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मुंबई। मुंबई मनपा के जिजामाता उद्यान में पिछले दिनों पेंग्विन पक्षी की हुई मौत का मामला बुधवार को स्थायी समिति की बैठक में उठा। इस मामले में ठेकेदार द्वारा बरती गई लापरवाही का मामला
उजागर हुआ है।स्थायी समिति की बैठक में सपा नेता रईस शेख ने कहा कि मनपा प्रशासन स्थायी समिति के सदस्यों को झूठी जानकारी देकर गुमराह कर रहा है।  पेंग्विन पक्षी को लाने वाले ठेकेदार ने विदेशी कंपनी से अनुबंध होने की जानकारी दी है वह सब झूठी बात है।
मनपा अतिरिक्त आयुक्त संजय
देशमुख ने भी यह माना कि पेंग्विन पक्षी को लाने वाले स्कायवे नामक कंपनी
ने जिस अमरीकन कंपनी से अनुबंध होने की जानकारी दी थी वह नहीं हुआ है। और यह जानकारी अमरीकन कंपनी ने दी है ।देशमुख ने बताया कि दोनों कंपनियों के बीच आर्थिक व्यवहार न हो पाने के कारण अनुबंध नहीं हो पाया था। कंपनी फिर दोबारा अनुबंध करने की बात कर रही है । मनपा प्रशासन ने बीमार पेंग्विन पक्षी का इलाज न्यूजीलैंड में प्रशिक्षण ली डॉ मधुमिता और 
डॉ शिवानी से सहायता ली थी। दोनों ही डॉ विशेषज्ञ थे और उन्होंने पक्षी को बचाने के लिए कोशिश की थी।  अतिरिक्त आयुक्त देशमुख ने बताया मनपा प्रशासन ने स्कायवे कंपनी का मनपा के पास जमा की गई एक करोड़
40 लाख रुपया की अनाम राशि जब्त कर ली है।
    सपा नेता रईस शेख ने कहा कि पेंग्विन पक्षी की देख रेख के लिए उपयोगी उपकरण नहीं लगाए गए थे। मनपा प्रशासन ने पेंग्विन पक्षी को
इलाज के समय ठेकदार के पास ऑक्सीजन तक की व्यवस्था नहीं थी। पास में स्थित बालाजी अस्पताल से ऑक्सीजन लाकर इलाज किया। मनपा विरोधी दल के नेता प्रवीण छेड़ा ने उस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
कांग्रेस ने लोकायुक्त  की जांच की मांग की है। मनपा विरोधी दल के नेता प्रवीण छेड़ा पेंग्विन पक्षी के मामले में ठेकेदार
द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाया और उसमें मनपा अधिकारियों की भी मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए लोकयुक्त को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच की मांग की है।

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