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कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने नोटबंदी की चैथी सालगिरह पर पार्टी के द्वारा विश्वासघात दिवस पर जमकर बोला हमला 

लालगंज प्रतापगढ़। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य व प्रदेश आउटरीच कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने नोटबंदी की चैथी वर्षगांठ पर कांग्रेस द्वारा देशव्यापी विश्वासघात दिवस को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नोटबंदी के चलते देश की एक सौ पचीस करोड जनता की कमर टूट गई और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी इस अविवेकपूर्ण फैसले से गहरा आघात लगा है। रविवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी बयान में प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी के चलते देश की गरीब, किसान, मध्यम वर्ग तथा महिलाओं और युवाओं के आकांक्षाओं तथा इच्छाओं व भविष्य के साथ विश्वासघात साबित हुआ। सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस आज नोटबंदी को लेकर इसलिए विश्वासघात दिवस मना रही है क्यांेकि यह नोटबंदी देश की जनता तथा अर्थव्यवस्था और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ साबित हुआ तो श्री तिवारी के मुताबिक नोटबंदी एक संगठित और वैधानिक लूट थी। कांग्रेस की शीर्ष वर्किंग कमेटी के मंेबर प्रमोद तिवारी ने यह भी आरोप लगाया है कि एक झटके में पीएम द्वारा की गई नोटबंदी से सिर्फ मोदी के कुछ पूंजीपति मित्रों और भाजपा को ही फायदा पहुंचा। राज्यसभा मंे नोटबंदी को लेकर दिए गए अपने भाषण का हवाला देते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी के इस तुगलकी फैसले से आज देश सैंतालिस सालों में सर्वाधिक बेरोगजारी की स्थिति से गुजर रहा है। उन्होने कहा कि नोटबंदी के चलते ही देश की जीडीपी रसातल में पहुंच गई है। उन्होने यह भी कहा कि मजदूरों का पलायन जो कोरोना काल में हुआ उसका भी सबसे बड़ा कारण नोटबंदी ही सामने उभरकर आया। प्रमोद तिवारी ने यह भी आरोप जड़ा की नोटबंदी से देश के कई राज्यों की अर्थव्यवस्था टूट गई और प्रवासी श्रमिकों को भी अत्यधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आउटरीच कमेटी प्रभारी प्रमोद तिवारी ने कहा कि आज बढ़ा हुआ आतंकवाद तथा नक्सलवाद और बेतहाशा मंहगाई तथा बेरोजगारी बढ़ने का कारण भी नोटबंदी के जरिए संगठित लूट ही है। सीडब्लूसी मंेबर प्रमोद तिवारी ने पीएम मोदी के गोवा के मोपा एयरपोर्ट के शिलान्यास पर दिए गए भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने देशवासियों से बेनामी संपत्ति, कालाधन, भ्रष्टाचार तथा आतंकवाद और नक्सलवाद की पूर्ण समाप्ति के लिए नोटबंदी को आवश्यक ठहराते हुए पचास दिन मांगा था। श्री तिवारी ने तंज कसा कि आज पचास दिन तो छोडिए चार साल बीत गए हैं किन्तु नोटबंदी के चलते देश में सबसे ज्यादा सहादत आतंकवादी घटनाओं में हुई है। श्री तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने तो नोटबंदी को राष्ट्रहित का जरूरी कदम ठहराया था। किन्तु इसके विपरीत पुलवामा की घटना घटित हुई जिसमें चालीस जवान शहीद हो गए। उन्होने प्रधानमंत्री पर फिर हमलावर होते हुए कहा कि इतिहास में दर्ज है कि 86.4 प्रतिशत की नोटबंदी तानाशाह गद्दाफी और मुसौलिनी तथा हिटलर ने की थी। बकौल प्रमोद तिवारी नोटबंदी का फैसला करके प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने आप को इसी कतार में खड़ा कर लिया है। श्री तिवारी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया था कि अगर इस फैसले में कोई कमी अथवा गलती अथवा इरादा गलत साबित हुआ तो वह देश की जनता के द्वारा किसी भी चैराहे पर खड़ा होकर सजा स्वीकार कर लेंगें। श्री तिवारी ने कहा कि नोटबंदी की विफलता स्वीकार करते हुए अब प्रधानमंत्री मोदी को जनता से बेहिचक माफी मांग लेनी चाहिए।

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