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आज से लगभग 75 साल पहले जिस कांग्रेस ने  देश में अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा बुलंद करते हुए भारत माँ की पांव में पड़ी वर्षों की जंजीर को तोड़कर भारत को आजाद कराया था।आज फिर वही कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से कश्मीर से कन्याकुमारी तक के देश वासियों के दिलों को एक दुसरे से जोड़ने का काम कर रही है।

अगर आज के भारत को हम जाती और धर्म के चश्मे को उतार कर अपनी आंखों पर इंसानियत का चश्मा लगाकर देखें तो हम सभी को इस बात का सहज अनुमान लग जायेगा कि भारत के लिए आने वाले दिनों में इस यात्रा का कितना  महत्व है।  

देश में सर्व धर्म समभाव को कायम रखने के लिए ऐसी एक अनोखी पहल की निहायत जरूरत थी।जिसको पुरा करने के लिए राहुल गाँधी ने वीणा उठाया है।उनके भारत जोड़ो यात्रा में उनके विचारों के साथ हर रोज 50 से 60 हजार विचार देश के लिए एक नई आशा की किरण लेकर बुलंद हौसला के साथ चल रहे हैं। 

अभी उनकी यह यात्रा अधुरी है।लेकिन इस आधे अधुरी यात्रा ने इस बात का पुरा संकेत दे दिया है कि राहुल गांधी अपने उदेश्य में पूरी तरह से सफल हो रहे हैं।उनका जहाँ भी विश्राम के लिए ठहराव होता है।वहां स्थानिक लोगों से मिलकर संवाद स्थापित करने से नहीं चूकते हैं।सड़क पर यात्रा के दौरान भी सामान्य से सामान्य लोगों से मिलकर उनका पुरा हाल पूछते हैं।

इसी संदर्भ में मुंबई कांग्रेस कमेटी के महासचिव रामगोविंद यादव अपने 60 कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ देगलूर से नादेड (30)किलो मिटर यात्रा के दौरान राहुल गांधी से मिले।हमारे संवाददाता मुंबई के वरिष्ठ पत्रकार कपिलदेव खरवार को मोबाईल फोन पर बात करते हुए रामगोविंद यादव ने कहा कि हमारे नेता ने हाथ मिलाते हुए सबसे पहले मेरे परिवार के बारे में पुछा।फिर मुंबई और मुंबई कांग्रेस के बारे में बात किया।हमने मुंबई में पार्टी की ताजा स्थिति के बारे में उन्हें पूरी तरह से अवगत कराया है।

प्रस्तुति:--कपिलदेव खरवार

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