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अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि केंद्र सरकार समाज के हर वर्ग के समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है। एंग्लो-इंडियन समुदाय के साथ आज यहां एक बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार सभी वर्गों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण के लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम कर रही है।

श्री नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय सभी अल्पसंख्यकों के सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि “सशक्तिकरण बिना तुष्टिकरण” हमारा मूल मंत्र है। उन्होंने बताया कि समाज के निर्धन और कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए निधि की कोई कमी नहीं है।
श्री नकवी ने कहा कि वास्तव में एंग्लो-इंडियन समुदाय की आबादी बहुत कम है लेकिन इसके बावजूद इस समुदाय ने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समुदाय को अल्पसंख्यक वर्ग से संबंधित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का सर्वाधिक लाभ उठाना चाहिए। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय पांच विश्वस्तरीय शैक्षिक संस्थान स्थापित कर रहा है और इस निर्णय से एंग्लो-इंडियन समुदाय को भी फायदा होगा। एंग्लो-इंडियन समुदाय के प्रतिनिधियों द्वारा अपने समुदाय के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक सशक्तिकरण के संबंध में दिए गए सुझावों को “सकारात्मक, रचनात्मक और लाभप्रद” बताते हुए श्री नकवी ने समुदाय के सदस्यों को आश्वस्त किया कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय उनके सुझावों पर गंभीरता से चर्चा करेगा।
प्रतिनिधियों ने इस बैठक का आयोजन करने के लिए श्री नकवी की प्रशंसा की। श्री नकवी ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनका मंत्रालय एंग्लो-इंडियन समुदाय के सदस्यों के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहेगा। इस बैठक में मनोनीत एंग्लो-इंडियन सांसद प्रो. रिचर्ड हे और जॉर्ज बेकर सहित मनोनीत विधायक श्री एल्विस स्टीफेनसन (तेलंगाना), सुश्री विनिशा नीरो (कर्नाटक), श्री फिलिप टोचर (आन्ध्र प्रदेश), श्री ग्लेन जोसेफ (झारखंड), ऑल इंडिया एंग्लो-इंडियन एसोसियेशन के अध्यक्ष श्री बैरी ओ’ब्रियां सहित समुदाय के अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे।

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