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मुंबई | हिन्दुस्तान की आवाज़ | मोहम्मद मुकीम शेख

अखिल भारतीय कांग्रेस ने देश को आजाद कराया और इसको शून्य से शिखर तक पहुंचाया । एक दौर वह भी था जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक के चप्पे चप्पे पर कांग्रेस और सिर्फ कांग्रेस की ही हुकूमत हुआ करती थी ।

उपरोक्त बातें पत्रकार , कवि , कथाकार और सेवानिवृत अध्यापक पारसनाथ पारस ने कहा । यह अवसर था कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तबके सबसे कम उम्र के महाराष्ट्र राज्य के पूर्व नगर विकास राज्य मंत्री चंद्रकांत त्रिपाठी के 66 वें जन्मदिन का जब अंधेरी में उनके आवास पर बधाई देने के पश्चात मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा । आगे उन्होंने यह भी कहा कि , देश में आज कांग्रेस की लोकप्रियता दिनों दिन कम हो रही है । देश के कई प्रदेश की सत्ता कांग्रेस के विरोधियों के कब्जे में है । अब कांग्रेस का पुराना खोया आत्मसम्मान , लोकप्रियता और जनाधार को पाने के लिए पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं को पार्टी में  जिम्मेदारी देकर उनको सक्रिय करना पड़ेगा । उदाहरण स्वरूप मेरे जेहन में एक नाम चंद्रकांत त्रिपाठी का है । जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अपने कार्यशैली से उम्र में अपने से बड़े सभी कांग्रेस के नेताओं को अपने  बस में कर लिया था । आज भी लोग उनके कार्यकाल में किये हुये कामों को याद करते हैं ।

। मुंबई में बसे लाखों उत्तर भारतीयों के दिलों पर राज करने वाले चंद्रकांत त्रिपाठी अगर कांग्रेस में पहले की तरह सक्रिय होते हैं तो कांग्रेस को छोड़कर जाने वाले तमाम उत्तर भारतीय नेताओं की पार्टी में वापसी हो सकती है । कांग्रेस को उनके अनुभव का फायदा  उत्तर प्रदेश और  महाराष्ट्र तथा खासकर मुंबई में भी निश्चित रूप से मिलेगा ।

पूर्व सांसद रमेश दुबे , पूर्व मंत्री कृपाशंकर सिंह , वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोविंद नायर , समाज सेवी खिमजी भाई सतरा , वरिष्ठ पत्रकार ओमप्रकाश सिंह , राजदेव यादव , वरिष्ठ कांग्रेस नेता मुनाफ हकीम , सेल्वाराज स्वामी ,  चित्रसेन सिंह , रमाकांत मिश्रा , गौरीशंकर पांडेय , समाजसेवी मारकंडे सिंह , एडवोकेट जलालुद्दीन सैयद , निलेश नानचे , डॉ सत्तार खान , सतीश बेलमकर , अर्शद अमीर , बेनी माधव सिंह , दिल्ली से अमरदेव बहुगुणा , कमल गुप्ता , सुरेंद्र पुनियानी , श्रीमती पार्वती गोयल आदि ने उन्हें मोबाइल फोन पर जन्म दिन की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी ।

कांग्रेस के उत्तर भारतीय युवा नेता भरत सिंह और पारसनाथ पारस ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत करते हुए जन्मदिन की दिल से बधाई दिया ।

उल्लेखनीय बात है कि , कोरोना कोविड --19 के कारण उन्होंने अपने जन्मदिन पर ना ही तो कोई केक काटा और नही तो कोई उत्सव मनाया ।

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