भिवंडी ।एम हुसेन।भिवंडी मजदूर बहुल क्षेत्र है इनकी स्वस्थ्य की सुविधा के लिए भी इनकी उपेक्षित कार्यभार के कारण इन्हें अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है। गौरतलब है कि शहर के इकलौते सरकारी अस्पताल के कोविड-19 में तब्दील किये जाने के बाद यहां के गरीब मजदूरों को उपचार के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। विशेषकर गर्भवती महिलाओं को लाॅकडाउन के दौरान प्रसव सहित नाना प्रकार की गंभीर समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है जो एक गंभीर समस्या बनी हुई है ।
ज्ञात हो कि स्व इंदिरागांधी मेमोरियल उप जिला कोविद-19 अस्पताल होने के बाद भिवंडीवासियों के निःशुल्क उपचार के लिए मनपा द्वारा गर्भवती महिलाओं सहित सामान्य रोगों ओपीडी आदि के लिए यहां के ऑरेंज अस्पताल को वैकल्पिक अस्पताल के रूप में चयनित किया गया था। लेकिन बताया जाता है की अस्पताल की नोडल ऑफिसर और मनपा की डॉ. विद्या शेट्टी के कारण तरह-तरह की गड़बड़ियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि अपना एक भव्य निजी अस्पताल चलाने वाली ये वही डाॅ. विद्या शेट्टी हैं जो लगभग दशक भर भिवंडी मनपा की मुख्य चिकित्साधिकारी के पद पर कार्यरत रही हैं। लेकिन अनियमितताओं के चलते छः माह पूूूर्व ही इन्हें उक्त पद से हटा दिया गया है।
उक्त संदर्भ में संवाद फाउंडेशन के गोविंद शर्मा ने बताया कि इस अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने में तरह तरह की बहानेबाजी करते हुए गर्भवती महिलाओं को अनेक प्रकार से परेशान किया जा रहा है। शर्मा ने बतौर प्रमाण ऐसे कई मामलों का उदारण पेश करते हुए बताया कि कोंबडपाड़ा निवासी निर्मला बल्लू नामक गर्भवती महिला को ऑरेंज अस्पताल में भर्ती से इंकार करते हुए डाॅ. विद्या शेट्टी के निजी अस्पताल में जाने के लिए कहा गया बाद में फाउंडेशन और डाॅ. अनिल थोरात के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ । इसी प्रकार एक अन्य गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के बाद ऑरेंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसे लावारिश छोड़ दिया गया। बाद में उक्त गरीब महिला को मजबूरन कर्ज लेकर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। गोविंद शर्मा ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि संकट की इस घड़ी में डाक्टरों के गैर मानवीय कारनामों को संज्ञान लेते हुए तुरंत इनके विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए।
जब इस संबंध में है मनपा के मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. जयंत धुले से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले की इंचार्ज डाॅ. विद्या शेट्टी हैं। इस अस्पताल में 3-3 स्त्री विशेषज्ञ होने के बाद इस प्रकार की बात नहीं होनी चाहिए। इसी प्रकार इंदिरागांधी अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डाॅ. अनिल थोरात ने बताया कि आवश्यकतानुसार मुंबई के सरकारी अस्पताल में जाने के लिए तो कहा जा सकता है। लेकिन किसी निजी अस्पताल की सलाह कतई नहीं दी जा सकती। अगर ऐसी कोई बात है तो भुक्त भोगियों को मुझे या मनपा आयुक्त के पास शिकायत करनी चाहिए। क्योंकि मनपा आयुक्त ने ही ऑरेंज अस्पताल को अरेंज करके मनपा अस्पताल की डॉ. विद्या शेट्टी को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया है। यदि इसके बावजूद भी किसी को कोई शिकायत है तो मुझसे शीघ्र रूप से संपर्क कर सकता है निश्चित रूप से समस्याओं का समाधान होगा ।
ज्ञात हो कि स्व इंदिरागांधी मेमोरियल उप जिला कोविद-19 अस्पताल होने के बाद भिवंडीवासियों के निःशुल्क उपचार के लिए मनपा द्वारा गर्भवती महिलाओं सहित सामान्य रोगों ओपीडी आदि के लिए यहां के ऑरेंज अस्पताल को वैकल्पिक अस्पताल के रूप में चयनित किया गया था। लेकिन बताया जाता है की अस्पताल की नोडल ऑफिसर और मनपा की डॉ. विद्या शेट्टी के कारण तरह-तरह की गड़बड़ियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि अपना एक भव्य निजी अस्पताल चलाने वाली ये वही डाॅ. विद्या शेट्टी हैं जो लगभग दशक भर भिवंडी मनपा की मुख्य चिकित्साधिकारी के पद पर कार्यरत रही हैं। लेकिन अनियमितताओं के चलते छः माह पूूूर्व ही इन्हें उक्त पद से हटा दिया गया है।
उक्त संदर्भ में संवाद फाउंडेशन के गोविंद शर्मा ने बताया कि इस अस्पताल में मरीजों को भर्ती करने में तरह तरह की बहानेबाजी करते हुए गर्भवती महिलाओं को अनेक प्रकार से परेशान किया जा रहा है। शर्मा ने बतौर प्रमाण ऐसे कई मामलों का उदारण पेश करते हुए बताया कि कोंबडपाड़ा निवासी निर्मला बल्लू नामक गर्भवती महिला को ऑरेंज अस्पताल में भर्ती से इंकार करते हुए डाॅ. विद्या शेट्टी के निजी अस्पताल में जाने के लिए कहा गया बाद में फाउंडेशन और डाॅ. अनिल थोरात के हस्तक्षेप से मामला शांत हुआ । इसी प्रकार एक अन्य गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के बाद ऑरेंज अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां उसे लावारिश छोड़ दिया गया। बाद में उक्त गरीब महिला को मजबूरन कर्ज लेकर एक निजी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। गोविंद शर्मा ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि संकट की इस घड़ी में डाक्टरों के गैर मानवीय कारनामों को संज्ञान लेते हुए तुरंत इनके विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए।
जब इस संबंध में है मनपा के मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ. जयंत धुले से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले की इंचार्ज डाॅ. विद्या शेट्टी हैं। इस अस्पताल में 3-3 स्त्री विशेषज्ञ होने के बाद इस प्रकार की बात नहीं होनी चाहिए। इसी प्रकार इंदिरागांधी अस्पताल के चिकित्साधीक्षक डाॅ. अनिल थोरात ने बताया कि आवश्यकतानुसार मुंबई के सरकारी अस्पताल में जाने के लिए तो कहा जा सकता है। लेकिन किसी निजी अस्पताल की सलाह कतई नहीं दी जा सकती। अगर ऐसी कोई बात है तो भुक्त भोगियों को मुझे या मनपा आयुक्त के पास शिकायत करनी चाहिए। क्योंकि मनपा आयुक्त ने ही ऑरेंज अस्पताल को अरेंज करके मनपा अस्पताल की डॉ. विद्या शेट्टी को नोडल ऑफिसर नियुक्त किया है। यदि इसके बावजूद भी किसी को कोई शिकायत है तो मुझसे शीघ्र रूप से संपर्क कर सकता है निश्चित रूप से समस्याओं का समाधान होगा ।
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