भिवंडी ।एम हुसेन। ठाणे प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में प्राइवेट व्यक्ति का उपयोग शासकीय काम के लिए उपयोग करने का मामला प्रकाश में आने के बाद राज्य के परिवहन आयुक्त शेखर चन्ने ने जगदीश रांजणे व दीपक गांगुर्डे इन दोनों कर्मचाऱियों को परिवहन सेवा से निलंबित कर दिया है। उल्लेखनीय है कि ठाणे परिवहन कार्यालय में सरकारी काम करने के लिए प्राइवेट व्यक्ति का उपयोग किया जाता था जिसकी शिकायत राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल ने महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव से की थी ।जिसे गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेते हुए उक्त प्रकार की कार्रवाई परिवहन आयुक्त ने की है।इस कार्रवाई से शरद धुमाल द्वारा किए गए पत्र व्यवहार व प्रयासों को सफलता प्राप्त हुई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ठाणे आर.टी.ओ.में कर्मचारी यहां परिवहन विषयक काम करने के लिए दलालों का आधार लेते हैं, दलालों के मध्यस्थी शिवाय ठाणे आर.टी.ओ.में कामकाज होना संभव नहीं था जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी प्रकार ठाणे आर.टी.ओ. में कर्मचारी दलाल द्वारा शीघ्र रूप से रिश्वत स्वीकार न करते हुए रिश्वत की रकम गुपचुप मिले इसलिए प्राइवेट व्यक्ति को ठाणे आर.टी.ओ.कार्यालय में तैयनात करके इन के माध्यम से ठाणे आर.टी.ओ.में शासकीय कामकाज बिना किसी दिक्क़त के कराया जाता था।जबकि शासकीय कामकाज के लिए प्राइवेट व्यक्ति का उपयोग न करने के लिए शासन द्वारा सख्त आदेश दिया गया है ।इसके बावजूद ठाणे आर.टी.ओ.कार्यालय के कर्मचारी धडल्ले से प्राइवेट व्यक्ति का उपयोग शासकीय कामकाज के लिए कर रहे थे। उक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल ने महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत कर शिकायत दर्ज कराई थी ।जिसे गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेते हुए तत्काल प्रभाव से कारवाई करने के लिए आदेश मुख्य सचिव ने परिवहन आयुक्त शेखर चन्ने को दिया था।जिसके अनुसार इस मामले की जांच कर दोषी पाये गये ठाणे आर.टी.ओ. में वरिष्ठ लिपिक जगदीश रांजणे व दीपक गांगुर्डे इन दोनों को निलंबित कर दिया है।राज्य परिवहन आयुक्त द्वारा की गई उक्त कार्रवाई के परिणाम स्वरुप संपूर्ण राज्य के परिवहन विभाग में हडकंम मचा हुआ ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ठाणे आर.टी.ओ.में कर्मचारी यहां परिवहन विषयक काम करने के लिए दलालों का आधार लेते हैं, दलालों के मध्यस्थी शिवाय ठाणे आर.टी.ओ.में कामकाज होना संभव नहीं था जो चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी प्रकार ठाणे आर.टी.ओ. में कर्मचारी दलाल द्वारा शीघ्र रूप से रिश्वत स्वीकार न करते हुए रिश्वत की रकम गुपचुप मिले इसलिए प्राइवेट व्यक्ति को ठाणे आर.टी.ओ.कार्यालय में तैयनात करके इन के माध्यम से ठाणे आर.टी.ओ.में शासकीय कामकाज बिना किसी दिक्क़त के कराया जाता था।जबकि शासकीय कामकाज के लिए प्राइवेट व्यक्ति का उपयोग न करने के लिए शासन द्वारा सख्त आदेश दिया गया है ।इसके बावजूद ठाणे आर.टी.ओ.कार्यालय के कर्मचारी धडल्ले से प्राइवेट व्यक्ति का उपयोग शासकीय कामकाज के लिए कर रहे थे। उक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय मानव हक्क मंच के अध्यक्ष शरद धुमाल ने महाराष्ट्र राज्य के मुख्य सचिव के समक्ष ज्ञापन प्रस्तुत कर शिकायत दर्ज कराई थी ।जिसे गंभीरतापूर्वक संज्ञान में लेते हुए तत्काल प्रभाव से कारवाई करने के लिए आदेश मुख्य सचिव ने परिवहन आयुक्त शेखर चन्ने को दिया था।जिसके अनुसार इस मामले की जांच कर दोषी पाये गये ठाणे आर.टी.ओ. में वरिष्ठ लिपिक जगदीश रांजणे व दीपक गांगुर्डे इन दोनों को निलंबित कर दिया है।राज्य परिवहन आयुक्त द्वारा की गई उक्त कार्रवाई के परिणाम स्वरुप संपूर्ण राज्य के परिवहन विभाग में हडकंम मचा हुआ ।
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