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-एक अप्रैल को हुआ था मेडिकल चेकअप डॉक्टरों ने दी थी 14 दिन तक घर में रहने की हिदायत

शाहजहांपुर /खुटार-मुंबई से अपने बहनोई के घर आया एक संदिग्ध युवक को मोहल्ले के लोगों ने पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। लेकिन दरोगा ने बिना कोई कार्यवाही के उसे छोड़ दिया। जबकि 1 अप्रैल को युवक का मेडिकल परीक्षण भी हुआ था और डॉक्टरों ने उसे 14 दिन तक अलग कमरे में रहने की हिदायत दी थी। लेकिन उसके बाद भी वह बैग लेकर कहीं जाने की फिराक मे था, तभी लोगों ने उसे पकड़ लिया।
नगर के एक मोहल्ले में रहने वाला एक युवक हेयर कटिंग का काम करता है। कुछ दिन पहले उसके घर मुंबई में रहने वाला उसका साला आया है। कोरोना वायरस को देखते हुए पुलिस और मोहल्ले के लोगों ने मुंबई से आए रिश्तेदार का मेडिकल कराने की सलाह दी थी। जिसके बाद युवक 1 अप्रैल को अपने साले के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार पहुंचा था। जहां थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से जांच जांच कराई थी। जांच के दौरान डॉक्टरों ने दोनों को 14 दिन तक अपने घरों में घर परिवार से अलग रहने की चेतावनी दी थी। लेकिन इसके बाद भी उक्त युवक अपने साले के साथ आज पड़ोस के मोहल्ला बगियानाथ में संदिग्ध अवस्था में बैग लेकर जाते हुए दिखाई दिया। शक होने पर मोहल्ले के लोगों ने उसे पकड़ लिया और दोनों को पुलिस के सुपुर्द कर दिया। मौके पर पहुंचे सिपाही शमीम और विष्णु दोनों को अपने साथ थाने ले गए। जहां दरोगा सुनील त्रिपाठी ने बिना किसी कार्यवाही के पूछताछ के बाद दोनों को चलता कर दिया। दरोगा के इस रवैया से हिंदूवादी संगठनों के लोगों में खासी नाराजगी है। हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने पुलिस क्षेत्राधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ ही एडीजी बरेली को मामले की जानकारी देकर लापरवाह दरोगा व लाकडाउन का उल्लंघन करने वाले दोनों व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
 ब्यूरो रिपोर्ट :  बीडी कनौजिया शाहजहांपुर


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