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प्रतापगढ़ | हिन्दुस्तान की आवाज | मोहम्मद मुकीम शेख

सीएलपी नेता आराधना मिश्रा व सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने सेवारत हाईकोर्ट जज के आयोग से जांच तथा दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की उठाई मांग

लालगंज, प्रतापगढ़। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना तथा केन्द्रीय कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने उन्हत्तर हजार शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर कैण्डिल मार्च के दौरान पुलिस लाठीचार्ज को अमानवीय बर्बरता करार दिया है। सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी तथा सीएलपी नेता आराधना मिश्रा मोना ने संयुक्त बयान मे शिक्षक अभ्यर्थियों के शांतिपूर्ण एवं अहिंसात्मक कैंडिल मार्च पर सरकारी बर्बरता की इस घटना की फौरन हाईकोर्ट के सेवारत न्यायाधीश के आयोग के जरिए समयबद्ध ढंग से जांच कराए जाने की भी कडी मांग की है। रविवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञान प्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी संयुक्त बयान मे प्रमोद तिवारी तथा विधायक मोना ने कहा कि लम्बे अर्से से शिक्षक अभ्यर्थी अपने हक और अधिकार के लिए सरकार से मांग रखते आ रहे हैं। विधायक मोना ने कहा कि सरकार ने इन मांगों को लेकर कोई गंभीर प्रयास न करते हुए शिक्षक अभ्यर्थियों को आज तक नौकरी मे नही ले सकी। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि राजधानी लखनऊ मेे हुए पीडित शिक्षक अभ्यर्थियों के कैण्डिल मार्च के दौरान पुलिस की बर्बरता के शिकार हुए जमीन पर गिर पड़े शिक्षक अभ्यर्थियों और यहां तक कि महिला अभ्यर्थियों सहित बडी संख्या मे जिस तरह अभ्यर्थियों को चोटें आयी है, वह सरकारी दमन की हद पार कर गया है। वहीं प्रमोद तिवारी तथा आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि इस घटना ने तो अब पूरी तरह साबित कर दिया है कि प्रदेश की मौजूदा सरकार का बेरोजगारों को रोजगार देने का वायदा पूरी तरह झूठा व खोखला है। वहीं सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी तथा विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा है कि प्रदेश के विभिन्न वित्तीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयो मे कई वर्षो से कार्यरत तदर्थ शिक्षको को सरकार की ओर से कोर्ट मे गलत तथ्य रखकर जबरिया सेवा से निकाला जा रहा है। उन्होेंने भाजपा सरकार के तदर्थ शिक्षको की मांग को भी स्वीकार करते हुए शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज के दोषियों के विरूद्ध कठोरतम कार्रवाई की भी मांग की है। प्रमोद तिवारी तथा विधायक मोना ने कहा कि शिक्षको तथा किसानो पर भी आये दिन लाठी चार्ज की यह घटनाएं मौजूदा भाजपा सरकार की बर्बरता और लोकतांत्रिक ढंग से अधिकारो के हनन मे अंग्रेजी जुल्म की भी ज्यादती पीछे छूट गयी है। वहीं सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी तथा आराधना मिश्रा मोना ने नागालैण्ड के मोन जिले मे सुरक्षाबलों द्वारा की गई फायरिंग मे दर्जनो मौतों की सूचना को भी गंभीरतम ठहराते हुए इसे भी शर्मनाक व दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। प्रमोद तिवारी ने नागालैण्ड की घटना के लिए केन्द्रीय गृह मन्त्री अमित शाह तथा नागालैण्ड के मुख्यमंत्री को नैतिक जबाबदेही के साथ फौरन अपने अपने पदों से इस्तीफा दिये जाने की भी बड़ी मांग उठाई है। श्री तिवारी ने नागालैण्ड की अमानवीय घटना की भी उच्चस्तरीय समिति के जरिए जांच कराकर देश के सामने सरकार से सच्चाई सामने लाने को कहा है। वहीं प्रमोद तिवारी तथा कांग्रेस विधान मण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने संयुक्त किसान मोर्चा के ताजा फैसलों का स्वागत करते हुए कहा कि यूपी मे कांग्रेस की सरकार बनने पर किसानो को कृषि उपज के लिए लाभकारी एमएसपी का कानूनी अधिकार एवं विद्युत संशोधक विधेयक 2020-21 को वापस लेने एवं किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों की भी वापसी का फैसला लिया जाएगा। प्रमोद तिवारी ने दिल्ली वायु गुणवत्ता, विनियमन आयोग के गठन से जुड़े कानून से धारा-15 को भी हटाये जाने की बात कही है। श्री तिवारी एवं आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि शिक्षको एवं युवाओं तथा किसान व महिलाओं तक पर दमन करने वाली इस सरकार के ये काले कारनामे यूपी के आने वाले विधानसभा चुनाव मे भाजपा सरकार के कफन मे आखिरी कील साबित होगी।

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