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कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य तथा आउट रीच कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संसद मे कृषि क्षेत्र से जुडे तीन-तीन किसान विरोधी विधेयक को प्रस्तुत करने को पूरी तरह से किसान विरोधी तथा देश के राष्ट्रीय जनमत के खिलाफ करार दिया है। श्री तिवारी ने इन विधेयको पर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए मोदी सरकार पर संख्याबल के माध्यम से पास कराये जाने की अलोकतांत्रिक कार्यवाही को देश मे जमीदारी प्रथा वापस लाये जाने का जनविरोधी कदम ठहराते हुए ऐलान किया है कि कांग्रेस संसद से लेकर सड़क तक इसका भूमि संशोधन विधेयक की तरह विरोध करेगी। शुक्रवार को नगर स्थित क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना के कैम्प कार्यालय पर पत्रकार वार्ता मे सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि यह किसान विरोधी विधेयक मोदी सरकार ने किसानो पर जबरिया थोपा भी तो कांग्रेस की सरकार बनते ही चौबीस घंटे के अंदर इस काले कानून को समाप्त कर दिया जाएगा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि किसान विरोधी इन विधेयको के लागू होते ही मण्डियां समाप्त हो जाएगी और पूंजीपतियो के हाथो मे किसानो की फसल की कीमत निर्धारित करने का असहनीय अधिकार हो जायेगा। श्री तिवारी ने इन विधेयको की कई किसान विरोधी खामियों पर गिनाते हुए कहा कि इससे फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी प्रभावकारी नही रह जाएगा और पूंजीपतियो के अपार सम्पत्ति के आगे किसान अपनी उपज का सही लाभ तक हासिल नही कर सकेगा। उन्होनंे मोदी सरकार से सवाल उठाया कि जब वह इन विधेयको को लेकर अपने लगभग पचीस साल पुराने सबसे विश्वसनीय गठबंधन अकाली दल के कैबिनेट मंत्री को नही समझा पा रहे है तो किसान और देश की जनता को कैसे इस काले कानून के जरिए विश्वास मे ले पाएगें। वहीं कांग्रेस वर्किग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने अकाली दल के कोटे से गठबंधन की केन्द्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरन कौर बादल के इस्तीफे पर भी तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ मंत्रिमण्डल से वह इस्तीफा दे रही है और दूसरी तरफ अकाली दल का मोदी सरकार का समर्थन जारी रखना महज एक राजनैतिक नौटंकी के अलावा और कुछ भी नही है। उन्होने अकाली दल से कहा कि यदि वह सचमुच मोदी सरकार के कार्यो से असंतुष्ट है तो सीधे सीधे अपना समर्थन वापस ले । उन्होनें कहा कि यदि अकाली दल समर्थन जारी रखता है तो इससे कांग्रेस की यह अंदेशा सच साबित हो जाती है कि केन्द्रीय मंत्री का इस्तीफा किसानो के हित मे न होकर सिर्फ पंजाब मे किसानो के आक्रोश के डर से बचने की एक सियासी चाल ही है। पार्टी की सर्वोच्च राजनीतिक नीतिगत मामलो की कमेटी के मेंबर प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी की अगुवाई मे कांग्रेस ही किसानो की देशव्यापी लड़ाई मजबूती से लड़ रही है। किसान एजेण्डे पर पंजाब मे मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व मे किसानो के हितो की सुरक्षा के लिए लडी जा रही कांग्रेस की लडाई का हवाला देते हुए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने आजादी के बाद जमींदारी प्रथा का विनाश किया था। उन्होने यह भी कहा कि जमींदारी प्रथा से मुक्ति मिलने के बाद कांग्रेस ने किसानो को उनकी भूमि का स्वामित्व एवं हक दिलाते हुए किसान को खुद की जमीन का मालिकाना अधिकार दिलाये जाने मे बडी देशव्यापी सफलता ली। चीन व भारत के ताजा जारी तनाव के हालात पर भी केंद्र की सरकार को कटघरे मे खडा करते हुए आउटरीच कमेटी के प्रभारी प्रमोद तिवारी ने कहा कि एक तरफ एलएसी को लेकर रक्षामंत्री और विदेशमंत्री तथा सेटेलाइट की तस्वीरें भी यह स्वीकार कर रही है कि एलएसी के इस तरफ देश की भूमि पर चीन ने कब्जा कर रखा है। वही प्रधानमंत्री आज तक आक्रमणकारी चीन का नाम तक नही बता सके और उसे क्लीनचिट भी दे दी है। प्रमोद तिवारी ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ ठहराते हुए सवाल उठाया कि जब चीन ने भारत भूमि पर कब्जा कर रखा है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चीन की बैंक से भारी कर्ज आखिर क्यों ले रहे है। उन्होने चीन के साथ बेहद तनावपूर्ण रिश्ते के बीच प्रधानमंत्री का चीन से लिए गये कर्ज को एलएसी की रक्षा मे अमर शहीद बीस बीस जवानो की शहादत का अपमान ठहराया है। उन्होने कटाक्ष किया कि कर्ज का खेल पीएम के चीन के साथ दोस्ताना सम्बन्ध को लेकर देश एकबार फिर कूटनीतिक स्तर पर सरकार की बड़ी विफलता को लेकर संशय मे आ गया है। उन्होने प्रधानमंत्री से कांग्रेस की तरफ से पुरजोर मांग रखा है कि जब पूरा देश भारतीय सेना के साथ खडा है तो भारतीय भूमि को पीएम कूटनीतिक स्तर पर मुक्त करायें अथवा बहादुर सेना को अब आदेश दें कि वह अपने शौर्य से चीन के कब्जे वाली भूमि खाली कराए। श्री तिवारी ने चीन के साथ बराबर तनाव के समय कर्ज के मुददे पर पीएम मोदी की तगडी घेराबंदी करते हुए तंज कसा कि देश जानना चाहता है कि अब पीएम का छप्पन इंच का सीना और लाल आंखे कहां है। उन्होने कहा कि एक तरफ बीस बीस जांबाज जवानो के कफन मे शव आये और दूसरी तरफ उसी चीन की बैंक से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भारी कर्ज ले रही है। प्रदेश मे बिजली की अनुपलब्धता और कमी तथा यूरिया खाद की लगातार जारी कालाबाजारी पर भी चिंता जताते हुए प्रमोद तिवारी ने कहा कि ऐसी उमस भरी गर्मी और किसानो की फसल के लिए आवश्यकतानुसार बिजली उपलब्ध न होना सरकार के प्रबन्धन की सबसे बड़ी विफलता है। उन्होने सरकार से कहा कि नार्दन ग्रिड मे बिजली की उपलब्धता इस समय बहुत ज्यादा होने की स्थिति मे वह बिजली खरीदे तथा किसान और आम आदमी को चौबीस घण्टे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करे। श्री तिवारी ने कहा कि किसानो की फसल बच सके इसके लिए प्रदेश सरकार को हर कीमत पर देश को सरप्लस बिजली की उपलब्धता को देखते हुए आपूर्ति प्रबन्धन मे सुधार लाये। इस मौके पर प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, चेयरपर्सन अनीता द्विवेदी, ब्लाक प्रमुख ददन सिंह, सांगीपुर प्रमुख अशोक सिंह बब्लू मौजूद रहे।

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