मुंबई । हिन्दुस्तान की आवाज । मोहम्मद मुकीम शेख
भाजपा और उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इससे बड़ी दुर्भाग्य की बात और क्या हो सकती है कि जिस तबके ग्वालिया टैंक और आज के अगस्त क्रांति मैदान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की अगुआई में संपूर्ण देश और देशवासियों ने 9 अगस्त 1942 को अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया था। उस समय का नारा था करो या मरो,अंग्रेज हटाओ और देश बचाओ।आज वही नारा बुलंद हो गया उसी अगस्त क्रांति मैदान में तब जब मुंबई की तमाम राजनैतिक दलों के अलावा सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र के गणमान्य लोग देश को आजाद कराने में जिन लोगों ने अपनी जानें कुर्बान कर दिया था। उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे।जहां एक तरफ गांधी शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित किया जा रहा था वहीं दूसरी तरफ मैदान के बाहर नरेंद्र मोदी हटाओ और देश बचाओ के नारा से पूरा मैदान का परिसर गूंज उठा था।
इसका मतलब यह है कि देश की वर्तमान भाजपा सरकार के शासनकाल में सब कुछ ठीक ठाक नही चल रहा है।जनता में भारी असंतोष व्याप्त है।मोदी के शासनकाल में किसान मजदूर और व्यापारी वर्ग के लोगों में भारी नाराजगी है।सामाजिक और शैक्षणिक संस्थानों में सरकारी कामकाज को लेकर लोगों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र प्रदेश के वरिष्ठ नेता और मुंबई के जाने माने उत्तर भारतीय समाज के हितचिंतक पारसनाथ तिवारी ने स्टार न्यूज टूडे के संवाददाता से मोबाईल फोन पर बात करते हुए कहा कि एक दिन वह भी था जब हमारे पुरखों ने अंग्रेज हटाओ और देश बचाओ का नारा दिया था।और तब अंग्रेजों ने हमारा देश छोड़ दिया था।आज हमको मोदी हटाओ और देश बचाओ का नारा लगाने की जरूरत पड़ गई ऐसा क्यों।इसलिए कि देश में चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है।और ये भाजपा वाले ऊपर से नीचे तक के सब के सब नेता सत्ता के नशे में चूर हैं।इनको आवाम की बदहाली और परेशानी का तनिक भी ध्यान नहीं है।अब तो नरेंद्र मोदी ही बता सकते हैं कि वो हमारे सोने की चिड़िया को कहां और किस दिशा में ले जाना चाहते हैं।
कामगार संगठन संयुक्त कामगार कृति समिति की आवाज पर मुंबई के तमाम संगठनों ने मजदूरों की समस्याओं को लेकर अगस्त क्रांति मैदान में प्रदर्शन किया।मुंबई शिक्षक लोकशाही आघाड़ी के अध्यक्ष जनार्दन जंगले कार्यवाहक अध्यक्ष शिवाजी कुलाल,विश्वास उटगी,शंकर मोरे,सुरेश कुमार मिश्र,मनोज यादव के अलावा सैकड़ों गणमान्य नागरिक प्रदर्शन में शामिल थे।
कार्यक्रम के समापन पर पारसनाथ तिवारी ने गांधी शहीद स्मारक स्तंभ पर पुष्प अर्पित कर महात्मा गांधी समेत 1942 के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को आदरांजलि दी।
फोटो--कपिलदेव खरवार
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