भिवंडी।एम हुसेन। भिवंडी के एक मात्र चौमुख जिनालय श्री श्रद्धा शंखेश्वर पार्वनाथ जैन संघ में मंदिर की 18 वीं वर्षगांठ के अवसर पर श्रद्धाजैन पाठशाला के छोटे-छोटे बच्चे ध्वज चढ़ाएंगे । पाठशाला में पढ़ने वाले जिन बच्चों ने धार्मिक शिक्षा में अच्छी योग्यता प्राप्त की है उन्हें ध्वजा लगाने का लाभ दिया गया है ।जिसमें आठ ध्वज लगाने के लिये 3 वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक के 2 4 बच्चों का समावेश है। जिसका 26 जनवरी को अभिषेक किया जाएगा और उसके बाद 31 जनवरी को ध्वज दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है ।
गौरतलब है कि भिवंडी के भैरव परिवार द्वारा चौमुख जिनालय के तहत अजय नगर के पीछे अंबाजी माता रोड पर श्री श्रद्धा शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन संघ मंदिर की स्थापना की गई है, जिसके संस्थापक छगनलाल जैन हैं । जैन परंपरा के अनुसार मंदिर स्थापना के दिन जो परिवार ध्वज चढ़ाता है, वही परिवार आजीवन ध्वज चढ़ाता है । लेकिन भैरव परिवार के प्रकाशचंद जैन एवं पुष्पतराज जैन ने जैन परंपरा को बदलते हुये निर्णय लिया है कि अब ध्वजा चढ़ाने का लाभ लेने के लिये अन्य दूसरे सामान्य परिवारों को भी अवसर दिया जाएगा । जिससे दूसरे सामान्य परिवार भी इसका लाभ पा सकेंगे । भैरव परिवार द्वारा यह लाभ पिछले आठ वर्षों से दिया जा रहा है, श्रद्धा जैनपाठशाला के बच्चों के 24 बच्चे इस वर्ष ध्वजा चढ़ाएंगे ।
जैन धर्म के अनुसार पाठशाला में पढ़ने वाले जिन बच्चों ने आयंबिल तप,उपवास तप,सामयिक तप,गुरुदर्शन एवं देवदर्शन आदि में अच्छी योग्यता प्राप्त की है उन्हें ही ध्वज चढ़ाने का लाभ दिया जा रहा है। श्रद्धाजैन पाठशाला में धर्मेंद्र शाह सर के मार्गदर्शन में 160 लोगों को धार्मिक शिक्षा दी जा रही है । जिसमें 3 वर्ष से लेकर 50 वर्ष की महिलाओं का समावेश है। लेकिन ध्वज चढ़ाने के लिये इसमें से केवल 24 बच्चों का चयन किया गया है, जिनकी उम्र तीन वर्ष से 15 वर्ष की है|
गौरतलब है कि भिवंडी के भैरव परिवार द्वारा चौमुख जिनालय के तहत अजय नगर के पीछे अंबाजी माता रोड पर श्री श्रद्धा शंखेश्वर पार्श्वनाथ जैन संघ मंदिर की स्थापना की गई है, जिसके संस्थापक छगनलाल जैन हैं । जैन परंपरा के अनुसार मंदिर स्थापना के दिन जो परिवार ध्वज चढ़ाता है, वही परिवार आजीवन ध्वज चढ़ाता है । लेकिन भैरव परिवार के प्रकाशचंद जैन एवं पुष्पतराज जैन ने जैन परंपरा को बदलते हुये निर्णय लिया है कि अब ध्वजा चढ़ाने का लाभ लेने के लिये अन्य दूसरे सामान्य परिवारों को भी अवसर दिया जाएगा । जिससे दूसरे सामान्य परिवार भी इसका लाभ पा सकेंगे । भैरव परिवार द्वारा यह लाभ पिछले आठ वर्षों से दिया जा रहा है, श्रद्धा जैनपाठशाला के बच्चों के 24 बच्चे इस वर्ष ध्वजा चढ़ाएंगे ।
जैन धर्म के अनुसार पाठशाला में पढ़ने वाले जिन बच्चों ने आयंबिल तप,उपवास तप,सामयिक तप,गुरुदर्शन एवं देवदर्शन आदि में अच्छी योग्यता प्राप्त की है उन्हें ही ध्वज चढ़ाने का लाभ दिया जा रहा है। श्रद्धाजैन पाठशाला में धर्मेंद्र शाह सर के मार्गदर्शन में 160 लोगों को धार्मिक शिक्षा दी जा रही है । जिसमें 3 वर्ष से लेकर 50 वर्ष की महिलाओं का समावेश है। लेकिन ध्वज चढ़ाने के लिये इसमें से केवल 24 बच्चों का चयन किया गया है, जिनकी उम्र तीन वर्ष से 15 वर्ष की है|
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