मुंबई । हिन्दुस्तान की आवाज़ । मोहम्मद मुकीम शेख
भारत जोड़ो पदयात्रा के दौरान जब शेगाव गजानन दादा पाटिल मार्केट यार्ड में यात्रा के आरम्भ में कांग्रेस के लाडके नेता राहुल गांधी से मिली।तब सबसे पहले उनको हमने अपना परिचय देते हुए कहा कि,मेरा नाम प्रज्योति हंडोरे है और मै चन्द्रकांत हंडोरे की बेटी हूँ।राहुल गांधी का सवाल,क्या करती हो।जवाब,मैं मुंबई कर्नाटका लॉ कालेज में तीसरे वर्ष की क्षात्रा हूँ।सवाल,बाकी समय में क्या करती हो।जवाब मुंबई की भीम शक्ति संगठन और कांग्रेस पार्टी का काम करती हूँ।राहुल गांधी,हंडोरे जी से कहना तुमको पार्टी में अच्छा पद दें फिर मैं तुमको उपर की राजनीति में लेकर जाऊंगा।प्रज्योति हंडोरे thanks sar ji।राहुल गांधी ने चलते चलते फिर पुछा,हंडोरे जी के घुटनों के स्थाई ईलाज के लिए डॉ का नाम हमने दे दिया है।वहां जाने पर मुझे फोन जरुर करना।सब ठीक हो जायेगा ऑपरेशान की कोई जरूरत नहीं है।
प्रज्योति हंडोरे ने भारत जोड़ो पदयात्रा से मुंबई वापस आने पर स्टार न्यूज टूडे के पत्रकार से बात करते हुए कहा कि राहुल गांधी के पदयात्रा के दौरान उनसे मेरा मिलने का एहसास जीवन भर के लिए यादगार बन गया है।हम उनके साथ लगभग 10 से 15 कि मी तक चले थे।यूँ कहें तो यह घटना मेरे लिए किसी भी चमत्कार से कम नहीं था।जो मैनें सोचा तक नहीं था।वह मेरी आंखों के सामने हो गया।उनके लिए मेरे दिल में पहले से ही बडा सम्मान था।लेकिन इस ताजा घटने के बाद तो राहुल जी के लिए मेरे हृदय में और भी सम्मान बढ़ गया है।यात्रा के दौरान उनका बड़े ही आत्मीयता से मेरे कंधे पर हाथ रखकर बातें करना।मेरे बारे में कई सवाल पूछना।और तो और उनका मेरे पापा चन्द्रकांत हंडोरे के घुटनों के ईलाज की चिंता करना।इस दरम्यान मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं गांधी और राहुल जी हंडोरे परिवार के सदस्य हैं।थोड़े ही देर में हम एक दुसरे के साथ इतना घुल-मिल गये।फिल हाल तो भारत जोड़ो पदयात्रा का वह सुनहरा पल मेरी आंखों के कैमरे में हमेशा-हमेशा के लिए कैद हो कर रह गया है।
इस मौके पर पदयात्रा में महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के कार्याध्यक्ष और पूर्व समाज कल्याण विभाग मंत्री चन्द्रकांत हंडोरे,विधायिका प्रणिती शिंदे,महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव राजाराम देशमुख,राजन भोसले,पूर्व नगर सेविका संगीता हंडोरे,एन के कांबले,डॉ सत्तार खान,रमेश सुरवाडे अनिल साकुरकर,सचिन सिरसाठ,उज्ज्वला थोरात का नाम प्रमुख रूप से शामिल है।
प्रस्तुति:--कपिलदेव खरवार
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