामला चलाने का आदेश दिया है। इन सभी पर हाईकोर्ट द्वारा भेजे गए वारंट ऑफिसर से बदसलूकी का आरोप है। वारंट ऑफिसर की रिपोर्ट में इन सभी को एक युवक की अवैध रूप से हिरासत में रखने का दोषी बताया गया था, जिसके बाद हाईकोर्ट ने इन सभी के खिलाफ न्यायालय की आपराधिक अवमानना के तहत सुनवाई करने के आदेश दिए हैं। 
गौरतलब है कि गत 25 फरवरी को सीआइए-3 स्टाफ ने करनाल की पारसनाथ कॉलोनी निवासी जयकुवार के बेटे विशाल को चोरी की गाड़ी खरीदने व बेचने के आरोप में सर्विस स्टेशन से उठा लिया था। परिजनों की ओर से उसके बारे में जानकारी पाने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई। आखिरकार परिवार ने एडवोकेट परमिंदर सिंह के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर विशाल को अवैध हिरासत से छुड़ाने की अपील की। हाईकोर्ट ने 8 मार्च को वारंट ऑफिसर की नियुक्ति की थी। वारंट ऑफिसर पानीपत पहुंचे और सीआइए-3 जाकर पाया कि विशाल पुलिस की हिरासत में है और इसकी रोजनामचे में कोई एंट्री भी नहीं है। वारंट ऑफिसर ने कोर्ट में सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया कि जब उसने रोजनामचे में नाम नहीं पाया तो उसे वहां से निकाल दिया गया। इसके बाद रोजनामचे में एंट्री कर दी गई। इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई पर एसपी, डीएसपी जगदीप सिंह, एमएचसी संजीत, हेड कांस्टेबल अनिल मलिक व सीआइए-3 के इंचार्ज छबील सिंह को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने पूछा था कि क्यों न इस मामले में उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाए। एसपी समेत सभी पुलिसकर्मी कोर्ट में मौजूद रहे। एसपी ने बताया कि इस घटना के बाद दो को सस्पेंड कर दिया गया है और बाकी के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। इस पर याची की ओर से कहा गया कि पुलिस ने इस तरह की प्रैक्टिस को पैसा बनाने का धंधा बनाया हुआ है।
याची की दलीलें सुनने और एसपी की कार्रवाई पर गौर करने के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि कोर्ट द्वारा भेजे गए वारंट ऑफिसर के साथ जो बदसलूकी की गई है वह न्यायालय की अवमानना है। ऐसे में इन सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की जाए। इस पर एसपी व अन्य के निवेदन के बाद कोर्ट ने डीएसपी जगदीप सिंह, एमएचसी संजीत, हेड कांस्टेबल अनिल मलिक व सीआइए-3 के इंचार्ज छबील सिंह के खिलाफ न्यायालय की आपराधिक अवमानना के तहत सुनवाई करने का निर्णय लिया है। इस मामले पर अब हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच के पास रोस्टर के अनुसार सुनवाई होगी।हाईकोर्ट के वारंट ऑफिसर के साथ बदसलूकी के आरोप में एमएचसी संजीत और हेडकांस्टेबल अनिल कुमार को गत 31 मार्च को सस्पेंड कर लाइन में भेज दिया गया था। इस मामले की जांच की जा रही है। उसी के अनुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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