कोरोना वायरस के संक्रमण के भय से भिवंडी के अधिकांश निजी अस्पतालों एवं दवाखानों में मलेरिया,टायफाइड एवं सर्दी-खांसी सहित अन्य छोटी छोटी बीमारियों के मरीजों को भी नहीं देखा जा रहा है। जिसके कारण शहर में इन दिनों जहां मलेरिया एवं टायडाइड के मरीजों की संख्या बढ़ गई है,वहीं शहर में कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो रही है जो चिंता का विषय बना हुआ है । निजी अस्पतालों में नॉन कोविड मरीजों को न देखने व्यथित एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष ने मनपा आयुक्त एवं पुलिस उपायुक्त से नॉन कोविड मरीजों को देखने के लिये निर्देश दिये जाने की मांग की है। इस संबंध में मनपा जनसंपर्क विभाग द्वारा बताया गया है कि नॉन कोविड मरीजों को देखने के लिये शहर के सभी अस्पतालों को आदेश दे दिया गया है।
बतादें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के भय से शहर के निजी अस्पतालों में नॉन कोविड मरीजों को भी नहीं देखा जा रहा है। जिसके कारण शहर में कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से बड़ी संख्या में मौत हो रही है। कई मरीजों की मौत समय से उपचार न मिलने के कारण हो गई है। शहर के निजी अस्पतालों एवं दवाखानों में सर्दी-खांसी एवं मलेरिया,टाइफाइड के मरीजों को उपचार न मिलने के कारण पूरे शहर को मलेरिया ने अपनी चपेट में ले लिया है। वंजारपट्टी नाका के पास स्थित पटेलनगर के रहने वाले मो. आमिर आज़मी ने बताया है कि बरसात शुरू होने के बाद शहर में मलेरिया एवं टाइफाइड ने अपना पैर पसार दिया है। शहर की झोपड़पट्टियों सहित अन्य क्षेत्रों में प्रत्येक घर में कोई न कोई मलेरिया एवं टायफाइड से पीड़ित है। लेकिन उन्हें उपचार नहीं मिल पा रहा है। उपचार न मिलने के कारण शहर में लोगों की मौत हो रही है। भिवंडी शहर एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शेख मो. खालिद गुड्डू ने मनपा आयुक्त एवं पुलिस उपायुक्त को भेजे गये पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस के भय से शहर के निजी चिकित्सालयों एवं दवाखानों में कोरोना संक्रमित मरीजों के अलावा अन्य बीमारियों के मरीजों को भी नहीं देखा जा रहा है। जिसके कारण दुर्घटनाग्रस्त एवं हार्ट आदि के गंभीर बीमारियों के मरीजों को ऑटो रिक्शा अथवा एंबुलेंस आदि से निजी अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ता है। इसके बाद भी उन्हें समय से उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है ।गंभीर बीमारियों के मरीजों को समय से उपचार न मिलने के कारण अस्पताल पहुंचने के पहले उनकी एंबुलेंस एवं ऑटो रिक्शा में ही मौत हो जा रही है।एआईएमआईएम नेता शेख मो. खालिद गुड्डू ने समय से उपचार न मिलने के कारण हो रही मरीजों की मौत का जवाबदार शहर के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों एवं उनके मालिकों को ठहराया है ।
इस संदर्भ में शेख मो. खालिद गुड्डू ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुये कहा है कि प्रत्येक नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा मिलना उनका मूलभूत अधिकार है। जिसका पालन करने के लिये केंद्र एवं राज्य सरकार ने भी आदेश जारी किया है। लेकिन भिवंडी के निजी चिकित्सालयों के डॉक्टरों एवं उनके मालिकों द्वारा उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवमानना के साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार के आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है। जिसका परिणाम शहर के नागरिकों को भोगना पड़ रहा है।इस संदर्भ में भिवंडी शहर एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष शेख मो. खालिद गुड्डू ने मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर एवं पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे से शहर के निजी चिकित्सालयों एवं दवाखाना के डॉक्टरों एवं मालिकों को 24 घंटे के अंदर अपने अस्पतालों को खोलने की मांग करते हुये कहा है कि यदि शहर के निजी अस्पताल के डॉक्टर आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 299,304,304 (ए) एवं 308 के तहत मामला दर्ज किया जाये ।
