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कोरोना वायरस की इस महामारी के समय में संक्रमित मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढती जा रही है जिसमें बहुत से मरीजों की उपचार के दरम्यान मृत्यु भी हो रही है । परिणाम स्वरुप वर्तमान समय में मुस्लिम समुदाय की कब्रिस्तान में जगह का अभाव है बल्कि बहुत से कब्रिस्तान प्रशासन ने तो जगह नहीं है इस प्रकार का बोर्ड कब्रिस्तान के मुख्य द्वार पर लगा दिया है जिसकारण मुसलमानों की मयत को दफन करने के लिए एक बडी गंभीर समस्या  का निर्माण हो रहा है  जिसकारण मुसलमान चिंतित व भयभीत हैं। और कुछ कब्रिस्तान की भूखंड पर अवैध रूप से समाज के  अन्य लोगों द्वारा अतिक्रमण कर 23 दुकान का गाला व पावरलूम कारखाना निर्माण किया गया है    तथा सुरक्षा दीवार न होने के कारण कब्रिस्तान अव्यवस्था रूप में है जिसकारण कब्रिस्तान में मयत को दफन करने के लिए अतिक्रमण कर्ताओं द्वारा रोका जाता  है ,इस प्रकार अमानवीय कृत्य से समाज को अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जो एक गंभीर समस्या बनी हुई है । 
 उल्लेखनीय है कि भिवंडी मनपा क्षेत्र अंतर्गत जैतून पूरा भिवंडी स्थित प्राचीन काल से  पीर चिंगीशाह ब्रहणा दरगाह ट्रस्ट स्थापित है जिसकी देखभाल स्थानीय मुस्लिम समाज के लोग करते हैं।पीर चिंगी शाह ब्रहणा दरगाह ट्रस्ट की 7 एकड़ आरक्षित भूखंड है तथा मोज़े भिवंडी, तालुका भिवंडी, जिला ठाणे स्थित सर्वे नंबर 96/6,सिटी सर्व नंबर 6683 जो 4109.2 चौ मीटर इनाम वर्ग  03 (देव स्थान) के नाम पर है जो मुस्लिम कब्रिस्तान के नाम पर आरक्षित है। उक्त भूखंड पर  कब्रिस्तान स्थापित करने के लिए स्थानीय समाजसेवक  जावेद अख्तर सिराज अहमद अंसारी उर्फ किरन ने महाराष्ट्र राज्य वक्फ मंडल औरंगाबाद के समक्ष आवेदन किया था । जिसके अनुसार महाराष्ट्र राज्य वक्फ मंडल द्वारा     दिनांक 27.11.2015 को आदेश पारित कर कब्रिस्तान की भूखंड की पैमाइश व सुरक्षा दीवार निर्माण  करने की अनुमति दी गई है।इसके अनुसार जावेद अख्तर सिराज अहमद अंसारी उर्फ किरन   व इनके सहयोगियों ने स्वयं खर्च कर पतरे की सुरक्षा दीवार निर्माण किया  है। इसी प्रकार महाराष्ट्र राज्य वक्फ मंडल औरंगाबाद की अनुमति के अनुसार दिनांक 3 .12.015 को महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग मोहम्मद हुसेन अमीर साहेब की उपस्थिति में तथा इनके हस्तों  कब्रिस्तान की सुरक्षा का उद्घाटन किया गया था, उस समय ईंट की सुरक्षा दीवार का निर्माण न करके लोहे के पत्रा की सुरक्षा दीवार का निर्माण किया गया है तथा कब्रिस्तान का फलक लगाया गया था । उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा पारित जी आर के अनुसार इनाम वर्ग 3 देव स्थान की भूखंड पर दरगाह,मस्जिद या मंदिर का ही नाम रहेगा बकया सारे नाम जो दर्ज हैं उसे निष्कासित किया जाये लेकिन बडे आश्चर्य की बात है कि भिवंडी तहसीलदार की मिलीभगत से यहां उक्त प्रकार का कामकाज रूकने का नाम नहीं ले रहा है ,इसलिए सरकार द्वारा ऐसे भ्रष्ट अधिकारी तथा उक्त प्रकरण में सम्मिलित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए ।  उक्त संदर्भ में स्थानीय एक महिला श्रीमती रेहाना मुर्तुजा सैय्यद जो सगीर मकबूल अंसारी व इनके परिवार के संरक्षण में मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया था जिसका याचिका क्रमांक 2043/2016 है, याचिका में  इस भूखंड  को अपनी निजी संपत्ति होने का दावा किया था ।इस याचिका की सुनवाई करते हुए मा न्यायाधीश ने पूरे प्रकरण की विस्तृत  रूप से पुष्टि की और 13.11.019 को आदेश पारित करते हुए याचिका कर्ता की याचिका खारिज कर दिया है। इस आदेश की प्रति याचिका कर्ता श्रीमती रेहाना मुर्तुजा सैय्यद तथा भिवंडी निजामपुर शहर  महानगरपालिका को प्रेषित किया गया है  ।उक्त संदर्भ में स्थानीय समाजसेवक जावेद अख्तर सिराज अहमद अंसारी उर्फ किरन ने जानकारीदेते हुए बताया कि यह न्याय केवल ट्रस्ट को नहीं मिला है बल्कि इस क्षेत्र की जनता को मिला हम समाज की ओर से मा न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त करते हैं ।वहीं यह भी बताया कि यह कब्रिस्तान बनने से जैतून पूरा काप तालाब, यूनुस नगर, समद सेठ बागीचा , घूंघट नगर,सोनी होम बिल्डिंग, हुदा चाल आदि परिसर  के लोगों को बडी राहत पहुंचेगी और सुविधा के अनुसार अपनी मयत को दफन कर सकेंगे। 

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