भिवंडी । एम हुसेन। डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के शव को ६ दिसंबर १९५६ को दिल्ली से नागपूर व उसके बाद मुंबई लाकर डॉ.भदंत आनंद कौशल्यायन ने लाया व इसकी जानकारी सभी स्थानों पर दी । जो नागरिक नागपूर स्थित धर्मांतर हेतु नहीं जासके उन लोगों को डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर की चिता का साक्षी रखकर बौद्ध धम्म की दीक्षा डॉ.भदंत आनंद कौशल्यायन ने दी । इस प्रकार की प्रतिक्रिया डॉ.भदंत आनंद कौशल्यायन के ११५ वीं जयंती के अवसर पर दिपंकर विपश्यना मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा धम्मराजिक कासणे ( वासिंद)एवं राष्ट्रनिर्माता डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति के संयुक्त रूप से तालुका के कासणे धम्मराजिक महाविहार विपश्यना सेंटर स्थित धम्म परिषद आणि थायलंड से लिए गए साढे सात फुट ऊंची मूर्ती की प्रतिष्ठापना, विद्यालंकार ग्रंथालाय के उद्घाटन, विपश्यना साधना हॉल का उद्घाटन, डॉ.भदंत आनंद कौशल्यायन के स्तुप का भूमिपूजन संघनायक डॉ.भदंत आनंद महाथेरो, जागेश सोमकुवर, रघुनाथ कारगावकर, डॉ.बी.आर. आंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सी.डी.नाईक,डी.बी.धांडे,दिपंकर विपश्यना मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष भदंत विनयबोधी महाथेरो के हस्तों किया गया है।उक्त अवसर पर गौतम बुद्ध व डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर के विचार उपस्थित मान्यवरों ने व्यक्त किया है। डॉ.भदंत आनंद कौशल्यायन के शिष्यों ने उनके द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला। उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राष्ट्रनिर्माता डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर विचार महोत्सव समिति द्वारा महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसी प्रकार इस अवसर पर ठाणे,रायगढ, मुंबई स्थित के नागरिक कार्यक्रम भारी संख्या में उपस्थित थे। महाराष्ट्र शासन द्वारा कासणे विपश्यना सेंटर को पर्यटन स्थल ' क ' दर्जा देने की घोषणा की गई है ।जिसकारण अनेक नागरिकों इस स्थान पर आगमन होता है। डॉ.भदंत आनंद कौशल्यायन के अस्तिकलश पर स्तूप बांधने के लिए हमने संकल्प किया है।तथा विपश्यना सेंटर व बौद्ध भिक्षु सेंटर जल्द से जल्द शुरू करने के लिए संकल्प हमने किया है। इस प्रकार का मनोगत कासणे दिपंकर विपश्यना मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष भदंत विनयबोधी महाथेरो ने व्यक्त किया है।
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