उक्त संदर्भ में जानकारी देते हुए भिवंडी मनपा आयुक्त डॉ प्रवीण आष्टीकर से ने बताया है कि शहर के सभी निजी चिकित्सालयों को सुरक्षा एवं सतर्कता के साथ कोविड एवं नॉन कोविड मरीजों को देखने का आदेश दे दिया गया है। मरीजों को न देखने वाले डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी ।
बतादें कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के भय से शहर के निजी अस्पतालों में नॉन कोविड मरीजों को भी नहीं देखा जा रहा है। जिसके कारण शहर में कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों से बड़ी संख्या में मौत हो रही है। कई मरीजों की मौत समय से उपचार न मिलने के कारण हो गई है। शहर के निजी अस्पतालों एवं दवाखानों में सर्दी-खांसी एवं मलेरिया,टाइफाइड के मरीजों को उपचार न मिलने के कारण पूरे शहर को मलेरिया ने अपनी चपेट में ले लिया है। वंजारपट्टी नाका के पास स्थित पटेलनगर के रहने वाले मो. आमिर आज़मी ने बताया है कि बरसात शुरू होने के बाद शहर में मलेरिया एवं टाइफाइड ने अपना पैर पसार दिया है। शहर की झोपड़पट्टियों सहित अन्य क्षेत्रों में प्रत्येक घर में कोई न कोई मलेरिया एवं टायफाइड से पीड़ित है। लेकिन उन्हें उपचार नहीं मिल पा रहा है। उपचार न मिलने के कारण शहर में लोगों की मौत हो रही है। भिवंडी शहर एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शेख मो. खालिद गुड्डू ने मनपा आयुक्त एवं पुलिस उपायुक्त को भेजे गये पत्र में कहा है कि कोरोना वायरस के भय से शहर के निजी चिकित्सालयों एवं दवाखानों में कोरोना संक्रमित मरीजों के अलावा अन्य बीमारियों के मरीजों को भी नहीं देखा जा रहा है। जिसके कारण दुर्घटनाग्रस्त एवं हार्ट आदि के गंभीर बीमारियों के मरीजों को ऑटो रिक्शा अथवा एंबुलेंस आदि से निजी अस्पतालों का चक्कर लगाना पड़ता है। इसके बाद भी उन्हें समय से उपचार की सुविधा नहीं मिल पा रही है ।गंभीर बीमारियों के मरीजों को समय से उपचार न मिलने के कारण अस्पताल पहुंचने के पहले उनकी एंबुलेंस एवं ऑटो रिक्शा में ही मौत हो जा रही है।एआईएमआईएम नेता शेख मो. खालिद गुड्डू ने समय से उपचार न मिलने के कारण हो रही मरीजों की मौत का जवाबदार शहर के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों एवं उनके मालिकों को ठहराया है ।
इस संदर्भ में शेख मो. खालिद गुड्डू ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुये कहा है कि प्रत्येक नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा मिलना उनका मूलभूत अधिकार है। जिसका पालन करने के लिये केंद्र एवं राज्य सरकार ने भी आदेश जारी किया है। लेकिन भिवंडी के निजी चिकित्सालयों के डॉक्टरों एवं उनके मालिकों द्वारा उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवमानना के साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार के आदेशों की भी अवहेलना की जा रही है। जिसका परिणाम शहर के नागरिकों को भोगना पड़ रहा है।इस संदर्भ में भिवंडी शहर एआईएमआईएम जिलाध्यक्ष शेख मो. खालिद गुड्डू ने मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर एवं पुलिस उपायुक्त राजकुमार शिंदे से शहर के निजी चिकित्सालयों एवं दवाखाना के डॉक्टरों एवं मालिकों को 24 घंटे के अंदर अपने अस्पतालों को खोलने की मांग करते हुये कहा है कि यदि शहर के निजी अस्पताल के डॉक्टर आदेश का पालन नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध आईपीसी की धारा 299,304,304 (ए) एवं 308 के तहत मामला दर्ज किया जाये ।
उक्त संदर्भ में जानकारी देते हुए भिवंडी मनपा आयुक्त डॉ प्रवीण आष्टीकर से ने बताया है कि शहर के सभी निजी चिकित्सालयों को सुरक्षा एवं सतर्कता के साथ कोविड एवं नॉन कोविड मरीजों को देखने का आदेश दे दिया गया है। मरीजों को न देखने वाले डॉक्टरों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी ।
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