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मुंबई | हिन्दुस्तान की आवाज | मोहम्मद मुकीम शेख

कभी अपने ही घर को ठोकर मार कर बाहर जाने वाला वही नेता आज फिर उसी घर में रहने के लिए वापस आ गया है।जब उसे बाहर ना तो रहने के लिए कोई ठिकाना मिला और नाही तो उसके दिल को सुकून।अर्थात आप यूं कह सकते हैं,लौट के बुद्धु घर को आए।


इस खबर को पढ़ने वाले लोगों को समझ में आया होगा की नहीं लेकिन कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं को मेरी बात समझ में जरूर आ गई होगी कि,मैं किसके बारे में क्या कहने जा रहा हूं। 

माहुल गांव में जिस आदमी का एकछत्र राज चलता है वही पूर्व नगर सेवक राजेंद्र माहुलकर और उनकी धर्मपत्नी पूर्व नगरसेविका सीमा माहुलकर को एक जमाने में कांग्रेस ने दिल खोलकर वो सब कुछ दिया था जिसकी उन्हें जरूरत थी और वो दोनों जिसके हकदार थे । शायद उनको नहीं पता कि,देने वाला कभी किसी को समय से पहले और तकदीर से ज्यादा दिया ही नहीं तब फिर केवल उनको ही कैसे और क्यूं दे देता समय से पहले और तकदीर से ज्यादा।महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के ऐन वक्त पर उनके एक गलत तरीके से लिए गए निर्णय ने महाराष्ट्र के एक कद्दावर  कांग्रेस नेता को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा था।कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं ने खुले मंच से अपने जिताऊ उम्मीदवार की हार की मटकी उनके सिर पर फोड़ना शुरू कर दिया।चुकी उनकी बातों में तब भी दम था और आज भी दम है क्यों की राजन माहुलकर न तो चुनाव जीत सके और नाही तो कांग्रेस के उम्मीदवार को ही जितने दिया था।यह बात और है कि विधान सभा चुनाव हारने वाले नेता ने अपने संघर्षों की बदौलत महाराष्ट्र कांग्रेस में आज की तारीख में एक बडा मुकाम हासिल कर लिया है।उसका राजनीतिक कद पहले से काफी ऊंचा होता नजर आ रहा है।नाना पटोले के नेतृत्व में संपूर्ण महाराष्ट्र में उसके नाम की तूती बोलती है।

राजन माहुलकर को होश तब आया जब उनका राजनीतिक भविष्य अंधकार की तरफ जाता हुआ दिखाई दिया।उन्होंने अपने घर वापसी का निर्णय तब लिया जब मुंबई मनपा चुनाव 2022 अब सिर पर आ गया है।शायद आगमी वर्ष उनके राजनीतिक जीवन में नया कोई सौगात लेकर आने वाला है इसलिए ऊपर वाले ने उनको सद्बुद्धि दिया है घर वापसी का।

उनकी वजह से जिस कांग्रेस के नेता को 5 साल पीछे जाना पड़ा है उसने अपनी छाती पर पत्थर रख  कांग्रेस को मजबूत करने के लिए उनको कांग्रेस में पुनः स्थापित करने के लिए उनका रास्ता साफ कर दिया।

गतदिनों चेंबूर के पी एल लोखंडे मार्ग स्थित डॉ बाबा साहेब आंबेडकर कालेज के ग्रांड नलंदा सभाग्रह में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और कांग्रेस के कई दिग्गज नेता और सैकड़ों कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में पति और पत्नी दोनों ने पुनः कांग्रेस का दामन थाम लिया।नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पति पत्नी को कांग्रेस पट्टा और गुलदस्ता देकर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।जो कल तक केवल दो बूंद था अब वो सागर और महासागर का रूप ले लिया है कांग्रेस में शामिल होकर।उनकी पार्टी में वापसी का कुछ कट्टर कांग्रेसियों ने बहुत विरोध किया किंतु इसकी बिना किसी परवाह के उस नेता ने कांग्रेस और सोनिया गांधी और राहुल गांधी,नाना पटोले और अशोक भाई जगताप का हाथ मजबूत करने के लिए अपनी चुनावी हार का दर्द छाती में छुपा कर उनको अपनी छाती से लगा लिया।

अब कांग्रेस के बड़े नेताओं को इस नेता से सबक लेकर कांग्रेस का दरवाजा उन लोगों के लिए खोल देना चाहिए जो लोग किन्हीं कारणों वस अज्ञान से किसी अन्य पार्टी में चले गए हैं।उनकी वापसी से मुंबई और महाराष्ट्र में निश्चित रूप से कांग्रेस का संगठन पहले की तरह ही मजबूत होगा।इसमें किसी को कोई भी संदेह नहीं होना चाहिए। आज कांग्रेस के सामने ऐसा ही निर्णय लेने का समय आया है।

फोटो--कपिलदेव खरवार

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