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मुंबई । हिंदुस्तान की आवाज । मोहम्मद मुकीम शेख 

कांग्रेस को अब भी दिल्ली की सत्ता मिल सकती है । लेकिन उसको 1980 के श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यों का अवलोकन करना पड़ेगा ।

यह बातें चेंबूर के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और दक्षिण मध्य मुंबई जिला कांग्रेस कमेटी उपाध्यक्ष गोविंद  नायर ने चेंबूर केंप के अपने कार्यालय में एक पत्रकार से अपना मनोगत व्यक्त करते हुए कहा ।

आगे उन्होंने यह भी कहा कि , आज जिस कांग्रेस को दुनिया जानती है उसको विश्व की सबसे ताकतवर महिला इंदिरा गांधी ने बनाया था । एक समय ऐसा भी उनके जीवन में आया जब उनको भी रायबरेली की जनता ने नकार दिया था । देश की सत्ता उनके हाथ से निकल गई । फिर उन्होंने अपनी राजनीतिक सुझबुझ और निरंतर संघर्षों के बल पर पूरे देश में कांग्रेस को वापस लाकर दिल्ली की गद्दी संभाली थीं । आज के नेताओं को इंदिरा गांधी से सीखना चाहिए । उनके बताए रास्ते पर चल कर ही कांग्रेस सत्ता पा सकती है । कांग्रेस ने इस देश को बनाया है । इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का बलिदान इस देश के लोग कभी भुला नहीं सकते हैं । मोतीलाल नेहरु से लेकर राजीव गांधी तक ने इस देश को अपना सब कुछ दिया है । इंदिरा और राजीव ने तो भारत की भूमि को अपने खून से सींचा है । किसी भी पार्टी में इतना दम नहीं जो देश से कांग्रेस को मिटा सके । गांधी परिवार के तीन लोग सोनिया गांधी , राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने कांग्रेस और देश के गरीबों के लिए सत्ताधारी लोगों से लड़ रहे हैं । कांग्रेस सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखती है । इस पार्टी में सभी जाति धर्म और भाषा के लोगों को सम्मान मिलता है । कांग्रेस अपने नेता और कार्यकर्ताओं को समय आने पर कुछ ना कुछ जरूर देती है । इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए । 

 एक जमाने में स्व इंदिरा गांधी के बेहद करीबी रहे गोविंद नायर ने यह भी कहा कि , आज के युवा पीढ़ी के लोगों को कांग्रेस के बारे में गलत जानकारी दी जाती है । जिससे देश का युवा कांग्रेस से दूरी बना लिया है । अब कांग्रेस के बड़े नेताओं को नौजवानों के बीच में जाकर कांग्रेस के इतिहास के बारे में बताना चाहिए ।  ताकि उनकी वापसी कांग्रेस में हो सके इससे देश में कांग्रेस मजबूत होगी । जिस तरह युवा कांग्रेस ने इंदिरा गांधी को सत्ता में वापसी के लिए उनका कदम कदम पर साथ दिया था उसी तरह आज भी युवा कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं को कांग्रेस को सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष करना होगा तब जाकर हम दिल्ली की सत्ता में वापस आ सकते हैं ।

प्रस्तुति--कपिलदेव खरवार

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