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पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न श्रीमती इंदिरा गांधी जिस व्यक्ति को बड़े ही आदर और सम्मान के पी सी सेठी कह कर संबोधित किया करती थीं उनका पूरा नाम प्रकाश चंद सेठी था । भारतीय राजनीति का एक ऐसा सर्वप्रिय नेता  भगवान श्रीकृष्ण के गीता का उपदेश को अपने जीवन में पूरी तरह से उतार लिया था । तभी तो पूरे देश ने उनको कर्मयोगी, युगदृष्टा , कुशल राजनीतिज्ञ और प्रशासक जैसे अनेकों शब्दों से अलंकृत किया है ।

उपरोक्त बातें मुंबई कांग्रेस के प्रवक़्ता और तेज तर्रार , दमदार नेता अरुण सावंत ने मुंबई कांग्रेस जनसंपर्क कार्यालय राजीव गांधी भवन में पी सी सेठी के जन्म शताब्दी वर्ष के मौके पर उन्हें भावपूर्ण आदरांजलि देते हुए  मीडिया से बातचीत में कहा । श्री सावंत ने स्व श्री सेठी का विस्तार रूप से जीवन परिचय देते हुए बताया कि , उनका जन्म 19 अक्टूबर 1919 में मध्य प्रदेश के सूर्य नगरी में भंवरलाल सेठी के घर में हुआ था । ट्रिपल 19 का योग भी दुनिया में हर किसी को नहीं मिलता है । इसके लिए भाग्य की जरूरत होती है । सूर्य की नगरी में जन्म लेने वाले सेठी ने अपने अच्छे कर्मों से केवल देश ही नहीं बल्कि  पूरे विश्व में सूरज की तरह चमक बिखेरा और भारतीय राजनीत के शिखर पुरुष कहलाने का गौरव हासिल किया । कपास व्यवसायी उनके पिता उजैन महाकाल की नगरी में परिवार सहित बस गये । यहीं पर उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त कर वकालत भी किया। उनपर ईश्वर की कृपा साक्षात  बरसने लगी । कमला देवी के साथ सात फेरे लेकर सात जन्मों तक एक दूसरे का साथ निभाने का वादा किया और लिया भी । उन्हें कई बेटी और एक बेटा का पिता बनने का सौभग्य भी मिल गया । आजादी के शिल्पकार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का असहयोग आन्दोलन 1942 अंग्रेजों भारत छोड़ो का हिस्सा बन गये । स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में उन्होंने काफी ख्याति अर्जित किया । एकबार गांधी से क्या मिले उनके जीवन दर्शन को अंगीकार कर बाकी का शेष जीवन उनके आदर्शों के अनुरूप व्यतीत किया । कालांतर में देश आजाद हुआ और आजाद भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने 1961 में 42 वर्ष की उम्र में उनको देश की सबसे बड़ी संसद राज्य सभा में नामित कर दिया । चार बार सांसद चुने गए और तीन बार राज्य सभा में जाकर उन्होंने दबे कुचले लोगों की आवाज़ बनकर पूरे देश में लोकप्रियता हासिल की। कई प्रधान मंत्रियों के सायोगी के रूप में उन्होंने गृह ,रेलवे ,पेट्रोलियम विभाग में मंत्री के रूप में काम करके उसमें जरूरी संशोधन भी किया । आगे चलकर  इंदिरा गांधी के सबसे विश्वास पात्र नेता के तौर पर लोगों ने उन्हें जाना और पहचाना । मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जब उनकी जरूरत पड़ी तो उन्होंने वहां मुख्यमंत्री की कुर्सी की शोभा बढाई । तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा जब मध्य प्रदेश के दौरे पर गए तब उन्होंने एक स्थानिक पत्रकार से अपना संस्मरण साझा करते हुए कहा कि , जब मेरे माता पिता का साया मेरे सर से उठ गया तब मैं अपने सबसे प्रिय मित्र प्रकाश चंद सेठी के घर में शरण लिया था । मै उसको निकट से जनता हूं पी सी सेठी जैसा महान नेता अब मिलना बेहद कठिन है । श्री सावंत ने भरे मन से यह भी कहा कि , नेहरू ,गांधी , शास्त्री , डॉ राधाकृष्णन , डॉ जाकिर हुसैन , अटल बिहारी वाजपेई जैसे देश के तमाम ऐतिहासिक महापुरुषों के साथ बेहद ईमानदारी से देश की सेवा करने वाले हमारे श्रद्धेय और कांग्रेस जनों के आदर्श नेता व देश के महापुरुष भारतीय राजनीत का सबसे चमकदार सितारा ध्रुवतारा गांधीवादी नेता प्रकाश चंद सेठी 21 फरवरी 1996 को  संसार और राजनैतिक क्षितिज से ओझल होकर चिर निंद्रा में सो गया । आज मै उनके जन्म शताब्दी वर्ष पर उनकी पवन स्मृति को बार बार नमन करते हुए सभी कांग्रेस जनों से विनम्र प्रार्थना करता हूं, हम सभी इस बात का प्रतिज्ञा लें कि , अपने जीवन पर्यन्त बिना किसी लोभ और लालच के देश की सेवा करते रहेंगे ।

प्रस्तुति कपिलदेव खरवार  20/10/2020 मुंबई ।

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