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प्रतापगढ | हिन्दुस्तान की आवाज | मोहम्मद मुकीम शेख

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक

गहलोत तथा कद्दावर सचिन पायलट के मधुर सियासी रिश्ते के चलते प्रमोद तिवारी बड़ी जीत की ओर


लालगंज प्रतापगढ़। राजस्थान मे हो रहे राज्यसभा चुनाव को लेकर रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसियों व प्रमोद तिवारी तथा क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना के समर्थकों की नजर जयपुर की ओर टकटकी लगाये देखी जा रही है। केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के मेंबर एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी को कांग्रेस ने राजस्थान से राज्यसभा सदस्य का उम्मीदवार बना रखा है। पार्टी के ही दो अन्य उम्मीदवारों मुकुल वासनिक एवं रणदीप सिंह सुरजेवाला के अलावा निर्दलीय के भी भाजपा समर्थन से नामांकन कर देने के बाद राजस्थान मे राज्यसभा चुनाव को लेकर बुधवार को लेकर यहां सियासी हलके से लेकर चायपान की दुकानों तक हलचल बढ़ी देखी गयी। हालांकि रामपुर खास के साथ बेल्हा के कांग्रेसी प्रमोद तिवारी के नामांकन दाखिल करने के बाद से उत्साह से लवरेज नजर आ रहे हैं। स्थानीय कांग्रेसी भी राज्यसभा के सदस्य पद पर प्रमोद तिवारी की जीत सुनिश्चित मान रहे हैं। फिर भी वहां मतदान की स्थिति मे अब क्षेत्रीय लोगों के साथ कांग्रेसियो की नजर आगामी दस जून को मतदान तथा परिणाम पर आ टिकी है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने प्रमोद तिवारी का बड़ा सियासी कद देखते हुए उन्हें एक बड़े राज्य राजस्थान से राज्य सभा मे लाये जाने का अहम फैसला लिया। पिछले राजस्थान विधानसभा चुनाव मे वहां स्टार प्रचारक के रूप में भी प्रमोद तिवारी की कड़ी मेहनत और चुनाव परिणाम पार्टी के अनुकूल मिलने से भी पार्टी हाईकमान को प्रमोद तिवारी के लिए राजस्थान ज्यादा मुफीद नजर आया। राजस्थान से प्रमोद तिवारी की उम्मीदवारी का एक बड़ा कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मधुर सियासी रिश्ते के साथ साथ पार्टी के ही दूसरे धड़े के मजबूत नेता सचिन पायलट से भी पुराने पारिवारिक मजबूत रिश्ते भी आंका जा रहा है। सचिन पायलट के पिता व पूर्व केन्द्रीय मन्त्री राजेश पायलट राजीव गांधी के समय दस जनपथ के खासे नजदीकी माने जाते रहे। राजीव गांधी के कार्यकाल मे यूपी मे प्रमोद तिवारी को भी दस जनपथ का भरोसेमंद चेहरा माना जाता रहा। ऐसे मे राजस्थान में पार्टी के कददावर नेता रहे दिवंगत राजेश पायलट और प्रमोद तिवारी के बीच भी रिश्तों की मिठास गहरी रही। दिवंगत राजेश पायलट के साथ तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व के निर्देश पर प्रमोद तिवारी ने लोकसभा और विधानसभा के कई चुनावों मे पार्टी की मशहूर हिट जोड़ी के रूप में सियासी पहचान बनायी थी। ऐसे मे सचिन पायलट भी प्रमोद तिवारी के साथ अपने पारिवारिक रिश्ते को और प्रगाढ़ बनाने के लिए प्रमोद तिवारी की जीत का मार्ग सुनिश्चित करने में अशोक गहलोत के साथ कन्धा से कन्धा मिलाये देखे जा रहे हैं। प्रमोद तिवारी के नामांकन के समय भी यह खास तस्वीर देखने को मिली कि उस वक्त नामांकन कक्ष में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों की मौजूदगी प्रमोद तिवारी के इर्द-गिर्द बनीं रही। बुधवार को विधायक आराधना मिश्रा मोना के लालगंज स्थित कैम्प कार्यालय पर जमा कांग्रेसियों मे भी प्रमोद तिवारी की सुनिश्चित जीत के दावे कार्यकर्ताओं के चेहरे पर आत्मविश्वास से लवरेज देखा गया। स्थानीय कांग्रेसी राज्यसभा चुनाव में प्रमोद तिवारी की जीत पक्की मानकर ही अभी से ही चुनाव परिणाम के बाद मनाये जाने वाले बड़े जश्न की भी तैयारी की रूपरेखा बनाने मे सक्रिय हो उठे नजर आ रहे है। वहीं लालगंज, सांगीपुर, अठेहा, रानीगंज कैथौला, धारूपुर के साथ प्रमोद तिवारी के पैतृक गांव संग्रामगढ़ में भी चाय-पान की दुकान हो या फिर यहां तहसील परिसर हर जगह राज्यसभा सदस्य के रूप मंे प्रमोद तिवारी को मिलने वाली उपलब्धि क्षेत्रीय विकास में तेजी की उम्मीद भरी चर्चा में छायी हुई है। वहीं क्षेत्रीय जनमानस में प्रमोद तिवारी के दोबारा राज्यसभा सदस्य चुनें जाने की स्थिति मे रामपुर खास के सियासी कद को भी मजबूती मिलने की खुशी भी साफ झलकती देखी जा रही है। इधर बुधवार को लखनऊ पहुंची कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से भी क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना की गर्मजोशी के साथ हुई मुलाकात से भी यहां कांग्रेसियों का उत्साह बढ़ा दिखा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के कांग्रेसियों ने भी प्रियंका गांधी से मिलकर यूपी के पार्टी वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी को राज्यसभा उम्मीदवार चयनित किये जाने को लेकर उनका तथा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी के इस फैसले पर खुशी भी जताई। मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के मुताबिक राजस्थान में राज्यसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद जीत का सेहरा लेकर लौटने पर प्रमोद तिवारी का इलाके मे स्वागत यादगार बनाया जाएगा।

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