मुंबई विकास प्लान के हत्यारी कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर वसूलों 12 करोड़
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की मुख्यमंत्री से मांग
मुंबई को विद्रूप करनेवाला प्लान बनाकर मुंबई के विकास प्लान की हत्यारी कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर उससे 12 करोड़ वसूल करने की मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय और मनपा आयुक्त सीताराम कुंटे को लिखे हुए पत्र में उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है कि इसके पहले वाला विकास प्लान वर्ष 1991 से 2011 इस कार्यकाल के लिए था। उसवक्त मनपा के करीब 80 अभियंता एवमं
कर्मचारी ने किसी भी तरह की गलती किए बिना प्लान को बनाया था। मनपा ने वर्ष 2009 से नया प्लान बनाने की प्रक्रिया को शुरु कर सर्वप्रथम 'एस.सी.इंडिया लिमिटेड' इस सलाहकार की नियुक्ती की। उसके बाद उस एजेंसी से मन मुताबिक और समाधानकारक काम न होने पर 'एजिस जिओ प्लॉन' इस एजेंसी को काम दिया। इन दोनों एजेंसी को मिलकर 12 करोड़ दिए गए। लेकिन उन्होंने पुरे पैसे लेने के बाद भी ईमानदारी और जमीनी हकीकत के आधार पर काम नही करने से विकास प्लान विवादित हुआ।
जनता के 12 करोड़ रुपए इन एजेंसी को दिए जाने से ये रकम उनसे व्याज सहित वसूल कर उन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करे और इस काम पर ध्यान रखनेवाले सक्षम प्राधिकारी वर्ग पर कारवाई करने की मांग अनिल गलगली ने की है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली की मुख्यमंत्री से मांग
मुंबई को विद्रूप करनेवाला प्लान बनाकर मुंबई के विकास प्लान की हत्यारी कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर उससे 12 करोड़ वसूल करने की मांग आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से की हैं।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मुख्य सचिव स्वाधीन क्षत्रिय और मनपा आयुक्त सीताराम कुंटे को लिखे हुए पत्र में उनका ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है कि इसके पहले वाला विकास प्लान वर्ष 1991 से 2011 इस कार्यकाल के लिए था। उसवक्त मनपा के करीब 80 अभियंता एवमं
कर्मचारी ने किसी भी तरह की गलती किए बिना प्लान को बनाया था। मनपा ने वर्ष 2009 से नया प्लान बनाने की प्रक्रिया को शुरु कर सर्वप्रथम 'एस.सी.इंडिया लिमिटेड' इस सलाहकार की नियुक्ती की। उसके बाद उस एजेंसी से मन मुताबिक और समाधानकारक काम न होने पर 'एजिस जिओ प्लॉन' इस एजेंसी को काम दिया। इन दोनों एजेंसी को मिलकर 12 करोड़ दिए गए। लेकिन उन्होंने पुरे पैसे लेने के बाद भी ईमानदारी और जमीनी हकीकत के आधार पर काम नही करने से विकास प्लान विवादित हुआ।
जनता के 12 करोड़ रुपए इन एजेंसी को दिए जाने से ये रकम उनसे व्याज सहित वसूल कर उन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करे और इस काम पर ध्यान रखनेवाले सक्षम प्राधिकारी वर्ग पर कारवाई करने की मांग अनिल गलगली ने की है।
Post a Comment
Blogger Facebook