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मुंबई | हिन्दुस्तान की आवाज | मोहम्मद मुकीम शेख

चुनाव आयोग 1 अगस्त (1 August) से वोटर आईडी कार्ड को आधार (Aadhaar ) से जोड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया है। 

भारत का चुनाव आयोग (ECI) 1 अगस्त (1 August) से वोटर आईडी कार्ड को आधार (Aadhaar ) से जोड़ने के लिए एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य मतदाताओं की पहचान स्थापित करना और मतदाता सूची में प्रविष्टियों को प्रमाणित करने के साथ-साथ उनकी पहचान करना है। इसको लेकर चुनाव आयोग के 169 घाटकोपर (प.) विधानसभा मतदार संध द्वारा राजनीतिक दलों के प्रमुख पदाधिकारीयो की बैठक आयोजित किया गया।

उक्त अवसर पर  तहसीलदार व सहाय्यक मतदार पंजीकरण अधिकारी अर्चना प्रधान ने कहा कि यदि एक ही व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में या एक ही निर्वाचन क्षेत्र में एक से अधिक बार पंजीकृत है उनका नाम जिस स्थान पर मतदाता मौजूद रहता है उस स्थान को छोड़कर  दूसरे स्थान से मतदाता को स्वयं का नाम मतदाता सूची से भारत सरकार के चुनाव आयोग के नियमानुसार हटवाना बेहद जरूरी है। श्रीमती प्रधान ने फिर कहा “आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड से जोड़ने के लिए, मतदाताओं को चुनाव आयोग की वेबसाइट और चुनावी पंजीकरण कार्यालयों में ऑनलाइन उपलब्ध आवेदन फॉर्म 6-बी भरना होगा। इसे वोटर हेल्पलाइन ऐप और राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर भी ऑनलाइन जोड़ा जा सकता है। ”

उक्त अवसर पर अनेक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि को मोबाइल से वोटर हेल्पलाइन ऐप के जरिए आधार से मतदाता के वोटर कार्ड को लिंक कर दिखाया। और मतदाताओं को ज्यादा से ज्यादा किस तरह आधार से वोटर कार्ड को जोड़ने को लेकर विस्तार में मार्गदर्शन किया।

उक्त अवसर तहसीलदार व सहाय्यक मतदार पंजीकरण अधिकारी अर्चना प्रधान, अतिरिक्त सहाय्यक मतदार नोंदणी अधिकारी नीलिमा मेस्त्री, चुनाव नायब तहसीलदार  माधव कलेटवाड, मंगेश कदम सहित सभी राजनैतिक दलों के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे।

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